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गोरखपुरः जुमातुल विदा और ईद-उल-फितर के लिए गाइडलाइन जारी - ईंद 2020

उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में धर्मगुरु अख्तर हुसैन अजहर मन्नानी ने माह-ए-रमजान और ईद-उल-फितर नमाज की अदायगी के बारे में आनलाइन मीटिंग की है. धर्मगुरु ने मीटिंग में गाइडलाइन जारी की है कि सभी लॉकडाउन का पालन करते हुए अपने घरों पर ही ईद-उल-फितर का त्योहार बनाए.

ईंद-उल-फितर
धर्मगुरु ने आनलाइन मीटिंग में जारी किया गाइडलाइन.
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Published : May 22, 2020, 10:05 AM IST

गोरखपुरः माह-ए-रमजान के अन्तिम जुम्मे और ईद-उल-फितर नमाज की अदायगी के लिए लॉकडाउन के मद्देनजर शहर के धर्मगुरु अख्तर हुसैन अजहर मन्नानी ने आनलाइन मीटिंग की है. जहां उन्होंने गाइडलाइन जारी करते हुए उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी में पूरा विश्व संकट में है. ऐसे हालात में खुशियां मनाना ठीक नहीं है. ईद पर खरीदारी करने से बचें और उस रकम से आर्थिक तंगी से जूझ रहे गरीब, असहाय, मजदूर, विधवा आदि जरुरतमंदों की मदद करें. सोशल डिस्टेंसिंग और लॉकडाउन की पाबंदियों पर अमल करें.

ईंद-उल-फितर
धर्मगुरु ने आनलाइन मीटिंग में जारी किया गाइडलाइन.

घरों में नमाज अदा करेंगे
जिले के तंजीम उलेमा-ए-अहले सुन्नत कमेटी ने जुमातुल विदा (अलविदा की नमाज) और ईद-उल-फितर की नमाज के सिलसिले में अहम गाइडलाइन ऑनलाइन मीटिंग में जारी की गयी. धर्मगुरु मुफ्ती अख्तर हुसैन अजहर मन्नानी (मुफ्ती-ए-शहर) ने बताया कि मौजूदा लॉकडाउन और हुकूमती ऐलान को देखते हुए जुमातुल विदा की नमाज पिछले जुम्मे की तरह चंद लोग मस्जिद में और बाकी लोग घरों में जोहर की नमाज अदा करेंगे. इसी तरह ईद-उल-फितर की नमाज भी चंद लोग ईदगाह और मस्जिद में अदा करेंगे. बाकी लोग घर में नमाज अदा करेंगे.

वहीं मुफ्ती मोहम्मद अजहर शम्सी (नायब काजी) ने कहा कि कोरोना महामारी की वजह से मुल्क में चौथा लॉकडाउन 31 मई तक जारी रहेगा. कोरोना संक्रमण से पूरी दुनिया में लाखों लोग मर गए हैं. कितने ही लोग मौत और जिंदगी से जूझ रहे है. करोड़ों लोगों के सामने दो वक्त की रोटी जुटाना मुश्किल हो रहा है. ऐसे में हमें ईद की खुशियां कैसे मना सकते है. ईद-उल-फिर मोहब्बत का पैगाम देती है.

ईद पर खरीदारी से बचें, गरीबों की करें मदद
शम्सी ने कौम के लोगों से अपील की है कि इस ईद पर खरीददारी की जगह उस रकम से आर्थिक तंगी के शिकार गरीब रिश्तेदार, दोस्त, बेसहारों, बेवाओं और अपने यहां काम करने वालों की मदद करें. नए कपड़े बनवाने पहनने से परहेज करें. सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें. गरीब जरूरतमंद परिवार को सेवई और खाना जरूर भिजवाएं.

