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महंत अवैद्यनाथ के जीवन मूल्यों से लेनी चाहिए सीखः सीएम योगी - गोरखपुर में सीएम योगी

गोरखपुर जिले में स्थित गोरखनाथ मंदिर में शनिवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ब्रह्मलीन महंत दिग्विजय नाथ की 51वीं और ब्रह्मलीन महंत अवैद्यनाथ की 6वीं पुण्यतिथि पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की. इस दौरान सीएम ने कहा कि हमें अपने जीवन में ब्रह्मलीन महंत अवैद्यनाथ के जीवन मूल्यों को उतारना चाहिए.

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Published : Sep 6, 2020, 7:06 PM IST

गोरखपुरः गोरखनाथ मंदिर में ब्रह्मलीन महंत दिग्विजय नाथ की 51वीं और ब्रह्मलीन महंत अवैद्यनाथ की 6वीं पुण्यतिथि सप्ताह समारोह कार्यक्रम की समाप्ति श्रद्धांजलि कार्यक्रम के साथ संपन्न हुई. इस अवसर पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि हमें ब्रह्मलीन महंत अवैद्यनाथ के जीवन मूल्यों से सीख लेनी चाहिए. उन्होंने अपना पूरा जीवन सामाजिक समरसता और देश को सशक्त बनाने के साथ ही भव्य मंदिर निर्माण को बनाने के लिए समर्पित कर दिया था, जो निश्चय किया उसे उन्होंने पूरा किया.

मंच पर दिगंबर अखाड़ा अयोध्या से पधारे महंत सुरेश दास, अयोध्या से पधारे रामानुजाचार्य, स्वामी श्री धराचार्य महाराज, कथा व्यास अनंत श्री विभूषित जगतगुरु रामानुजाचार्य स्वामी राघवाचार्य, महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद के अध्यक्ष और पूर्व कुलपति प्रोफेसर उदय प्रताप सिंह, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रांत प्रचारक सुभाष मौजूद रहे.

गोरखनाथ मंदिर के ब्रह्मलीन महंत दिग्विजय नाथ स्मृति सभागार में आयोजित श्रद्धांजलि समारोह में मुख्यमंत्री ने महाराणा प्रताप इंटर कॉलेज के पूर्व प्रधानाचार्य रामजन्म सिंह की पुस्तक श्री राम कथा और ब्रह्मलीन महंत दिग्विजय नाथ व ब्रह्मलीन महंत अवैद्यनाथ की स्मृति में विमर्श पत्रिका का विमोचन किया.

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए अपने उद्बोधन में कहा कि गोरखपुर में कोरोना काल में भी हम कार्यक्रम को आयोजित कर रहे हैं. समसामयिक कार्यक्रम में उन्हीं मुद्दों और मूल्यों को लेकर तकनीक का उपयोग करके सम विषम परिस्थितियों में आयोजन किया जा सकता है. लगभग 10 लाख लोगों ने यह कार्यक्रम देखा. सीएम ने कहा कि 6 साल पहले तक हमें महंत अवैद्यनाथ का सान्निध्य प्राप्त होता रहा.

महंत अवैद्यनाथ भारत को कमजोर करने वाले संगठन और तत्वों का डटकर विरोध करते रहे. 45 वर्षों तक उन्होंने गोरखपुर और यहां के संतों को मार्गदर्शन दिया, गोरक्ष पीठ एक धार्मिक पीठ है. इसका मतलब सिर्फ पूजा-पाठ ही नहीं है. धर्म, सदाचार और अन्य प्रकार के कार्यों के लिए वे सभी को प्रेरित करते रहे. पूरे मंदिर परिसर में साफ सफाई पर विशेष ध्यान देते थे, जीवन का पहला अध्याय स्वच्छता और साफ-सफाई है. उनकी स्मृति हमेशा हमें प्रेरणा प्रदान करती है. हमें उनके जीवन मूल्यों को अपने जीवन में उतारना चाहिए.

वहीं कार्यक्रम में पूर्व केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री शिव प्रताप शुक्ला, महापौर सीताराम जायसवाल, उच्च शिक्षा सेवा आयोग के अध्यक्ष प्रोफेसर ईश्वर शरण विश्वकर्मा, माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड के सदस्य डॉ. दिनेश मणि त्रिपाठी, सदर सांसद रवि किशन शुक्ला, बांसगांव सांसद कमलेश पासवान, विश्व हिंदू परिषद के प्रांतीय संगठन मंत्री प्रदीप पांडे सहित बड़ी संख्या में शैक्षिक सामाजिक सांस्कृतिक एवं जनप्रतिनिधि मौजूद रहे.

