गोरखपुर : यूपी विधानसभा चुनाव 2022 का महासंग्राम जारी है. आज प्रदेश के 12 जिलों की 61 सीटों पर पांचवें चरण का मतदान हो रहा है. यूपी के इस चुनावी संग्राम के बीच ईटीवी भारत की टीम गोरखपुर जिले की चौरी-चौरा विधानसभा सीट के राजनीतिक समीकरणों को बता रही है.
क्रांतिकारी घटनाक्रम को लेकर देश और दुनिया में एक अलग पहचान रखने वाली गोरखपुर की चौरी-चौरा की धरती, चुनावी राजनीति में भी कुछ अलग ही परिणाम दिखाती रही है. इस सीट से कोई भी प्रत्याशी निरंतर क्रम में लंबे समय से नहीं जीता है. सपा, बसपा और कांग्रेस की झोली में जाती रही इस सीट पर लंबे अंतराल के बाद 2017 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने इस सीट पर फतह हासिल की थी.
बीजेपी ने चौरी-चौरा सीट जीतने के बाद यहां एक ऐसा रिकॉर्ड और उपस्थिति दर्ज कराई है, जिससे आगे निकलना बीजेपी के लिए खुद बड़ी चुनौती है. अगर 2017 के विधानसभा चुनाव की बात करें तो सपा, बसपा और कांग्रेस के प्रत्याशियों को मिलाकर कुल वोट मिले थे. इन तीनों पार्टियों के प्रत्याशियों से अधिक वोट बीजेपी के प्रत्याशी को मिले थे. 2017 के चुनाव में इस सीट पर पहली बार बीजेपी की महिला उम्मीदवार संगीता यादव को जीत मिली थी.
बीजेपी 2012 के चुनाव में इस सीट से मात्र 13.27% वोट ही हासिल कर पाई थी. जबकि 2017 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी को इस सीट पर 45.63% वोट मिले. बीजेपी के खाते में इस सीट से कुल 87,863 वोट पड़े थे. जबकि सपा-कांग्रेस के संयुक्त प्रत्याशी को यहां पर मात्र 42,203 वोट ही मिले थे. बसपा का प्रत्याशी यहां तीसरे नंबर पर था और उसके खाते में 37,478 वोट पड़े थे.
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जातिगत समीकरण
चौरी-चौरा सीट पर जातिगत आंकड़ों पर नजर डालें, तो इस सीट पर ओबीसी और दलित वर्ग के मतदाताओं की संख्या ज्यादा है. यह देखते हुए 2017 के चुनाव में सभी प्रमुख राजनीतिक दलों ने ओबीसी वर्ग के प्रत्याशियों को मैदान में उतारा था. बीजेपी ने भी महौल की नजाकत को भांपते हुए संगीता यादव को प्रत्याशी बनाया था.
वहीं समाजवादी पार्टी ने मनुरोजन यादव, बसपा ने जयप्रकाश निषाद को प्रत्याशी बनाया था. इस सीट पर कांग्रेस ने सपा को समर्थन दिया था, इसके बावजूद भी सपा, बसपा, कांग्रेस तीनों दल मिलकर न तो भाजपा को हरा पाए और न ही उसके मुकाबले वोट पाने में ही कामयाब हुए. चुनावी नतीजे आए, तो बीजेपी प्रत्याशी 45 हजार से ज्यादा मतों के अंतर से चुनाव जीत गईं.
2012 के चुनावी आंकड़े
चौरी-चौरा सीट पर 2012 के विधानसभा चुनाव में बसपा को जीत मिली थी. इस सीट पर बसपा को कुल 45,678 वोट मिले थे. वहीं सपा प्रत्याशी को 29,086 वोट मिले थे, जबकि बीजेपी को कुल 22,515 मत मिले थे.
ओमप्रकाश राजभर की पार्टी भी यहां 1,0620 वोट पाने में कामयाब हुई थी. 2012 के चुनाव में इस सीट पर कुल 22 प्रत्याशी मैदान में उतरे थे. जिनमें ज्यादातर प्रत्याशियों की जमानत जप्त हो गई थी. 2022 के चुनावी समीकरणों की बात करें, तो इस सीट पर बीजेपी और निषाद पार्टी के गठबंधन प्रत्याशी सरवन निषाद चुनावी मैदान में हैं. वहीं सपा से कैप्टन ब्रिजेश लाल पासी, कांग्रेस से जितेन्द्र पांडेय और बसपा से वीरेंद्र पांडेय प्रत्याशी हैं. इसके अलावा इस सीट पर एक निर्दलीय उम्मीदवार अजय कुमार सिंह टप्पू बीजेपी से बगावत करके चुनावी मैदान में उतरे हैं.