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गोरखपुरः बैगन की खेती करने वाले किसानों को लॉकडाउन के कारण लाखों का नुकसान

उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जिले में बैगन की खेती कर लाखों की कमाई करने वाले किसानों को लॉकडाउन के कारण भारी नुकसान का सामना करना पड़ रहा है.

lockdown phase 3.
किसानों को भारी नुकसान.
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Published : May 12, 2020, 12:50 AM IST

गोरखपुरः लॉकडाउन का व्यापक असर मौसमी सब्जियों की खेती पर पड़ा है. दरअसल जिले के किसान बैगन की खेती करके लाखों की कमाई करते थे. लॉकडाउन के कारण उनके सब्जियों का उचित दाम न मिलने से सब्जियां खेतों में सड़ रही है और किसानों को लाखों का नुकसान हो रहा है.

सामूहिक समारोह पर प्रतिबंध
जिले के पिपराइच क्षेत्र के सैकड़ों किसान मौसमी सब्जियों की खेती करते है. सब्जियों को उगाकर और बाजारों में बेचने के बाद होने वाली आय ही इन किसानों के जीविकोपार्जन का मुख्य जरिया है.

ऐसे में लॉकडाउन के कारण शादी, मुंडन, तिलक जैसे शुभकार्य और समारोह नहीं हो रहे हैं. साथ ही बाजार में सब्जियों के खरीदार भी कम हैं. वहीं दूसरी ओर बे-मौसम हुई बारिश के कारण सब्जियों की फसल को भारी नुकसान हुआ है. ऐसे में किसानों के लिए फसल पर लगी लागत भी निकालना मुश्किल हो गया है.

मण्डियों और बाजारों में खपत न के बराबर
बंचरा गांव के किसान रमेश सिंह 2002 से बैगन की खेती करते है. इन दिनों उन्होंने 25 बीघा जमीन पर सफेद बैगन की बुआई की है. वर्तमान समय में फसल तैयार है, लेकिन बैगन का कोई खरीदार नही है. रमेश सिंह बताते है कि यही बैगन पिछले सीजन में 30- 50 रुपये किलो थोक भाव पर खेत में ही बिक जाता था, लेकिन लॉकडाउन के कारण इसको कोई पूछ नहीं रहा है. मण्डियों और बाजारों में खपत न के बराबर है. लिहाजा तैयार बैगन खेतों में सड़ने लगे है.

रमेश ने बताया कि बैगन को तोड़ने वाले मजदूरों की मजदूरी निकालना मुश्किल है. लागत खर्च निकलना तो दूर की बात है रोजना पांच से दस हजार रुपये का नुकसान हो रहा है.

गोरखपुरः लॉकडाउन का व्यापक असर मौसमी सब्जियों की खेती पर पड़ा है. दरअसल जिले के किसान बैगन की खेती करके लाखों की कमाई करते थे. लॉकडाउन के कारण उनके सब्जियों का उचित दाम न मिलने से सब्जियां खेतों में सड़ रही है और किसानों को लाखों का नुकसान हो रहा है.

सामूहिक समारोह पर प्रतिबंध
जिले के पिपराइच क्षेत्र के सैकड़ों किसान मौसमी सब्जियों की खेती करते है. सब्जियों को उगाकर और बाजारों में बेचने के बाद होने वाली आय ही इन किसानों के जीविकोपार्जन का मुख्य जरिया है.

ऐसे में लॉकडाउन के कारण शादी, मुंडन, तिलक जैसे शुभकार्य और समारोह नहीं हो रहे हैं. साथ ही बाजार में सब्जियों के खरीदार भी कम हैं. वहीं दूसरी ओर बे-मौसम हुई बारिश के कारण सब्जियों की फसल को भारी नुकसान हुआ है. ऐसे में किसानों के लिए फसल पर लगी लागत भी निकालना मुश्किल हो गया है.

मण्डियों और बाजारों में खपत न के बराबर
बंचरा गांव के किसान रमेश सिंह 2002 से बैगन की खेती करते है. इन दिनों उन्होंने 25 बीघा जमीन पर सफेद बैगन की बुआई की है. वर्तमान समय में फसल तैयार है, लेकिन बैगन का कोई खरीदार नही है. रमेश सिंह बताते है कि यही बैगन पिछले सीजन में 30- 50 रुपये किलो थोक भाव पर खेत में ही बिक जाता था, लेकिन लॉकडाउन के कारण इसको कोई पूछ नहीं रहा है. मण्डियों और बाजारों में खपत न के बराबर है. लिहाजा तैयार बैगन खेतों में सड़ने लगे है.

रमेश ने बताया कि बैगन को तोड़ने वाले मजदूरों की मजदूरी निकालना मुश्किल है. लागत खर्च निकलना तो दूर की बात है रोजना पांच से दस हजार रुपये का नुकसान हो रहा है.

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