गोरखपुर: गोरखनाथ मंदिर में मीडियाकर्मियों से मुखातिब हुए सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कई मुद्दों पर अपनी खुलकर राय रखी. साथ ही उन्होंने कहा कि साढ़े चार सालों में उन्होंने जो भी कहा, उसे पूरा करके दिखाया है. वहीं, पहली बार उन्होंने विधानसभा चुनाव में खुद के लड़ने को लेकर कोई टिप्पणी की और कहा कि उन्हें पार्टी जहां से कहेगी, वे वहीं से चुनाव लड़ेंगे. उन्होंने कहा कि प्रत्याशी तय करने के लिए पार्टी का संसदीय बोर्ड है. ऐसे में उन्होंने इस विषय पर अधिक सोचने की कोई जरूरत नहीं है.
इधर, एक सवाल के जवाब में मुख्यमंत्री ने कहा कि सोच सकारात्मक हो और लक्ष्य निर्धारित कर मार्ग पर चला जाए तो विकास सौ फीसद संभव है. इसी क्रम में उन्होंने अपने साढ़े चार साल के कार्यकाल में प्रदेश में हुए सकारात्मक बदलावों पर भी विस्तार से बातचीत की और कहा कि गत विधानसभा चुनाव में भाजपा ने जो कुछ कहा था, सरकार बनने के इन साढ़े चार सालों में हर एक क्षेत्र में उसे करके दिखाया गया है.
उन्होंने कहा कि 2017 में जब हम सरकार में आए तो सबसे खराब स्थिति कानून-व्यवस्था की थी. लेकिन आज उत्तर प्रदेश की कानून-व्यवस्था पूरे देश में नजीर है. उन्होंने कहा कि यहां साढ़े चार सालों में कोई दंगा नहीं हुआ. दीपावली समेत सभी पर्व शांतिपूर्वक संपन्न हुए. साथ ही उन्होंने कहा कि अयोध्या में आयोजित हुए दीपोत्सव कार्यक्रम की धमक का असर वैश्विक मंचों तक पर पड़ा है और आगामी दिनों में इसके लाभ भी देखने को मिलेंगे.
यूपी को दिलाई पहचान के संकट से मुक्ति
वहीं, मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रयागराज में कुंभ पहली बार नहीं हुआ था, लेकिन तब यूपी के सामने पहचान का संकट था. अयोध्या के दीपोत्सव, प्रयागराज के भव्य-दिव्य कुम्भ जैसे आयोजनों, बेहतर कानून-व्यवस्था, निवेश और रोजगार के भरपूर अवसरों और जनकल्याणकारी योजनाओं को समाज के अंतिम पायदान पर खड़े व्यक्ति तक पहुंचाकर हमने सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास जीतने की पूरी कोशिश की है.
बड़े पैमाने पर हुआ यूपी में निवेश
मुख्यमंत्री ने कहा कि साढ़े चार साल में यूपी में बड़े पैमाने पर निवेश हुआ है. मोबाइल डिस्प्ले बनाने वाली कंपनी भारत में नहीं थी, बल्कि ऐसी कंपनियां चीन की ओर रूख करती थी. लेकिन कोरोनाकाल में इन कंपनियों ने यूपी की ओर रुख किया. पहले भारत से निवेश बाहर जाता था. लेकिन आज बाहर से निवेश भारत में आ रहा है और इसमें उत्तर प्रदेश 'बेस्ट डेस्टिनेशन' बना है. शानदार रोड कनेक्टिविटी और सुरक्षा की गारंटी का इसमे बड़ा योगदान है. पहले कहा जाता था कि जहां सड़क में गड्ढे शुरू हों, वही यूपी है. लेकिन आज यूपी की पहचान एक्सप्रेस-वे और फोर लेन सड़कों के संजाल से होती है.
इसी माह होगा पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे का उद्घाटन
मुख्यमंत्री ने बताया कि इसी माह पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे का उद्घाटन होने जा रहा है. प्रधानमंत्री ने इसका प्रेजेंटेशन शुक्रवार को देखा है. पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे से 60 लाख लोगों को रोजगार जेनरेट हुआ है. रोजगार की चर्चा को आगे बढ़ाते हुए उन्होंने कहा कि साढ़े चार लाख युवाओं को सरकारी नौकरी दी गई और इतनी पारदर्शिता से की कोई अंगुली नहीं उठा सकता है.
'कॉमन मैन' के जीवन में लाया परिवर्तन
सीएम ने मार्च 2017 के पहले खाद्यान्न वितरण में भ्रष्टाचार, कई जिलों में खाद्यान्न चोरी और राशन के अभाव में कुशीनगर में मुसहरों की भूख से मौत का जिक्र करते हुए कहा कि सरकार बनाते ही हमने खाद्यान्न वितरण व्यवस्था की जांच का आदेश दिया. इसमें 40 लाख राशन कार्ड ऐसे मिले जिन पर राशन तो निकल रहा था, लेकिन जिसके नाम से कार्ड था उस व्यक्ति को पता ही नहीं था.
खाद्यान्न वितरण व्यवस्था को पारदर्शी बनाने के लिए राशन की 80 हजार दुकानों में ईपास मशीन की व्यवस्था की गई. मुख्यमंत्री ने बताया कि कोरोना की पहली लहर के बाद खाद्यान्न वितरण की जांच करने के लिए भारत सरकार की टीम यहां आई थी. इसमें एक भी शिकायत नहीं मिली. यूपी ऐसा अकेला राज्य है, जहां राशन वितरण व्यवस्था को लेकर 97 फीसद लोगों ने संतुष्टि जताई है. दूसरे स्थान पर जो राज्य है, वहां यह आंकड़ा 54 फीसद है. "कॉमन मैन" के जीवन में परिवर्तन कैसे लाया जा सकता है, उत्तर प्रदेश में इसे देखा जा सकता है.
आगे उन्होंने कहा कि पहले उत्तर प्रदेश के बारे में कहा जाता था कि जहां से अंधेरा शुरू होता है वह यूपी है. लेकिन आज यह धारणा उलट हो गई है. पूरे उत्तर प्रदेश में बिना भेदभाव के पर्याप्त बिजली आपूर्ति हो रही है. उन्होंने बताया कि कोयला संकट के दौरान प्रदेश ने 22 प्रति यूनिट तक की दर से बिजली खरीदी थी. लेकिन राज्य के लोगों को कोई परेशानी नहीं होने दी.
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