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गोरखपुर: कहने को हैं सरकारी अस्पताल, बिना पैसों के नहीं होता इलाज - Gorakhpur news

स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर प्रदेश सरकार कई योजनाएं चला रही है, लेकिन इन योजनाओं का लाभ गरीब जनता को नहीं मिल रहा है. सरकारी अस्पताल के डॉक्टर मरीजों को मंहगी दवाईयां बाहर से खरीदने की सलाह दे रहे हैं.

गोरखपुर के सरकारी अस्पलालों में भ्रष्टाचार.
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Published : Jul 19, 2019, 9:37 PM IST

गोरखपुर: प्रदेश सरकार सरकारी अस्पतालों की हालत सुधारने के लिए तरह-तरह की योजनाएं लागू कर रही है, ताकि मरीजों को किसी प्रकार की कोई असुविधा न हो और 'स्वस्थ भारत-स्वच्छ' भारत का सपना साकार हो सके, लेकिन जिले के सहजनवां तहसील क्षेत्र के ठर्रापर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र परअनियमितता देखने को मिली है.

गोरखपुर के सरकारी अस्पतालों में भ्रष्टाचार.

सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर मिली अनिमितियता

  • महिला वार्ड में प्रसूताओं के लिए लगाए गए पंखे उमस भरी गर्मी में बंद मिले, जिससे मरीजों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.
  • पंखे जो लगे हैं जब बिजली आती है तो चलते हैं, नहीं तो बंद रहते हैं.
  • जनरेटर चलाया नहीं जाता है, जिससे काफी समस्या हो रही है.

क्या कहते हैं तीमारदार-

  • तीमारदार दुर्गावती का कहना था कि मेरी बहू की नार्मल डिलीवरी हुई है, लेकिन हमें कुछ दवाएं अस्पताल से मिली और कुछ दवाएं बाहर से लाना पड़ा.
  • तीसमति ने बताया कि मेरी लड़की की नार्मल डिलीवरी हुई है, लेकिन दवाएं बाहर से लाना पड़ा है.

जानें क्या बोले मरीज

  • बाहर से दवा ला रहे मरीजों का कहना है कि हमें अस्पताल से किसी भी प्रकार की कोई दवा नहीं मिली.
  • डॉक्टर ने कहा यहां कोई दवा नहीं मिलेगी, बाहर से दवाईयां लानी पड़ेगी.
  • इस संबंध में जब अस्पताल अधीक्षक सी.पी मिश्रा से बात करने की कोशिश की गई तो उन्होंने कैमरे के सामने कुछ भी कहने से साफ इंकार कर दिया.
  • वहीं एडिश्नल सीएमओ डॉ. एन.के पांडेय का कहना था कि मामला संज्ञान में आया है. जांच कर अधीक्षक के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.

गोरखपुर: प्रदेश सरकार सरकारी अस्पतालों की हालत सुधारने के लिए तरह-तरह की योजनाएं लागू कर रही है, ताकि मरीजों को किसी प्रकार की कोई असुविधा न हो और 'स्वस्थ भारत-स्वच्छ' भारत का सपना साकार हो सके, लेकिन जिले के सहजनवां तहसील क्षेत्र के ठर्रापर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र परअनियमितता देखने को मिली है.

गोरखपुर के सरकारी अस्पतालों में भ्रष्टाचार.

सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर मिली अनिमितियता

  • महिला वार्ड में प्रसूताओं के लिए लगाए गए पंखे उमस भरी गर्मी में बंद मिले, जिससे मरीजों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.
  • पंखे जो लगे हैं जब बिजली आती है तो चलते हैं, नहीं तो बंद रहते हैं.
  • जनरेटर चलाया नहीं जाता है, जिससे काफी समस्या हो रही है.

क्या कहते हैं तीमारदार-

  • तीमारदार दुर्गावती का कहना था कि मेरी बहू की नार्मल डिलीवरी हुई है, लेकिन हमें कुछ दवाएं अस्पताल से मिली और कुछ दवाएं बाहर से लाना पड़ा.
  • तीसमति ने बताया कि मेरी लड़की की नार्मल डिलीवरी हुई है, लेकिन दवाएं बाहर से लाना पड़ा है.

