गोरखपुर : कहते हैं डॉक्टर भगवान का दूसरा रूप होता है. लेकिन अगर डॉक्टर ही अस्पताल की अव्यवस्थाओं का शिकार हो जाए तो क्या कहेंगे. मामला जनपद के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र जंगल कौड़िया पर तैनात चिकित्सक का है जिसकी कोरोना संक्रमण से मौत हो गई. परिजनों के अनुसार बेड के इंतजार में घंटों बीआरडी मेडिकल कॉलेज के बाहर एंबुलेंस में ही डॉक्टर का इलाज चलता रहा. बार-बार कर्मचारियों से कहने के बावजूद बेड नहीं मिल सका. आखिरकार डॉक्टर ने दम तोड़ दिया.
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ढाई घंटे तक एंबुलेंस में तड़पता रहा डॉक्टर
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र जंगल कौड़िया में तैनात आजमगढ़ निवासी चिकित्सक डॉक्टर अखिलेश पासवान अपने परिवार के साथ भटहट के पास रहते थे. सीएचसी पर इलाज के दौरान ही वो संक्रमित हो गए थे. बीते बुधवार को कोरोना संक्रमण की वजह से उनकी मौत हो गई. परिजनों ने आरोप लगाया कि डॉक्टर अखिलेश ढाई घंटे तक एंबुलेंस में पड़े रहे.
ऑक्सीजन लेवल लगातार कम होता गया. बीआरडी मेडिकल कॉलेज के प्रबंधक, ड्यूटी पर तैनात डॉक्टरों और कर्मचारियों से भर्ती करने की गुहार लगायी गई लेकिन बेड खाली न होने का हवाला दिया जाता रहा. आखिरकार एंबुलेंस में ही डॉक्टर अखिलेश पासवान ने दम तोड़ दिया. इस मामले में बीआरडी मेडिकल कॉलेज प्रशासन से संपर्क करने का प्रयास किया गया लेकिन वहां किसी भी अधिकारी ने कुछ भी कहने से मना कर दिया.