गोरखपुर: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने नवरात्रि की नवमी के दिन गोरखनाथ मंदिर में कन्या पूजन का कार्यक्रम संपन्न किया. गोरक्षपीठाधीश्वर के रूप में वर्षों से चली आ रही परंपरा का उन्होंने विधिवत निर्वहन किया. मुख्यमंत्री की भूमिका से योगी आदित्यनाथ आज पूरी तरह अलग नजर आए. पारंपरिक वेशभूषा में मंदिर के सभागार में योगी ने एक-एक कर करीब 100 कन्याओं का पूजन-अर्चन किया और उन्हें चुनरी ओढ़ाया, पांव पखारा और प्रसाद भी भेंट किया. इस दौरान मुख्यमंत्री कतारबद्ध बैठी सभी कन्याओं को भोजन कराने में खुद प्रेम भाव से शामिल हुए. वह एक-एक कन्याओं के पास जाते और प्रसाद ग्रहण करने के लिए उन्हें प्रेरित करते रहते. हालांकि इस दौरान योगी की सुरक्षा को लेकर सुरक्षाकर्मी पूरी तरह से मुस्तैद थे. मंदिर में मीडियाकर्मियों के साथ उन्हीं लोगों का प्रवेश था, जो मंदिर की व्यवस्था से जुड़े हुए लोग थे.
बेटियों के प्रति सम्मान के भाव से समाज में रुकेंगी घटनाएं
योगी ने इस दौरान मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि नवरात्र के इस पावन पर्व पर भगवती स्वरूपा कन्याओं का पूजन परंपराओं का जहां हिस्सा है वही बेटियों के सम्मान को भी बल देता है. उन्होंने कहा कि समाज के अंदर अगर बेटियों को सम्मान देने का ऐसा भाव पैदा होने लगे तो बेटियों के साथ घटने वाली घटनाओं पर रोक लग जाएगी. उन्होंने बेटियों की सुरक्षा को लेकर सरकार पहल की चर्चा करते हुए कहा कि केंद्र की मोदी सरकार बेटी बचाओ और बेटी पढ़ाओ का नारा देने के साथ इस अभियान की सत्यता को भी साबित करने में पूरा दमखम लगाए हुए है. ऐसे में हम सभी का कर्तव्य बनता है कि बेटियों के सम्मान के साथ कहीं भी खिलवाड़ न होने पाए और जहां भी ऐसा दिखे उसे रोकने का प्रयास किया जाए.
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योगी ने इस दौरान कहा कि नवरात्रि पूजन की परंपरा अनादिकाल से चली आ रही है. मां भगवती की आराधना से जहां साधक को स्वयं शक्ति प्राप्त होती है. वहीं जनकल्याण की भाव से किया गया हवन पूजन वातावरण को भी शुद्ध करता है. उन्होंने इस अवसर पर देश और प्रदेश के लोगों को नवमी और विजयदशमी पर्व की हार्दिक शुभकामनाएं और बधाई दी. योगी पिछले 3 दिनों से गोरखपुर में हैं. कल वह विजयदशमी के जुलूस में शामिल होंगे. यह जुलूस गोरखनाथ मंदिर से निकलता है, जो मानसरोवर के रामलीला मैदान में आयोजित रामलीला तक पहुंचता है. वहां योगी आदित्यनाथ के द्वारा रामलीला के पात्र राम को तिलक करके मर्यादा पुरुषोत्तम राम के चरित्र को लोगों के बीच ले जाने का कार्य भी किया जाता हैं. यह दृश्य भी लोगों के लिए बड़ा ही मनोरम होता है.