गाइडलाइन जारी करने में मुफ्ती खुर्शीद अहमद मिस्बाही (काजी-ए-गोरखपुर), मौलाना मकसूद आलम मिस्बाही, मौलाना जहांगीर अहमद अजीजी, मौलाना मोहम्मद अहमद निजामी, मौलाना मो. असलम रिजवी, हाफिज नजरे आलम कादरी, कारी शराफत हुसैन कादरी, कारी अफजल बरकाती, मौलाना अब्दुल खालिक निजामी आदि की सहमति रही.

गोरखपुरः माह-ए-रमजान के अन्तिम जुम्मे और ईद-उल-फितर नमाज की अदायगी के लिए लॉकडाउन के मद्देनजर शहर के धर्मगुरु अख्तर हुसैन अजहर मन्नानी ने आनलाइन मीटिंग की है. जहां उन्होंने गाइडलाइन जारी करते हुए उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी में पूरा विश्व संकट में है. ऐसे हालात में खुशियां मनाना ठीक नहीं है. ईद पर खरीदारी करने से बचें और उस रकम से आर्थिक तंगी से जूझ रहे गरीब, असहाय, मजदूर, विधवा आदि जरुरतमंदों की मदद करें. सोशल डिस्टेंसिंग और लॉकडाउन की पाबंदियों पर अमल करें.

ईंद-उल-फितर
धर्मगुरु ने आनलाइन मीटिंग में जारी किया गाइडलाइन.

घरों में नमाज अदा करेंगे
जिले के तंजीम उलेमा-ए-अहले सुन्नत कमेटी ने जुमातुल विदा (अलविदा की नमाज) और ईद-उल-फितर की नमाज के सिलसिले में अहम गाइडलाइन ऑनलाइन मीटिंग में जारी की गयी. धर्मगुरु मुफ्ती अख्तर हुसैन अजहर मन्नानी (मुफ्ती-ए-शहर) ने बताया कि मौजूदा लॉकडाउन और हुकूमती ऐलान को देखते हुए जुमातुल विदा की नमाज पिछले जुम्मे की तरह चंद लोग मस्जिद में और बाकी लोग घरों में जोहर की नमाज अदा करेंगे. इसी तरह ईद-उल-फितर की नमाज भी चंद लोग ईदगाह और मस्जिद में अदा करेंगे. बाकी लोग घर में नमाज अदा करेंगे.

वहीं मुफ्ती मोहम्मद अजहर शम्सी (नायब काजी) ने कहा कि कोरोना महामारी की वजह से मुल्क में चौथा लॉकडाउन 31 मई तक जारी रहेगा. कोरोना संक्रमण से पूरी दुनिया में लाखों लोग मर गए हैं. कितने ही लोग मौत और जिंदगी से जूझ रहे है. करोड़ों लोगों के सामने दो वक्त की रोटी जुटाना मुश्किल हो रहा है. ऐसे में हमें ईद की खुशियां कैसे मना सकते है. ईद-उल-फिर मोहब्बत का पैगाम देती है.

ईद पर खरीदारी से बचें, गरीबों की करें मदद
शम्सी ने कौम के लोगों से अपील की है कि इस ईद पर खरीददारी की जगह उस रकम से आर्थिक तंगी के शिकार गरीब रिश्तेदार, दोस्त, बेसहारों, बेवाओं और अपने यहां काम करने वालों की मदद करें. नए कपड़े बनवाने पहनने से परहेज करें. सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें. गरीब जरूरतमंद परिवार को सेवई और खाना जरूर भिजवाएं.

गाइडलाइन जारी करने में मुफ्ती खुर्शीद अहमद मिस्बाही (काजी-ए-गोरखपुर), मौलाना मकसूद आलम मिस्बाही, मौलाना जहांगीर अहमद अजीजी, मौलाना मोहम्मद अहमद निजामी, मौलाना मो. असलम रिजवी, हाफिज नजरे आलम कादरी, कारी शराफत हुसैन कादरी, कारी अफजल बरकाती, मौलाना अब्दुल खालिक निजामी आदि की सहमति रही.

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