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कोरोना काल में रेलवे का कमाल, अब बिना छुए टिकट चेक करेंगे टीटीई

अब रेलवे स्टेशन परिसर और ट्रेनों में चल टिकट परीक्षक (टीटीई) रेल टिकट को बिना छुए ही जांच कर सकेंगे. आरक्षित टिकटों की कांटेक्ट लेंस जांच के लिए सेंटर फॉर रेलवे इनफार्मेशन सिस्टम (क्रिस) ने सभी क्षेत्रीय रेलवे के लिए एक एप्लीकेशन विकसित किया है. इससे क्यूआर कोड के माध्यम से पीआरएस टिकट का सारा विवरण मोबाइल पर उपलब्ध हो जाएगा.

gorakhpur samachar
गोरखपुर रेलवे स्टेशन
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Published : Jul 22, 2020, 10:01 PM IST

गोरखपुर: आरक्षित टिकटों की कांटैक्टलेस जांच हेतु सेन्टर फाॅर रेलवे इनफार्मेशन सिस्टम (क्रिस) द्वारा सभी क्षेत्रीय रेलों के लिये एक एप्लीकेशन विकसित किया गया है. इससे क्यूआर कोड के माध्यम से पीआरएस टिकट का सारा विवरण मोबाइल पर उपलब्ध हो जायेगा. आरक्षित टिकटों की जांच की यह प्रणाली अत्यंत आधुनिक होने के साथ ही वर्तमान में कोरोना से बचने का बहुत ही प्रभावी तरीका भी है. उक्त व्यवस्था के अन्तर्गत आरक्षित टिकट बुक होने के उपरान्त क्यूआर कोड का यूआरएल (लिंक) एसएमएस के माध्यम से यात्रियों के मोबाइल नम्बर पर भेज दिया जायेगा. इस उपलब्धि की जानकारी पूर्वोत्तर रेलवे के जनसंपर्क विभाग ने मीडिया की जारी एक विज्ञप्ति के हवाले से दी है.

क्यूआर कोड से होगा स्कैन
इस ऐप के संदर्भ में मुख्य जनसंपर्क अधिकारी पंकज कुमार सिंह ने कहा है कि स्टेशन पर प्रवेश करते और टिकट चेकिंग के समय यात्रियों को एसएमएस में उपलब्ध क्यूआर कोड के यूआरएल पर क्लिक करना होगा. ऐसा करते ही यात्री के मोबाइल ब्राउजर पर क्यूआर कोड दिखने लगेगा. टिकट परीक्षक (टीटीई) द्वारा यात्री के मोबाइल पर दिख रहे इस कोड को अपने मोबाइल से जिसमें क्यूआर कोड स्कैन करने की सुविधा हो, उससे स्कैन किया जा सकता है. क्यूआर कोड स्कैनर को फ्री एप, गूगल प्ले स्टोर अथवा आईओएस प्ले स्टोर से डाउनलोड किया जा सकता है. एचएचटी भी क्यूआर कोड को स्कैन करने में सक्षम है. जिसके माध्यम से यात्री के पीएनआर का सारा विवरण टीटीई के पास आगे की कार्यवाही के लिए उपलब्ध हो जाता है.

कोरोना काल में सुविधाजनक है ऐप
मुख्य जनसंपर्क अधिकारी ने बताया कि आरक्षित टिकटों की जांच की इस प्रक्रिया के अन्तर्गत क्यूआर कोड जेनरेट करने के लिंक सम्बन्धित यह व्यवस्था प्रक्रियाधीन है. निकट भविष्य में टिकट जांच का यह तरीका यात्रियों एवं टीटीई दोनों के लिये बहुत ही सुविधाजनक होगा और रेलवे द्वारा यात्रियों को उपलब्ध कराई जा रही सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार होगा. लखनऊ मण्डल के गोरखपुर जंक्शन रेलवे स्टेशन पर आरक्षित टिकटों के क्यूआर कोड की स्कैनिंग करने के लिये अलग से स्कैनर लगाए जाने का कार्य प्रक्रिया के अधीन है.

गोरखपुर: आरक्षित टिकटों की कांटैक्टलेस जांच हेतु सेन्टर फाॅर रेलवे इनफार्मेशन सिस्टम (क्रिस) द्वारा सभी क्षेत्रीय रेलों के लिये एक एप्लीकेशन विकसित किया गया है. इससे क्यूआर कोड के माध्यम से पीआरएस टिकट का सारा विवरण मोबाइल पर उपलब्ध हो जायेगा. आरक्षित टिकटों की जांच की यह प्रणाली अत्यंत आधुनिक होने के साथ ही वर्तमान में कोरोना से बचने का बहुत ही प्रभावी तरीका भी है. उक्त व्यवस्था के अन्तर्गत आरक्षित टिकट बुक होने के उपरान्त क्यूआर कोड का यूआरएल (लिंक) एसएमएस के माध्यम से यात्रियों के मोबाइल नम्बर पर भेज दिया जायेगा. इस उपलब्धि की जानकारी पूर्वोत्तर रेलवे के जनसंपर्क विभाग ने मीडिया की जारी एक विज्ञप्ति के हवाले से दी है.

क्यूआर कोड से होगा स्कैन
इस ऐप के संदर्भ में मुख्य जनसंपर्क अधिकारी पंकज कुमार सिंह ने कहा है कि स्टेशन पर प्रवेश करते और टिकट चेकिंग के समय यात्रियों को एसएमएस में उपलब्ध क्यूआर कोड के यूआरएल पर क्लिक करना होगा. ऐसा करते ही यात्री के मोबाइल ब्राउजर पर क्यूआर कोड दिखने लगेगा. टिकट परीक्षक (टीटीई) द्वारा यात्री के मोबाइल पर दिख रहे इस कोड को अपने मोबाइल से जिसमें क्यूआर कोड स्कैन करने की सुविधा हो, उससे स्कैन किया जा सकता है. क्यूआर कोड स्कैनर को फ्री एप, गूगल प्ले स्टोर अथवा आईओएस प्ले स्टोर से डाउनलोड किया जा सकता है. एचएचटी भी क्यूआर कोड को स्कैन करने में सक्षम है. जिसके माध्यम से यात्री के पीएनआर का सारा विवरण टीटीई के पास आगे की कार्यवाही के लिए उपलब्ध हो जाता है.

कोरोना काल में सुविधाजनक है ऐप
मुख्य जनसंपर्क अधिकारी ने बताया कि आरक्षित टिकटों की जांच की इस प्रक्रिया के अन्तर्गत क्यूआर कोड जेनरेट करने के लिंक सम्बन्धित यह व्यवस्था प्रक्रियाधीन है. निकट भविष्य में टिकट जांच का यह तरीका यात्रियों एवं टीटीई दोनों के लिये बहुत ही सुविधाजनक होगा और रेलवे द्वारा यात्रियों को उपलब्ध कराई जा रही सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार होगा. लखनऊ मण्डल के गोरखपुर जंक्शन रेलवे स्टेशन पर आरक्षित टिकटों के क्यूआर कोड की स्कैनिंग करने के लिये अलग से स्कैनर लगाए जाने का कार्य प्रक्रिया के अधीन है.

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