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महंत दिग्विजय नाथ और अवेद्यनाथ राम मंदिर आंदोलन के नींव के पत्थर: मुख्यमंत्री योगी

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Published : Sep 17, 2021, 6:55 PM IST

मुख्यमंत्री और गोरक्षपीठाधीश्वर योगी आदित्यनाथ ने ब्रह्मलीन महंत दिग्विजयनाथ और महंत अवेद्यनाथ को नमन किया. उन्होंने कहा कि उनके दादा गुरु और गुरुदेव श्रीराम मंदिर आंदोलन के नींव के पत्थर थे.

'भगवान श्री राम-श्रीकृष्ण कथा का तात्विक विवेचन' विषयक कथामृत ज्ञानयज्ञ
'भगवान श्री राम-श्रीकृष्ण कथा का तात्विक विवेचन' विषयक कथामृत ज्ञानयज्ञ

गोरखपुरः गोरखनाथ मंदिर में 'भगवान श्री राम-श्रीकृष्ण कथा का तात्विक विवेचन' विषयक कथामृत ज्ञानयज्ञ का शुभारंभ हुआ. इस दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ब्रह्मलीन महंत दिग्विजयनाथ और महंत अवेद्यनाथ को नमन करते हुए कहा है कि उनके दादा गुरु और गुरुदेव श्रीराम मंदिर आंदोलन के नींव के पत्थर थे.

मुख्यमंत्री और गोरक्षपीठाधीश्वर योगी आदित्यनाथ ने ब्रह्मलीन महंत दिग्विजयनाथ और महंत अवेद्यनाथ को नमन करते हुए कहा है कि उनके दादा गुरु और गुरुदेव श्रीराम मंदिर आंदोलन के नींव के पत्थर थे. पांच सदी के लंबे इंतजार के बाद आज जब प्रभु श्रीराम के भव्य मंदिर निर्माण का कार्य प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में प्रशस्त हुआ. आज मंदिर आंदोलन को नई ऊंचाई मिली है, तो बह्मलीन मंहतद्वय की आत्मा को अपार आत्मिक शांति मिली होगी. मुख्यमंत्री युगपुरुष ब्रह्मलीन महंत दिग्विजयनाथ की 52वीं और राष्ट्रसंत ब्रह्मलीन महंत अवेद्यनाथ की 7वीं पुण्यतिथि पर आयोजित साप्ताहिक श्रद्धांजलि समारोह के अंतर्गत शुक्रवार को 'भगवान श्रीराम-श्रीकृष्ण कथा का तात्विक विवेचन' विषयक कथामृत ज्ञानयज्ञ के शुभारंभ अवसर पर बोल रहे थे. कथा का अमृतपान अयोध्याधाम से पधारे जगद्गुरु रामानुजाचार्य स्वामी वासुदेवाचार्य द्वारा कराया जा रहा है.

'भगवान श्री राम-श्रीकृष्ण कथा का तात्विक विवेचन'

गोरखनाथ मंदिर के महंत दिग्विजयनाथ स्मृति सभागार में आयोजित कार्यक्रम में सीएम योगी ने कहा कि गोरक्षपीठ के ब्रह्मलीन महंतद्वय ने पूरा जीवन देश, लोक कल्याण व सनातन धर्म के मानबिन्दुओं की पुनर्स्थापना को समर्पित कर दिया. बीते सौ सालों में देश-धर्म को प्रभावित करने वाली कोई ऐसी घटना नहीं होगी, जिसमें महंतद्वय की प्रत्यक्ष या परोक्ष भागदारी न रही हो. लोक कल्याण ही उनका ध्येय था. सीएम ने कहा कि गोरखपुर और आसपास के क्षेत्रों में महंतद्वय की शिक्षा, स्वास्थ्य और धार्मिक जागरण के हर आयाम पर भागीदारी रही. श्रीराम और श्रीकृष्ण कथा के महत्व को रेखांकित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि भारतीय मुनियों ने हजारों वर्षों से वेदों, पुराणों, उपनिषदों आदि के माध्यम से पीढ़ी दर पीढ़ी कथा की परंपरा को आगे बढ़ाया है. श्रीराम और श्रीकृष्ण की कथाओं की वर्तमान में उपयोगिता क्या है, इसका ज्ञान हमें ऐसे पुण्य आयोजनों से होता है.

कथामृत ज्ञानयज्ञ का शुभारंभ
कथामृत ज्ञानयज्ञ का शुभारंभ
कथामृत ज्ञानयज्ञ का शुभारंभ
कथामृत ज्ञानयज्ञ का शुभारंभ

इसे भी पढ़ें- कोरोना वैक्सीनेशन का रिकार्डः यूपी में शाम 5 बजे तक 15 लाख से ज्यादा लोगों को लगा टीका

कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि आज का दिन इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि आज विश्वकर्मा जयंती है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का भी पावन जन्मदिन है. पीएम मोदी को बधाई और शुभकामनाएं देते हुए सीएम ने कहा कि उन्होंने देश को नई दिशा देते हुए वैश्विक मंच पर राष्ट्र का मान-सम्मान बढ़ाया है. पीएम के कार्य अनुकरणीय और अभिनंदनीय हैं. हम गौरवान्वित हैं कि देश का नेतृत्व हर नागरिक के हित के बारे में सोचता है. हम सबकी कामना है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का नेतृत्व लंबे समय तक प्राप्त होता रहे. कथामृत ज्ञानयज्ञ के शुभारंभ के अवसर पर गोरखनाथ मुख्य मंदिर से महंत दिग्विजयनाथ स्मृति सभागार तक शोभायात्रा भी निकाली गई. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी इसमें सम्मिलित हुए. इस अवसर पर अयोध्या के स्वामी सुरेशदास, स्वामी राघवाचार्य, वाराणसी के संत संतोषदास 'सतुआ बाबा', समेत कई संतगण प्रमुख रूप से उपस्थित रहे.

