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पर्यटकों के आंकड़े दे रहे गवाही, टूरिज्म के क्षेत्र में तेजी से उभर रही सीएम सिटी - विदेशी पर्यटकों की संख्या

गोरखपुर वाराणसी, चित्रकूट और अयोध्या के बाद बन रहा है. आलम यह है कि विदेशी पर्यटकों की संख्या भी यहां बढ़ रही है, जिसकी गवाही आंकड़े दे रहे हैं. स्थानीय लोगों की तो भीड़ हर दिन बढ़ रही है.

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Published : Oct 19, 2022, 7:32 AM IST

गोरखपुर: पर्यटन के क्षेत्र में सीएम सिटी भी मजबूती के साथ आगे कदम बढ़ा रही है. जी हां वाराणसी, चित्रकूट और अयोध्या के बाद पूर्वांचल का यह बहुत बड़ा पर्यटन केंद्र बन रहा है. सीएम योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) की सरकर में जिस तरह की पर्यटन की योजनाएं विस्तार ले रही हैं और अगले 5 साल का प्लान तैयार कर काम किया जा रहा है, वह आने वाले समय में इसे विशेष पर्यटन केंद्र के रूप में स्थापित करेगा. नेपाल की राजधानी काठमांडू हो या फिर पटना, लुंबिनी, कुशीनगर सबके बीच यह प्रमुख स्थान पर्यटन के क्षेत्र में बनाता जा रहा है. खास बात यह है कि विदेशी पर्यटकों की संख्या भी यहां बढ़ रही है, जिसकी गवाही आंकड़े दे रहे हैं. स्थानीय लोगों की तो भीड़ हर दिन बढ़ रही है.

पर्यटकों का झुकाव धार्मिक और मनोरंजन वाले स्थलों में दोनों और देखा जा रहा है. चाहे वह ऐतिहासिकता के साथ नाथ पीठ की परंपरा को स्थापित करने वाला गोरखनाथ मंदिर हो या फिर धार्मिक पुस्तकों की छपाई का सबसे बड़े केंद्र गीता प्रेस या गीता वाटिका. इसके अलावा तरकुलहा देवी मंदिर, बुढ़िया माता मंदिर, मुक्तेश्वर धाम मंदिर पर्यटकों को अपनी ओर खींचता है. भौगोलिक रूप से यह बौद्ध सर्किट को भी जोड़ता है, जिससे इन जगहों को जाने वाले पर्यटक भी एक बार गोरखपुर में रुकते हैं. सूत्रों की मानें तो अभी हाल फिलहाल में शासन स्तर से जिले के धार्मिक महत्व के प्रमुख मंदिरों के जीर्णोद्धार की फिर से कवायद शुरू करने के लिए लिस्ट मांगी गई है. क्षेत्रीय पर्यटन अधिकारी रविंद्र कुमार मिश्रा का कहना है कि गोरखपुर में टूरिज्म के क्षेत्र में अपार संभावनाएं बढ़ी हैं. पहले के मुकाबले सैलानियों की संख्या में भारी इजाफा हुआ है. अगले 5 साल में इसे टूरिज्म के बड़े केंद्र में रूप में विकसित करने की तैयारी चल रही है.

धार्मिक पर्यटन से इतर अगर पर्यटकों के रुझान की बात करें तो रामगढ़ ताल और यहां पर बनाया गया नौकायन सेंटर पर्यटकों को अपनी ओर खींच रहा है. न सिर्फ गोरखपुर, बल्कि पड़ोसी कई जिलों से लोग इसका आनंद उठाने के लिए आते हैं. विदेशी पर्यटक भी पहुंच रहे हैं. फिल्मों का यह शूटिंग पॉइंट हो गया है. करीब 17 सौ एकड़ क्षेत्रफल में फैला यह ताल साउंड एंड लाइट, मोटरबोटिंग और वॉटर स्पोर्ट्स का बड़ा केंद्र बना हुआ है. इसके अलावा चिड़ियाघर पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र है, जहां प्रतिदिन कई हजार की संख्या में टूरिस्ट पहुंच रहे हैं. बौद्ध संग्रहालय, टेराकोटा शिल्पग्राम और राप्ती नदी का राम घाट, राजघाट भी शाम के समय लोगों को अपनी ओरआकर्षित करता है.

वहीं, अगर आंकड़ों की बात करें तो वर्ष 2016 में 21 लाख 46 हजार 121 पर्यटक भारतीय और 35 हजार 638 विदेशी पर्यटकों ने यहां भ्रमण किया. वर्ष 2017 में 24 लाख 5 हजार 705 भारतीय और 36 हजार 249 विदेशी, वर्ष 2018 में 27 लाख 53 हजार 546 भारतीय और 38715 विदेशी पर्यटक यहां आए. वर्ष 2019 में यह आंकड़ा बढ़ा. 30 लाख 9 हजार 33 पर्यटक भारतीय और 42 हजार 10 पर्यटक विदेशी यहां आए. वर्ष 2020 में करीब 15 लाख और 2021 में साढ़े नौ लाख पर्यटक आए, जो कोरोना से यह आंकड़ा तेजी से गिरा. लेकिन, वर्ष 2022 के सितंबर माह तक यह आंकड़ा सुधार पर है. करीब 27 लाख स्थानीय और 40 हजार के करीब विदेशी पर्यटक आ चुके हैं, साल बीतने के साथ और अच्छा संकेत देगा.

