गोरखपुर : मदन मोहन मालवीय तकनीकी विश्वविद्यालय (MMMTU) इस सत्र (2021-22) से साइबर साइंस और टेक्सटाइल टेक्नोलॉजी में स्नातक की पढ़ाई शुरू करने जा रहा है. विश्वविद्यालय कार्यपरिषद की बैठक में इस बात का फैसला लिया गया. मौजूदा दौर बढ़ते अपराध को लेकर यहां साइबर टेक्नोलॉजी की पढ़ाई होगी. वहीं गोरखपुर क्षेत्र में बनने जा रहे टेक्सटाइल पार्क को देखते हुए, विश्वविद्यालय ने इस क्षेत्र के इंजीनियरों को भी तैयार करने की मुहिम में, स्नातक स्तर पर इस विषय की पढ़ाई को शुरू करने का निर्णय लिया है. इसके साथ ही विश्वविद्यालय प्रशासन ने कोविड-19 की महामारी के दौरान कॉलेज में नहीं रहने वाले छात्रों से शुल्क भी न लेने का निर्णय लिया है.
साइबर और डेटा साइंस क्षेत्र को मिलेंगे अनुभवी इंजीनियर
विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर जेपी पांडेय ने कहा कि इन विषयों के साथ पीजी स्तर पर एमटेक डेटा साइंस का पाठ्यक्रम भी संचालित होगा. उन्होंने कहा कि आने वाले समय में साइबर सुरक्षा एक महत्वपूर्ण अध्ययन क्षेत्र बनकर उभरेगा. इसके लिए कुशल पेशेवरों की भारी संख्या में जरूरत होगी. इसके अतिरिक्त डाटा साइंस भी एक उभरता हुआ क्षेत्र है. इसमें प्रशिक्षित युवाओं को रोजगार के बड़े अवसर उपलब्ध होंगे.
टेक्सटाइल उद्योग को उपलब्ध होंगे प्रशिक्षित स्नातक
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ गोरखपुर में टेक्सटाइल हब बनाने जा रहे हैं. ऐसे में बीटेक पाठ्यक्रम इस विषय में शुरू करने का निर्णय हुआ है. जिससे यहां स्थापित होने वाले कपड़े और रेडिमेड गारमेंट्स के उद्योगों को तकनीकी विशेषज्ञ उपलब्ध हो सकेंगे. इसके अलावा विद्या परिषद ने विषय कोड में परिवर्तन, पीएचडी अध्यादेश में परिवर्तन, सत्र 2020-21 के संशोधित अकादमी कैलेंडर, विश्वविद्यालय के संशोधित परीक्षा मैनुअल, छात्रों द्वारा अध्ययन अध्यापन संबंधी ऑनलाइन/ऑफलाइन प्रारूप के प्रस्ताव को भी मंजूरी दी है.
डायरेक्ट यूजर्स शुल्क को छात्रों से नहीं लेगा विश्वविद्यालय
कुलपति ने कहा कि कोविड-19 के दौरान विश्वविद्यालय का कैंपस बंद रहा है. इस दौरान छात्र हॉस्टल में नहीं रहे हैं. ऐसे में उनसे विश्वविद्यालय वह शुल्क नहीं वसूलेगा जिसका उन्होंने उपयोग न किया हो. उन्होंने कहा कि छात्रों से विश्वविद्यालय डायरेक्ट और इनडायरेक्ट यूजर्स चार्ज वसूलता था, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा. छात्रों को डायरेक्ट यूजर्स चार्ज देने से मुक्त किया गया है. इसमें बिजली, हॉस्टल, बस आदि का किराया शामिल है. विश्वविद्यालय की व्यवस्था को चलाए रखने के लिए जो इन डायरेक्ट यूजर चार्ज लिए जाते थे, वह लिए जाएंगे. उन्होंने कहा कि छात्रों की डिमांड बहुत दिनों से लंबित थी, जिसे पूरी कर विश्वविद्यालय बच्चों को राहत दे पाया है.