कथामृत ज्ञानयज्ञ का शुभारंभ
कथामृत ज्ञानयज्ञ का शुभारंभ

गोरखपुरः गोरखनाथ मंदिर में 'भगवान श्री राम-श्रीकृष्ण कथा का तात्विक विवेचन' विषयक कथामृत ज्ञानयज्ञ का शुभारंभ हुआ. इस दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ब्रह्मलीन महंत दिग्विजयनाथ और महंत अवेद्यनाथ को नमन करते हुए कहा है कि उनके दादा गुरु और गुरुदेव श्रीराम मंदिर आंदोलन के नींव के पत्थर थे.

मुख्यमंत्री और गोरक्षपीठाधीश्वर योगी आदित्यनाथ ने ब्रह्मलीन महंत दिग्विजयनाथ और महंत अवेद्यनाथ को नमन करते हुए कहा है कि उनके दादा गुरु और गुरुदेव श्रीराम मंदिर आंदोलन के नींव के पत्थर थे. पांच सदी के लंबे इंतजार के बाद आज जब प्रभु श्रीराम के भव्य मंदिर निर्माण का कार्य प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में प्रशस्त हुआ. आज मंदिर आंदोलन को नई ऊंचाई मिली है, तो बह्मलीन मंहतद्वय की आत्मा को अपार आत्मिक शांति मिली होगी. मुख्यमंत्री युगपुरुष ब्रह्मलीन महंत दिग्विजयनाथ की 52वीं और राष्ट्रसंत ब्रह्मलीन महंत अवेद्यनाथ की 7वीं पुण्यतिथि पर आयोजित साप्ताहिक श्रद्धांजलि समारोह के अंतर्गत शुक्रवार को 'भगवान श्रीराम-श्रीकृष्ण कथा का तात्विक विवेचन' विषयक कथामृत ज्ञानयज्ञ के शुभारंभ अवसर पर बोल रहे थे. कथा का अमृतपान अयोध्याधाम से पधारे जगद्गुरु रामानुजाचार्य स्वामी वासुदेवाचार्य द्वारा कराया जा रहा है.

'भगवान श्री राम-श्रीकृष्ण कथा का तात्विक विवेचन'

गोरखनाथ मंदिर के महंत दिग्विजयनाथ स्मृति सभागार में आयोजित कार्यक्रम में सीएम योगी ने कहा कि गोरक्षपीठ के ब्रह्मलीन महंतद्वय ने पूरा जीवन देश, लोक कल्याण व सनातन धर्म के मानबिन्दुओं की पुनर्स्थापना को समर्पित कर दिया. बीते सौ सालों में देश-धर्म को प्रभावित करने वाली कोई ऐसी घटना नहीं होगी, जिसमें महंतद्वय की प्रत्यक्ष या परोक्ष भागदारी न रही हो. लोक कल्याण ही उनका ध्येय था. सीएम ने कहा कि गोरखपुर और आसपास के क्षेत्रों में महंतद्वय की शिक्षा, स्वास्थ्य और धार्मिक जागरण के हर आयाम पर भागीदारी रही. श्रीराम और श्रीकृष्ण कथा के महत्व को रेखांकित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि भारतीय मुनियों ने हजारों वर्षों से वेदों, पुराणों, उपनिषदों आदि के माध्यम से पीढ़ी दर पीढ़ी कथा की परंपरा को आगे बढ़ाया है. श्रीराम और श्रीकृष्ण की कथाओं की वर्तमान में उपयोगिता क्या है, इसका ज्ञान हमें ऐसे पुण्य आयोजनों से होता है.

कथामृत ज्ञानयज्ञ का शुभारंभ
कथामृत ज्ञानयज्ञ का शुभारंभ
कथामृत ज्ञानयज्ञ का शुभारंभ
कथामृत ज्ञानयज्ञ का शुभारंभ

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कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि आज का दिन इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि आज विश्वकर्मा जयंती है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का भी पावन जन्मदिन है. पीएम मोदी को बधाई और शुभकामनाएं देते हुए सीएम ने कहा कि उन्होंने देश को नई दिशा देते हुए वैश्विक मंच पर राष्ट्र का मान-सम्मान बढ़ाया है. पीएम के कार्य अनुकरणीय और अभिनंदनीय हैं. हम गौरवान्वित हैं कि देश का नेतृत्व हर नागरिक के हित के बारे में सोचता है. हम सबकी कामना है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का नेतृत्व लंबे समय तक प्राप्त होता रहे. कथामृत ज्ञानयज्ञ के शुभारंभ के अवसर पर गोरखनाथ मुख्य मंदिर से महंत दिग्विजयनाथ स्मृति सभागार तक शोभायात्रा भी निकाली गई. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी इसमें सम्मिलित हुए. इस अवसर पर अयोध्या के स्वामी सुरेशदास, स्वामी राघवाचार्य, वाराणसी के संत संतोषदास 'सतुआ बाबा', समेत कई संतगण प्रमुख रूप से उपस्थित रहे.

कथामृत ज्ञानयज्ञ का शुभारंभ
कथामृत ज्ञानयज्ञ का शुभारंभ
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