यह भी पढ़ें- कानून व्यवस्था पर खतरा बनने वालों का जीना हराम कर देंगे- योगी आदित्यनाथ

गोरखपुर: पर्यटन के क्षेत्र में सीएम सिटी भी मजबूती के साथ आगे कदम बढ़ा रही है. जी हां वाराणसी, चित्रकूट और अयोध्या के बाद पूर्वांचल का यह बहुत बड़ा पर्यटन केंद्र बन रहा है. सीएम योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) की सरकर में जिस तरह की पर्यटन की योजनाएं विस्तार ले रही हैं और अगले 5 साल का प्लान तैयार कर काम किया जा रहा है, वह आने वाले समय में इसे विशेष पर्यटन केंद्र के रूप में स्थापित करेगा. नेपाल की राजधानी काठमांडू हो या फिर पटना, लुंबिनी, कुशीनगर सबके बीच यह प्रमुख स्थान पर्यटन के क्षेत्र में बनाता जा रहा है. खास बात यह है कि विदेशी पर्यटकों की संख्या भी यहां बढ़ रही है, जिसकी गवाही आंकड़े दे रहे हैं. स्थानीय लोगों की तो भीड़ हर दिन बढ़ रही है.

पर्यटकों का झुकाव धार्मिक और मनोरंजन वाले स्थलों में दोनों और देखा जा रहा है. चाहे वह ऐतिहासिकता के साथ नाथ पीठ की परंपरा को स्थापित करने वाला गोरखनाथ मंदिर हो या फिर धार्मिक पुस्तकों की छपाई का सबसे बड़े केंद्र गीता प्रेस या गीता वाटिका. इसके अलावा तरकुलहा देवी मंदिर, बुढ़िया माता मंदिर, मुक्तेश्वर धाम मंदिर पर्यटकों को अपनी ओर खींचता है. भौगोलिक रूप से यह बौद्ध सर्किट को भी जोड़ता है, जिससे इन जगहों को जाने वाले पर्यटक भी एक बार गोरखपुर में रुकते हैं. सूत्रों की मानें तो अभी हाल फिलहाल में शासन स्तर से जिले के धार्मिक महत्व के प्रमुख मंदिरों के जीर्णोद्धार की फिर से कवायद शुरू करने के लिए लिस्ट मांगी गई है. क्षेत्रीय पर्यटन अधिकारी रविंद्र कुमार मिश्रा का कहना है कि गोरखपुर में टूरिज्म के क्षेत्र में अपार संभावनाएं बढ़ी हैं. पहले के मुकाबले सैलानियों की संख्या में भारी इजाफा हुआ है. अगले 5 साल में इसे टूरिज्म के बड़े केंद्र में रूप में विकसित करने की तैयारी चल रही है.

धार्मिक पर्यटन से इतर अगर पर्यटकों के रुझान की बात करें तो रामगढ़ ताल और यहां पर बनाया गया नौकायन सेंटर पर्यटकों को अपनी ओर खींच रहा है. न सिर्फ गोरखपुर, बल्कि पड़ोसी कई जिलों से लोग इसका आनंद उठाने के लिए आते हैं. विदेशी पर्यटक भी पहुंच रहे हैं. फिल्मों का यह शूटिंग पॉइंट हो गया है. करीब 17 सौ एकड़ क्षेत्रफल में फैला यह ताल साउंड एंड लाइट, मोटरबोटिंग और वॉटर स्पोर्ट्स का बड़ा केंद्र बना हुआ है. इसके अलावा चिड़ियाघर पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र है, जहां प्रतिदिन कई हजार की संख्या में टूरिस्ट पहुंच रहे हैं. बौद्ध संग्रहालय, टेराकोटा शिल्पग्राम और राप्ती नदी का राम घाट, राजघाट भी शाम के समय लोगों को अपनी ओरआकर्षित करता है.

वहीं, अगर आंकड़ों की बात करें तो वर्ष 2016 में 21 लाख 46 हजार 121 पर्यटक भारतीय और 35 हजार 638 विदेशी पर्यटकों ने यहां भ्रमण किया. वर्ष 2017 में 24 लाख 5 हजार 705 भारतीय और 36 हजार 249 विदेशी, वर्ष 2018 में 27 लाख 53 हजार 546 भारतीय और 38715 विदेशी पर्यटक यहां आए. वर्ष 2019 में यह आंकड़ा बढ़ा. 30 लाख 9 हजार 33 पर्यटक भारतीय और 42 हजार 10 पर्यटक विदेशी यहां आए. वर्ष 2020 में करीब 15 लाख और 2021 में साढ़े नौ लाख पर्यटक आए, जो कोरोना से यह आंकड़ा तेजी से गिरा. लेकिन, वर्ष 2022 के सितंबर माह तक यह आंकड़ा सुधार पर है. करीब 27 लाख स्थानीय और 40 हजार के करीब विदेशी पर्यटक आ चुके हैं, साल बीतने के साथ और अच्छा संकेत देगा.

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