गोरखपुर: अपने दौरे के दूसरे दिन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि शिक्षक तैयार करने वाले बीएड और एलटी प्रशिक्षण केंद्र गुणवत्तापूर्ण शिक्षक तैयार करें. उन्हें लकीर का फकीर नहीं बनाया जाना चाहिए. सीएम योगी ने इस बात को कहने के साथ उत्तर प्रदेश में प्राथमिक शिक्षकों के चयन में असफल हुए 70 प्रतिशत प्रशिक्षण प्राप्त अभ्यर्थियों का उदाहरण दिया.
सीएम ने कहा कि शिक्षक प्रशिक्षण की डिग्री लेने वाले खुद को बेसिक शिक्षा के शिक्षक तक ही सीमित कर लेते हैं, जबकि सेवा क्षेत्र के कई अन्य भी केंद्र हैं, जहां उन्हें भाग्य आजमाना चाहिए. उन्होंने कहा कि दुर्भाग्य है कि प्रशिक्षण को इस योग्य नहीं बनाया जा रहा कि कुशल शिक्षक तैयार हो सकें और प्रशिक्षु अपनी गरिमा के साथ प्रदेश का भी मान बढ़ा सकें.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अपने दौरे के दूसरे दिन दिग्विजयनाथ बीएड एवं एलटी प्रशिक्षण महाविद्यालय में "भारतीय संस्कृति और उसके सांस्कृतिक महत्व" विषय पर बीएड प्रशिक्षुओं को संबोधित कर रहे थे. उन्होंने कहा कि एक समय ऐसा था, जब उत्तर प्रदेश के शिक्षक देश के हर प्रदेश में शिक्षण कार्य करते पाये जाते थे. साथ ही दुनिया के तमाम देशों में भी अपना परचम लहराते थे, लेकिन मौजूदा समय में इसमें काफी गिरावट आ गई है.
उन्होंने कहा कि जब शिक्षक का प्रशिक्षण हासिल करने वाले अभ्यर्थी अपने प्रदेश की शिक्षक पात्रता परीक्षा को उत्तीर्ण नहीं कर पा रहे हैं, तो वह यूपी का मान कैसे आगे बढ़ाएंगे. इस दौरान मौजूद कई महाविद्यालयों के प्राचार्य और आचार्यों से उन्होंने कहा कि वह प्रशिक्षण की गुणवत्ता को बढ़ाएं. साथ ही इस बात का भी आकलन करें कि दुनिया के किन देशों की भाषाओं का सर्टिफिकेट और डिप्लोमा कोर्स इन प्रशिक्षुओं को दिया जाए, ताकि डिग्री हासिल करने के बाद यह रोजगार के लिए अन्य देशों को भी जाएं.
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भारतीय शिक्षा और यहां के शिक्षा केंद्र की पहचान पूरे दुनिया में कायम है. इसलिए हमें ऐसे शिक्षक को तैयार करने की जरूरत है, जिसका हम निर्यात भी कर सकें, क्योंकि किसी भी राष्ट्र की मजबूती उसके निर्यात क्षमता के आधार पर भी आंकी जाती है. अगर हमारी शिक्षकों को तैयार करने की व्यवस्था और तकनीक बेहतर होगी, तो हम इस दिशा में काफी मजबूती से आगे बढ़ेंगे.
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