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सीएम योगी की पूर्वांचल और बुंदेलखंड विकास बोर्ड के पदाधिकारियों को नसीहत

उत्तर प्रदेश के गोरखरपुर जिले में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को बुंदेलखंड विकास बोर्ड के सदस्यों, अध्यक्ष और पदाधिकारियों को नसीहत दी. उन्होंने कहा कि जिन लोगों को ऐसे बोर्डों की जिम्मेदारी उन्होंने सौंपी है उनका दायित्व है कि वह अपने क्षेत्र में जाएं और वहां की समस्याओं से रूबरू होते हुए उसके निदान का उपाय भी ढूंढें.

योगी आदित्यनाथ
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Published : Aug 31, 2019, 8:39 PM IST

गोरखपुर: जिले में शनिवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दिग्विजय नाथ पीजी कॉलेज के स्वर्ण जयंती समारोह को बतौर कार्यक्रम अध्यक्ष संबोधित किया. उन्होंने कहा कि मौजूदा दौर की शिक्षा व्यवस्था में अमूल चूल परिवर्तन की जरूरत है. साथ ही विश्वविद्यालय और महाविद्यालय के आचार्यों में भी काफी बदलाव लाने की जरूरत है. इन स्थानों पर ऐसे वातावरण को उत्पन्न करने की जरूरत है जिससे विद्यार्थी सिर्फ शिक्षा ही अर्जित न करे. जब वह विद्यालय छोड़कर जाए तो उसके सामने जो चुनौतियां हों उसे हासिल करने में वह सफल सिद्ध हो सके.

स्वर्ण जयंती समारोह में पहुंचे सीएम योगी आदित्यनाथ.

मनुष्य के जीवन में चार आश्रम होते हैं: योगी आदित्यनाथ

योगी ने इस दौरान कहां कि मनुष्य के जीवन में चार आश्रम होते हैं, जिसमें तीसरा आश्रम वानप्रस्थ का है जो बहुत महत्वपूर्ण है. इसमें इंसान समाज से बहुत कुछ चीजें लेता भी है तो उसे वापस भी करता है. ऐसे ही गुण शैक्षिक संस्थाओं में भी विकसित होने चाहिए.

पढ़े:-बुलंदशहर: बोर्ड परीक्षा के 20 टॉपरों को सम्मानित करेंगे सीएम योगी

सफल अभ्यर्थियों को किया गया सम्मानित
इस कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के रूप में यूनिवर्सिटी ग्रांट कमीशन के चेयरमैन प्रोफेसर डीपी सिंह भी मौजूद थे. उन्होंने दिग्विजयनाथ पीजी कॉलेज के स्वर्ण जयंती समारोह में आयोजित हुई विभिन्न प्रतियोगिताओं के सफल अभ्यर्थियों को सम्मानित किया. इस दौरान कॉलेज की पत्रिका अरावली का भी विमोचन किया गया.

कई विश्वविद्यालयों के कुलपतियों ने लिया हिस्सा

दिग्विजयनाथ पीजी कॉलेज गोरखनाथ मंदिर की ही संस्था है जिसकी स्थापना आज से 50 वर्ष पहले तत्कालीन महंत दिग्विजयनाथ ने की थी. इसका नामकरण योगी आदित्यनाथ के गुरु और पूर्व महंत ब्रह्मलीन महंत अवेद्यनाथ ने किया था. समारोह में स्कूल के छात्र-छात्राओं के अलावा यूपी और बिहार के कई विश्वविद्यालयों के कुलपतियों ने भी हिस्सा लिया.

गोरखपुर: जिले में शनिवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दिग्विजय नाथ पीजी कॉलेज के स्वर्ण जयंती समारोह को बतौर कार्यक्रम अध्यक्ष संबोधित किया. उन्होंने कहा कि मौजूदा दौर की शिक्षा व्यवस्था में अमूल चूल परिवर्तन की जरूरत है. साथ ही विश्वविद्यालय और महाविद्यालय के आचार्यों में भी काफी बदलाव लाने की जरूरत है. इन स्थानों पर ऐसे वातावरण को उत्पन्न करने की जरूरत है जिससे विद्यार्थी सिर्फ शिक्षा ही अर्जित न करे. जब वह विद्यालय छोड़कर जाए तो उसके सामने जो चुनौतियां हों उसे हासिल करने में वह सफल सिद्ध हो सके.

स्वर्ण जयंती समारोह में पहुंचे सीएम योगी आदित्यनाथ.

मनुष्य के जीवन में चार आश्रम होते हैं: योगी आदित्यनाथ

योगी ने इस दौरान कहां कि मनुष्य के जीवन में चार आश्रम होते हैं, जिसमें तीसरा आश्रम वानप्रस्थ का है जो बहुत महत्वपूर्ण है. इसमें इंसान समाज से बहुत कुछ चीजें लेता भी है तो उसे वापस भी करता है. ऐसे ही गुण शैक्षिक संस्थाओं में भी विकसित होने चाहिए.

