गोरखपुर: कोरोना महामारी के दौरान मृत्यु दर में काफी इजाफा हुआ है. गोरखपुर नगर निगम के जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र कार्यालय के पिछले एक माह के रिकॉर्ड इस बात की गवाही देते हैं. यहां मृत्यु पंजीकरण के लिए पहले की अपेक्षा प्रतिदिन 3 गुना तक मामले आ रहे हैं.
यह हाल तो नगरीय क्षेत्र में होने वाली मौतों के पंजीकरण का है. अगर ग्रामीण स्तर से लेकर नगर पंचायत, नगर पालिका पर भी नजर डाली जाए, तो मृत्यु दर के आंकड़े आज से डेढ़ माह पहले की अपेक्षा काफी बढ़े हुए हैं. मृत्यु प्रमाण पत्र कार्यालय के प्रभारी और कार्यालय में काम करने वाले अन्य कर्मचारी और वार्ड पार्षद भी इसकी तस्दीक करते हैं. क्योंकि उन्हें पहले की अपेक्षा हर दिन मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाने के लिए कार्यालय के चक्कर लगाने पड़ रहे हैं.
मृत्यु प्रमाण पत्र कार्यालय के प्रभारी दीपक कुमार के मुताबिक, कोरोना से पहले प्रतिदिन अधिकतम 20 प्रमाण पत्र बनवाने के लिए आवेदन आते थे. लेकिन इस समय यह आंकड़ा 55 से 60 का पहुंच गया है. उन्होंने बताया कि जिन मरीजों की मौत अस्पताल में हुई है और वहां से मृत्यु प्रमाण पत्र लेकर उनके परिजन आवेदन कर रहे हैं, तो उन्हें मृत्यु प्रमाण पत्र अधिकतम 4 दिनों में उपलब्ध करा दिया जा रहा है. इसी प्रकार कोविड-19 से घर में प्राण त्याग देने वाले लोगों के मृत्यु प्रमाण पत्र को तैयार करने में करीब एक सप्ताह का समय लग रहा है.
मरीज के घर जाकर रिपोर्ट तैयार करते हैं कर्मचारी
उन्होंने बताया कि ऐसा इसलिए हो रहा है क्योंकि आवेदन के बाद संबंधित मरीज के घर तक जाकर निगम के कर्मचारी रिपोर्ट तैयार करते हैं. उसके बाद ही मृत्यु प्रमाण पत्र जारी होता है. उन्होंने कहा कि प्रमाण पत्र के लिए मात्र 10 रुपये का शुल्क ही लिया जा रहा है. उन्होंने कहा कि इस महामारी में कार्य की अधिकता के बीच कम संसाधन होने के बाद भी उनका कार्यालय पूरी तल्लीनता के साथ इस कार्य को अंजाम देने में लगा है, जिससे लोगों को किसी प्रकार की कोई असुविधा न हो.
पिछले डेढ़ माह में करीब 2 हजार मृत्यु प्रमाण पत्र जारी
पिछले एक माह में नगर निगम कार्यालय से लगभग 2 हजार से ज्यादा मृत्यु प्रमाण पत्र निर्गत किए जा चुके हैं. मंगलवार 18 मई 2021 को भी कुल 58 आवेदन मृत्यु प्रमाण पत्र के लिए आए थे और लगभग यही अनुपात प्रति दिन का बना हुआ है. इस संबंध में वार्ड-5 के पार्षद प्रतिनिधि प्रवीण पासवान ने कहा कि पहले दो महीने में उनके वार्ड में चार-पांच मौतें होती थी. उन्हें प्रमाण पत्र बनवाने के लिए आना होता था, लेकिन अब हर सप्ताह दो चार मौतें हो रही हैं. इससे प्रमाण पत्र बनवाने के लिए दौड़ भाग ज्यादा बढ़ गई है. उन्होंने कहा कि निश्चित रूप से कोरोना की महामारी के दौरान मृत्यु दर बढ़ी है. भले ही उसमें कोरोना से मौत के आंकड़े कम हो, लेकिन सामान्य मौत से लेकर अन्य मौतों के मामले में भी बढ़ोतरी नगर निगम का रिकॉर्ड बता रहा है.