गोरखपुर: गुरुवार की देर शाम को सीएम योगी बीजेपी के अनुसूचित जनजाति प्रकोष्ठ के प्रदेश स्तरीय प्रशिक्षण शिविर में शामिल हुए. संबोधन के दौरान उन्होंने कहा कि देश की आजादी के 70 साल बाद अनुसूचित और जनजाति के लोगों का सही मायने में विकास और अधिकार पीएम मोदी के नेतृत्व में ही हुआ है. सीएम ने कहा कि पीएम मोदी ने कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाकर वहां पर भी एससी-एसटी समुदाय को आरक्षण का लाभ दिलाने का मार्ग प्रशस्त किया है.
पीएम मोदी के प्रयासों से अनेक कल्याणकारी योजनाओं के माध्यम से अनुसूचित जनजाति के लोगों के जीवन स्तर को ऊपर उठाने और आर्थिक मजबूती देने का काम किया जा रहा है. योगी ने कहा कि हाल ही में देश के राष्ट्रपति के रूप में द्रौपदी मुर्मू का निर्वाचित होना भी पीएम मोदी के आदिवासी कल्याण और अनुसूचित जनजाति के विकास का एक बहुत बड़ा उदाहरण है. इसकी विशेषता पूरी दुनिया के लिए अवर्णनीय है.
उन्होंने कहा कि बीजेपी पंडित दीनदयाल उपाध्याय के एकात्म, मानववाद और अंत्योदय से राष्ट्रोदय तक की कल्पना को साकार करने वाली पार्टी है. बीजेपी जब भी सत्ता में आई है, तो इस क्षेत्र में बहुत से कार्य हुए. लेकिन पीएम मोदी ने पिछले 8 वर्षों में अनुसूचित और जनजाति समाज के बीच शौचालय जैसी सुविधाओं को पहुंचाकर 10 करोड़ घरों को न सिर्फ सुरक्षा, स्वच्छता और स्वास्थ्य से जोड़ने का कार्य किया है. बल्कि, इससे नारी की गरिमा भी बढी है. प्रदेश सरकार ने मुसहर समाज के विकास के लिए काम किया है. सरकार की जितनी भी योजनाएं हैं, उससे उन्हें लाभान्वित करने के लिए निर्देशित किया गया है. इतना ही नहीं पीएम मोदी ने आदिवासी कल्याण दिवस को बिरसा मुंडा दिवस के रूप में भी मनाने का काम किया है.
सीएम योगी ने कहा कि बीजेपी और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की विचारधारा में दबे कुचले आदिवासी समाज के लोगों का उत्थान शामिल है. बरसों से वनवासी कल्याण आश्रम के माध्यम से ऐसे क्षेत्रों के बच्चों को लाकर हॉस्टल में पढ़ाया-लिखाया जा रहा है. ऐसे कार्यों से पिछड़े समाज को मुख्यधारा से जोड़ने का प्रयास होता है. उन्होंने कहा कि समाज का कोई भी वर्ग सुविधा से वंचित न रहे, इस पर केंद्र सरकार प्रदेश की सरकार से मिलकर काम कर रही है. उन्होंने कहा कि इको टूरिज्म में जनजाति समूह का एकाधिकार होना चाहिए, क्योंकि यह लोग भावनात्मक रूप से इससे जुड़े हुए लोग हैं. कुछ लोग उन्हें भड़काने का काम करेंगे, लेकिन उनसे सावधान रहते हुए अपने विशिष्ट कार्य को अंजाम देकर देश और समाज में पहचान कायम करते हुए आर्थिक उन्नति का भी मार्ग प्रशस्त करना चाहिए.
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