गोरखपुरः गोरखनाथ मंदिर में ब्रह्मलीन महंत दिग्विजय नाथ की 51वीं और ब्रह्मलीन महंत अवैद्यनाथ की 6वीं पुण्यतिथि सप्ताह समारोह कार्यक्रम की समाप्ति श्रद्धांजलि कार्यक्रम के साथ संपन्न हुई. इस अवसर पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि हमें ब्रह्मलीन महंत अवैद्यनाथ के जीवन मूल्यों से सीख लेनी चाहिए. उन्होंने अपना पूरा जीवन सामाजिक समरसता और देश को सशक्त बनाने के साथ ही भव्य मंदिर निर्माण को बनाने के लिए समर्पित कर दिया था, जो निश्चय किया उसे उन्होंने पूरा किया.

मंच पर दिगंबर अखाड़ा अयोध्या से पधारे महंत सुरेश दास, अयोध्या से पधारे रामानुजाचार्य, स्वामी श्री धराचार्य महाराज, कथा व्यास अनंत श्री विभूषित जगतगुरु रामानुजाचार्य स्वामी राघवाचार्य, महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद के अध्यक्ष और पूर्व कुलपति प्रोफेसर उदय प्रताप सिंह, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रांत प्रचारक सुभाष मौजूद रहे.

गोरखनाथ मंदिर के ब्रह्मलीन महंत दिग्विजय नाथ स्मृति सभागार में आयोजित श्रद्धांजलि समारोह में मुख्यमंत्री ने महाराणा प्रताप इंटर कॉलेज के पूर्व प्रधानाचार्य रामजन्म सिंह की पुस्तक श्री राम कथा और ब्रह्मलीन महंत दिग्विजय नाथ व ब्रह्मलीन महंत अवैद्यनाथ की स्मृति में विमर्श पत्रिका का विमोचन किया.

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए अपने उद्बोधन में कहा कि गोरखपुर में कोरोना काल में भी हम कार्यक्रम को आयोजित कर रहे हैं. समसामयिक कार्यक्रम में उन्हीं मुद्दों और मूल्यों को लेकर तकनीक का उपयोग करके सम विषम परिस्थितियों में आयोजन किया जा सकता है. लगभग 10 लाख लोगों ने यह कार्यक्रम देखा. सीएम ने कहा कि 6 साल पहले तक हमें महंत अवैद्यनाथ का सान्निध्य प्राप्त होता रहा.

महंत अवैद्यनाथ भारत को कमजोर करने वाले संगठन और तत्वों का डटकर विरोध करते रहे. 45 वर्षों तक उन्होंने गोरखपुर और यहां के संतों को मार्गदर्शन दिया, गोरक्ष पीठ एक धार्मिक पीठ है. इसका मतलब सिर्फ पूजा-पाठ ही नहीं है. धर्म, सदाचार और अन्य प्रकार के कार्यों के लिए वे सभी को प्रेरित करते रहे. पूरे मंदिर परिसर में साफ सफाई पर विशेष ध्यान देते थे, जीवन का पहला अध्याय स्वच्छता और साफ-सफाई है. उनकी स्मृति हमेशा हमें प्रेरणा प्रदान करती है. हमें उनके जीवन मूल्यों को अपने जीवन में उतारना चाहिए.

वहीं कार्यक्रम में पूर्व केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री शिव प्रताप शुक्ला, महापौर सीताराम जायसवाल, उच्च शिक्षा सेवा आयोग के अध्यक्ष प्रोफेसर ईश्वर शरण विश्वकर्मा, माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड के सदस्य डॉ. दिनेश मणि त्रिपाठी, सदर सांसद रवि किशन शुक्ला, बांसगांव सांसद कमलेश पासवान, विश्व हिंदू परिषद के प्रांतीय संगठन मंत्री प्रदीप पांडे सहित बड़ी संख्या में शैक्षिक सामाजिक सांस्कृतिक एवं जनप्रतिनिधि मौजूद रहे.

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