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गोरखपुर में कोरोना ने पकड़ी रफ्तार, मेडिकल कॉलेज व एम्स के डॉक्टर संक्रमित !

गोरखपुर में कोरोना के मामले अब बढ़ने लगे हैं. कोरोना की चपेट में मेडिकल कॉलेज और एम्स के डॉक्टर भी आए हैं. वहीं, कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए जिले में जांच बढ़ा दी गई है.

गोरखपुर में बढ़ रहा कोरोना का मामला
गोरखपुर में बढ़ रहा कोरोना का मामला
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Published : Jan 7, 2022, 6:53 PM IST

गोरखपुर : गोरखपुर में भी कोरोना ने रफ्तार पकड़ लिया है. ओमीक्रोन के खौफ के बीच कोरोना की जांच जब बढ़ी तो पॉजिटिव मामले भी सामने आने लगे. पिछले 4 दिनों से यहां मामले लगातार बढ़ रहे हैं. हर रोज 50 से अधिक पॉजिटिव आंकड़े निकल रहे हैं. खास बात यह है कि इस संक्रमण से चिकित्सा क्षेत्र से जुड़े हुए लोग भी संक्रमित पाए गए हैं. इसमें बाबा राघव दास मेडिकल कॉलेज के डॉक्टर और अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान एम्स के डॉक्टर और उनके परिजन भी शामिल हैं.

इसके अलावा बाहर से आने वाले लोग संक्रमण के शिकार पाए जा रहे हैं. इनकी पहचान ट्रैवल हिस्ट्री से हो रही है. यही वजह है कि रेलवे स्टेशन पर स्वास्थ्य कर्मियों की टीम भी जांच के लिए बैठा दी गई है. आने-जाने वाले यात्रियों की जांच की जा रही है. हालांकि यहां की रिपोर्ट अभी सकारात्मक है. जितने भी यात्रियों की जांच की गई है, उसमें पॉजिटिव रिपोर्ट न के बराबर है. वहीं, यात्री भी जांच को गंभीरता से नहीं ले रहे हैं. रेलवे स्टेशन पर प्रतिदिन अधिकतम 100 यात्रियों की ही जांच हो रही है.

गोरखपुर में बढ़ रहा कोरोना का मामला

वहीं, स्टेशन पर आने वाले यात्रियों और ट्रेन से गुजरात, मुंबई और दिल्ली जाने वाले यात्रियों के सामान को भी सेनिटाइज किया जा रहा है, ताकि संक्रमण का फैलाव हर स्तर पर रोका जा सके. स्वास्थ्य विभाग के रिकार्ड में शहर के बेतियाहाता, बिछिया, गोरखनाथ, शास्त्री नगर कॉलोनी और कुछ मोहल्लों में भी मरीज सामने आए हैं. जिन्हें ट्रेस और टेस्ट के बाद होम आइसोलेशन में रहने की हिदायत दी गई है. साथ ही जरूरी बचाव के सभी उपाय को अपनाने को भी कहा गया है. वहीं, जिले के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. आशुतोष दुबे ने कहा है कि वैज्ञानिक आधार पर वैक्सीनेशन को कोरोना से बचाव का सबसे उपयुक्त साधन बताया गया है. साथ ही कहा गया, लोग वैक्सीनेशन को आगे आएं. 15 साल से ऊपर के बच्चों को भी इससे जोड़ें. डरे और घबराए नहीं.

इसे भी पढ़ें- पाकिस्तान और बांग्लादेश से आए हिंदू शरणार्थियों को जमीन दे रही है योगी सरकार


सीएमओ ने कहा कि स्वास्थ्य महकमा इस महामारी से लड़ने के लिए अपनी टीम और व्यवस्था के साथ पूरी तरह तैयार है. करीब 60 अस्पतालों को इसकी सूची में रखा गया है. यहां पर 3 हजार बेड की तैयारी है. वेंटिलेटर से लेकर ऑक्सीजन प्लांट को भी एक्टिव मोड में तैयार रखा गया है. जांच की सुविधा हर क्षेत्र में बढ़ाई गई है, लेकिन इन सबके बीच जो सबसे ज्यादा जरूरी है, वह गोरखपुर वासियों को कोविड-19 के नियमों का पालन करना है. तभी इस महामारी का प्रसार और संक्रमण रोका जा सकता है.