जानें क्या बोले मरीज

  • बाहर से दवा ला रहे मरीजों का कहना है कि हमें अस्पताल से किसी भी प्रकार की कोई दवा नहीं मिली.
  • डॉक्टर ने कहा यहां कोई दवा नहीं मिलेगी, बाहर से दवाईयां लानी पड़ेगी.
  • इस संबंध में जब अस्पताल अधीक्षक सी.पी मिश्रा से बात करने की कोशिश की गई तो उन्होंने कैमरे के सामने कुछ भी कहने से साफ इंकार कर दिया.
  • वहीं एडिश्नल सीएमओ डॉ. एन.के पांडेय का कहना था कि मामला संज्ञान में आया है. जांच कर अधीक्षक के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.
Intro:सहजनवां गोरखपुर:- प्रदेश सरकार जहाँ एक ओर सरकारी अस्पतालों की हालत सुधारने में तरह तरह की योजनाएं लागू कर रही है ताकी मरीजों को किसी भी प्रकार की कोई असुभिधा न हो और स्वस्थ भारत स्वच्छ भारत का सपना साकार हो सके इसके लिए समय समय से जिम्मेदारों को अवगत भी कराया जाता है कि मरीजों को किसी भी प्रकार की कोई असुभिधा न हो Body:लेकिन सरकार के इस सपने पर जिम्मेदारों द्वारा पानी फेरा जा रहा है और सरकार के फरमान की जमकर नाफरमानी की जा रही है।
ऐसा ही मामला सहजनवां तहसील क्षेत्र के पाली ब्लॉक अंतर्गत ठर्रापर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर देखने को मिला जहाँ महिला वार्ड में प्रसूता महिलाओं के लिए लगाए गए पंखे इस बरसात की उमस भरी गर्मी में बंद मिले जिससे मरीजों को काफी परेशानिया हो रही थींConclusion:आगे की स्थिति जानने के लिए मरीजों के साथ आये लोगों से जब बात चीत की गई तो उन लोगों ने बताया कि अस्पताल में काफी कमियां हैं दुर्गावती का कहना था कि मेरी बहु का नार्मल डिलेवरी हुआ है लेकिन हमें कुछ दवाएं अस्पताल से मिली और कुछ दवाएं बाहर से लाना पड़ा तीस मति ने बताया कि मेरी लड़की का नार्मल डिलेवरी हुआ है लेकिन दवाएं बाहर से लाना पड़ा है पौष्टिक आहार में भी कमी की गई है गर्मी इतनी काफी है कि कमरे में रहना दूभर हो गया है पँखे जो लगे हैं जब बिजली अति है तो चलते हैं वरना बंद रहते हैं जनरेटर अधीक्षक के द्वारा चलाया नहीं जाता है जिससे काफी समस्या हो रही है।
इतना ही नहीं बाहर से दवा ला रहे मरीजो से भी बात की गई तो उन लोगों का कहना था कि हमें अस्पताल से किसी भी प्रकार की कोई दवा नहीं मिली डॉक्टर द्वारा कहा गया कि यहाँ कोई दवा नहीं मिलेगी बाहर से लाना पड़ेगा यहाँ तक कि कोई भी छोटा जाँच भी अस्पताल से बाहर ही करवाना पड़ता है।
ऐ सूरते हाल सीएम के शहर गोरखपुर में स्थित सहजनवां के ठर्रापर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का है सोचने का बिषय है की अगर सीएम के गृह जनपद की यह दशा है तो शेष जिलों का क्या हाल होगा यह एक बड़ा सवाल है सूबे के मुखिया योगी आदित्यनाथ के लिए।
इस संबंध में जब अधीक्षक सी0पी0मिश्रा से बात करने की कोसिस की गई तो उन्होंने कैमरे के सामने कुछ भी कहने से साफ इंकार कर दिया।
जबकि वहीं एडिश्नल सी0एम0ओ0 डॉ0 एन0के0पांडेय का कहना था कि मामला संज्ञान में आया है जाँच कर अधीक्षक के खिलाफ कार्यवाही की जाएगी ।
मुकेश कुमार दुबे
सहजनवां बिधानसभा
मो0:- 9621227277
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