गोरखपुर: बीआरडी मेडिकल कॉलेज में कोविड-19 टेस्ट को लेकर जूनियर डॉक्टर और लैब टेक्नीशियन के बीच बुधवार को विवाद हो गया. लैब टेक्नीशियन की मानें तो रात में जूनियर डॉक्टर कोविड-19 का जांच कराने लैब में आए, जबकि रात में इसकी जांच नहीं होती है. इसके बावजूद जूनियर डॉक्टर जबरदस्ती करने लगे. लैब टेक्नीशियन ने एचओडी का हवाला देकर जांच करने से मना कर दिया. इसके बाद जूनियर डॉक्टर हाथापाई पर उतर आये. यही नहीं, डॉक्टरों ने लैब में तोड़फोड़ भी किया, जिससे नाराज लैब टेक्नीशियन सुबह अपने कार्य का बहिष्कार कर मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल ऑफिस के सामने धरने पर बैठ गए. उनकी मांग थी कि जब तक जूनियर डॉक्टर के साथ उचित कार्रवाई नहीं होगी, तब तक कार्य पर नहीं लौटेंगे.
इस पूरे मामले में जब बीआरडी मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल गणेश कुमार से बात की गई, तो उन्होंने कहा कि जो भी घटना हुई है वह बहुत ही दुखद है. जिसकी भी गलती होगी, उसके खिलाफ कार्रवाई होगी. उन्होंने कहा कि इंक्वायरी कमेटी बैठा दी है. जांच कमेटी जो भी निर्णय लेगी, उसके अनुसार कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने कहा कि घटना से कमिश्नर और डीएम को अवगत करा दिया गया है और इसमें मजिस्ट्रेट जांच भी कराई जाएगी. जो भी दोषी होगा, उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. लैब टेक्नीशियन की ओर से लिखित एप्लिकेशन लेने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी.
बीआरडी मेडिकल कॉलेज में आए दिन जूनियर डॉक्टरों द्वारा तीमारदारों से मारपीट का मामला सामने आता है, लेकिन मामला अक्सर दब जाता है. वहीं इस बार की मारपीट जब जूनियर डॉक्टर और पैथोलॉजी कर्मियों के बीच हुई तो विवाद खुलकर सामने आ गया. इस विषय पर जब बीआरडी मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल से बात की गई, तो उन्होंने कहा कि डॉक्टरों की हमेशा काउंसलिंग होती रहती है और हमेशा डॉक्टरों की ही गलती नहीं रहती है. आवेश में पब्लिक भी गलती कर देती है. डॉक्टरों की काउंसिलिंग कराते रहते हैं. विवाद न हो, इसका पूरा प्रयास किया जाता है.
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