पढ़े:-बुलंदशहर: बोर्ड परीक्षा के 20 टॉपरों को सम्मानित करेंगे सीएम योगी

सफल अभ्यर्थियों को किया गया सम्मानित
इस कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के रूप में यूनिवर्सिटी ग्रांट कमीशन के चेयरमैन प्रोफेसर डीपी सिंह भी मौजूद थे. उन्होंने दिग्विजयनाथ पीजी कॉलेज के स्वर्ण जयंती समारोह में आयोजित हुई विभिन्न प्रतियोगिताओं के सफल अभ्यर्थियों को सम्मानित किया. इस दौरान कॉलेज की पत्रिका अरावली का भी विमोचन किया गया.

कई विश्वविद्यालयों के कुलपतियों ने लिया हिस्सा

दिग्विजयनाथ पीजी कॉलेज गोरखनाथ मंदिर की ही संस्था है जिसकी स्थापना आज से 50 वर्ष पहले तत्कालीन महंत दिग्विजयनाथ ने की थी. इसका नामकरण योगी आदित्यनाथ के गुरु और पूर्व महंत ब्रह्मलीन महंत अवेद्यनाथ ने किया था. समारोह में स्कूल के छात्र-छात्राओं के अलावा यूपी और बिहार के कई विश्वविद्यालयों के कुलपतियों ने भी हिस्सा लिया.

Intro:गोरखपुर। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को शिक्षा के एक मंच से पूर्वांचल विकास बोर्ड और बुंदेलखंड विकास बोर्ड के सदस्यों, अध्यक्ष और पदाधिकारियों को बड़ी नसीहत दे दिया। उन्होंने कहा कि जिन लोगों को ऐसे बोर्डों की जिम्मेदारी उन्होंने सौंपी है उनका दायित्व है कि वह अपने क्षेत्र में जाएं और वहां की समस्याओं से रूबरू होते हुए उसके निदान का उपाय भी ढूंढें। वह इसके लिए विश्वविद्यालय और महाविद्यालयों के योग्य लोगों के साथ चर्चा करें और शोध में भी भागीदार बनें। जिससे देश और प्रदेश के विकास का मार्ग प्रशस्त हो सके। योगी आदित्यनाथ शनिवार को गोरखपुर में दिग्विजय नाथ पीजी कॉलेज के स्वर्ण जयंती समारोह को बतौर कार्यक्रम अध्यक्ष संबोधित कर रहे थे।

बाइट--योगी आदित्यनाथ, सीएम, यूपी

नोट--कम्प्लीट पैकेज, वॉइस ओवर अटैच है।


Body:योगी ही नहीं रुके। उन्होंने कहा कि मौजूदा दौर की शिक्षा व्यवस्था में अमूल चूल परिवर्तन की जरूरत है। साथ ही विश्वविद्यालय और महाविद्यालय के आचार्यों में भी काफी बदलाव लाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि इन स्थानों पर ऐसे वातावरण को उत्पन्न करने की जरूरत है जिससे विद्यार्थी सिर्फ शिक्षा ही अर्जित न करें। जब वह विद्यालय छोड़कर जाए तो उसके सामने जो चुनौतियां हो उसे हासिल करने में वह सफल सिद्ध हो सके। योगी ने इस दौरान कहां की मनुष्य के जीवन में चार आश्रम होते हैं। जिसमें तीसरा आश्रम वानप्रस्थ का है जो बहुत महत्वपूर्ण है। ईसमें इंसान समाज से बहुत कुछ चीजें लेता भी है तो उसे वापस भी करता है। ऐसे ही गुण शैक्षिक संस्थाओं में भी विकसित होने चाहिए।

बाइट--योगी आदित्यनाथ, सीएम, यूपी


Conclusion:इस कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के रूप में यूनिवर्सिटी ग्रांट कमीशन के चेयरमैन प्रोफेसर डीपी सिंह भी मौजूद थे। जिनके हाथों से दिग्विजयनाथ पीजी कॉलेज के स्वर्ण जयंती समारोह में आयोजित हुई विभिन्न प्रतियोगिताओं के सफल अभ्यर्थियों को सम्मानित किया गया। इस दौरान कॉलेज की पत्रिका अरावली का भी विमोचन किया गया। दिग्विजयनाथ पीजी कॉलेज गोरखनाथ मंदिर की ही संस्था है जिसकी स्थापना आज से 50 वर्ष पहले तत्कालीन महंत दिग्विजयनाथ ने किया था तो इसका नामकरण योगी आदित्यनाथ के गुरु और पूर्व महंत ब्रह्मलीन महंत अवेद्यनाथ ने किया था। समारोह में स्कूल के छात्र-छात्राओं के अलावा यूपी और बिहार के कई विश्वविद्यालयों के कुलपतियों ने भी हिस्सा लिया।

मुकेश पाण्डेय
Etv भारत, गोरखपुर
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