सीएमओ ने लोगों से बढ़-चढ़कर वैक्सीनेशन में हिस्सा लेने और अभियान की सफलता के लिए एक दूसरे को जागरूक करने की बात कही. सीएमओ ने कहा- जिस प्रकार की टेस्टिंग अभी रेलवे स्टेशन और सार्वजनिक स्थलों पर हो रही है, उसको और तेज करने की जरूरत है. यात्रा और यात्री ही कोरोना और ओमिक्रोन के प्रसार के बड़े माध्यम बन रहे हैं.

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गोरखपुर : गोरखपुर में भी कोरोना ने रफ्तार पकड़ लिया है. ओमीक्रोन के खौफ के बीच कोरोना की जांच जब बढ़ी तो पॉजिटिव मामले भी सामने आने लगे. पिछले 4 दिनों से यहां मामले लगातार बढ़ रहे हैं. हर रोज 50 से अधिक पॉजिटिव आंकड़े निकल रहे हैं. खास बात यह है कि इस संक्रमण से चिकित्सा क्षेत्र से जुड़े हुए लोग भी संक्रमित पाए गए हैं. इसमें बाबा राघव दास मेडिकल कॉलेज के डॉक्टर और अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान एम्स के डॉक्टर और उनके परिजन भी शामिल हैं.

इसके अलावा बाहर से आने वाले लोग संक्रमण के शिकार पाए जा रहे हैं. इनकी पहचान ट्रैवल हिस्ट्री से हो रही है. यही वजह है कि रेलवे स्टेशन पर स्वास्थ्य कर्मियों की टीम भी जांच के लिए बैठा दी गई है. आने-जाने वाले यात्रियों की जांच की जा रही है. हालांकि यहां की रिपोर्ट अभी सकारात्मक है. जितने भी यात्रियों की जांच की गई है, उसमें पॉजिटिव रिपोर्ट न के बराबर है. वहीं, यात्री भी जांच को गंभीरता से नहीं ले रहे हैं. रेलवे स्टेशन पर प्रतिदिन अधिकतम 100 यात्रियों की ही जांच हो रही है.

गोरखपुर में बढ़ रहा कोरोना का मामला

वहीं, स्टेशन पर आने वाले यात्रियों और ट्रेन से गुजरात, मुंबई और दिल्ली जाने वाले यात्रियों के सामान को भी सेनिटाइज किया जा रहा है, ताकि संक्रमण का फैलाव हर स्तर पर रोका जा सके. स्वास्थ्य विभाग के रिकार्ड में शहर के बेतियाहाता, बिछिया, गोरखनाथ, शास्त्री नगर कॉलोनी और कुछ मोहल्लों में भी मरीज सामने आए हैं. जिन्हें ट्रेस और टेस्ट के बाद होम आइसोलेशन में रहने की हिदायत दी गई है. साथ ही जरूरी बचाव के सभी उपाय को अपनाने को भी कहा गया है. वहीं, जिले के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. आशुतोष दुबे ने कहा है कि वैज्ञानिक आधार पर वैक्सीनेशन को कोरोना से बचाव का सबसे उपयुक्त साधन बताया गया है. साथ ही कहा गया, लोग वैक्सीनेशन को आगे आएं. 15 साल से ऊपर के बच्चों को भी इससे जोड़ें. डरे और घबराए नहीं.

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सीएमओ ने कहा कि स्वास्थ्य महकमा इस महामारी से लड़ने के लिए अपनी टीम और व्यवस्था के साथ पूरी तरह तैयार है. करीब 60 अस्पतालों को इसकी सूची में रखा गया है. यहां पर 3 हजार बेड की तैयारी है. वेंटिलेटर से लेकर ऑक्सीजन प्लांट को भी एक्टिव मोड में तैयार रखा गया है. जांच की सुविधा हर क्षेत्र में बढ़ाई गई है, लेकिन इन सबके बीच जो सबसे ज्यादा जरूरी है, वह गोरखपुर वासियों को कोविड-19 के नियमों का पालन करना है. तभी इस महामारी का प्रसार और संक्रमण रोका जा सकता है.

सीएमओ ने लोगों से बढ़-चढ़कर वैक्सीनेशन में हिस्सा लेने और अभियान की सफलता के लिए एक दूसरे को जागरूक करने की बात कही. सीएमओ ने कहा- जिस प्रकार की टेस्टिंग अभी रेलवे स्टेशन और सार्वजनिक स्थलों पर हो रही है, उसको और तेज करने की जरूरत है. यात्रा और यात्री ही कोरोना और ओमिक्रोन के प्रसार के बड़े माध्यम बन रहे हैं.

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