लखनऊ: राजधानी के नादरगंज इलाके में एक पान मसाला फैक्ट्री में शनिवार को जीएसटी टीम ने छापेमारी की. सीजीसीटी की टीम देर रात तक बड़ी संख्या में कर्मचारियों से पूछताछ करती रही. पूछताछ के दौरान फैक्ट्री में कार्यरत लेबर और मजदूरों को फैक्ट्री से बाहर निकाल दिया गया. जानकारी के अनुसार, रविवार को भी पूछताछ जारी रह सकती है.
जीएसटी की सेंट्रल टीम शनिवार को नादरगंज स्थित एक पान मसाला कंपनी के कार्यालय में दोपहर करीब 3 बजे पहुंची. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, बिक्री और कागजों में बड़ा खेल होने की सूचना मिलने के बाद जीएसटी टीम पहुंची थी. इस दौरान छापे को इतना गोपनीय रखा गया था कि स्टेट जीएसटी और स्थानीय पुलिस को भी इसके बारे में जानकारी नहीं मिली. फैक्ट्री में काम करने वाले मजदूरों को बाहर कर दिया गया था.
सूत्रों के मुताबिक, यह छापेमारी फ्लेवर प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के यहां पड़ी है. जहां अभी तक केवल कागजों की जांच चल रही है. बताया जा रहा है कि त्योहार नजदीक आने के बाद पान मसाला से लेकर बाकी प्रोडेक्ट की डिमांड बढ़ जाती है. इसमें ही बड़ा खेल किया जाता है. पान मसाला कंपनी से जुड़े एक बड़े व्यवसायी ने बताया कि एजेंसियों को जो माल सप्लाई किया जाता है. उसका 10 फीसदी हिस्सा ही कागजों पर दर्शाया जाता है.
सूत्रों के मुताबिक, लोकल स्तर पर सुबह एक ई-वे बिल तैयार किया जाता है. उसी के माध्यम से पूरे दिन में 10 से 12 बार माल सप्लाई होता है. इसमें 20 बोरी की बिल की जगह पर सुबह से लेकर शाम तक 200 बोरी तक माल सप्लाई हो जाती है. उसके अलावा बाहर माल सप्लाई होने पर ट्रांसपोर्ट के स्तर पर बड़ा खेल किया जाता है. जानकारी के अनुसार, मसाला तैयार करने में इस्तेमाल होने वाली सुपारी का बिल भी नहीं बनता है. जीएसटी विभाग से जुड़े एक अधिकारी ने बताया कि इसमें 80 फीसदी सुपारी का बिल ही नहीं रहता है. इसमें विभाग के भी आला अधिकारी मिले रहते हैं. बिना उनकी मिली भगत के इतने बड़े स्तर पर खेल नहीं हो सकता है.
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