गोरखपुरः बार एसोसिएशन सिविल कोर्ट गोरखपुर के 9 अक्टूबर को होने वाले चुनाव में कुल 23 पदों पर 94 प्रत्याशियों ने अपनी जोर आजमाइश की है. विभिन्न पदों के प्रत्याशी मतदाताओं को अपने पक्ष में करने की होड़ में लगे हैं. वहीं प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला लगभग 300 से ज्यादा अधिवक्ताओं के मतदान से होगा. एल्डर्स कमेटी के चेयरमैन रामगोविंद पति तिवारी ने कहा कि वही अधिवक्ता मतदान कर सकेंगे, जिनके पास बार काउंसिल द्वारा जारी सीओपी कार्ड (सर्विस आफ प्रैक्टिस) होगा.
बार एसोसिएशन सिविल कोर्ट गोरखपुर में अध्यक्ष पद के लिए 10, मंत्री पद के लिए 10, वरिष्ठ उपाध्यक्ष पद के लिए 10, कोषाध्यक्ष पद के लिए 08, उपाध्यक्ष 10 वर्ष के ऊपर 2 पद के लिए 09, उपाध्यक्ष 10 वर्ष के नीचे दो पद के लिए 05 कनिष्ठ कार्यकारिणी सदस्य पद के लिए 13, वरिष्ठ कार्यकारिणी सदस्य पद 06 पद के लिए 15, संयुक्त मंत्री प्रशासन पद के लिए 05, संयुक्त मंत्री प्रकाशन पद के लिए 04, संयुक्त मंत्री पुस्तकालय पद के लिए 05 प्रत्याशियों ने अपना नामांकन बार एसोसिएशन सिविल कोर्ट गोरखपुर में एल्डर्स कमेटी की देखरेख में किया है.
कुल 23 पदों के लिए 94 प्रत्याशी दिन रात मेहनत कर मतदाताओं को अपने पक्ष में मतदान करने के लिए लगे हुए हैं. सिविल कोर्ट परिसर में मतदाताओं का ध्यान आकर्षित करने के लिए दीवारें और अन्य जगहों पर प्रत्याशियों के बैनर, पोस्टर और होर्डिंग लगे हुए हैं. वहीं प्रत्याशी समर्थकों के साथ लगातार प्रचार करते हुए नजर आ रहे हैं.
इस संबंध में एल्डर्स कमेटी के चेयरमैन वरिष्ठ अधिवक्ता राम गोविंद पति त्रिपाठी ने बताया कि मतदान सूची में शामिल हुए अधिवक्ता जिनको किन्हीं कारणों से सीओपी कार्ड एवं सर्टिफिकेट नहीं प्राप्त हुआ है. वह बार काउंसिल ऑफ उत्तर प्रदेश की वेबसाइट से सीओपी पेज का प्रिंट आउट निकाल सकते हैं. साथ ही काउंसिल ऑफ उत्तर प्रदेश द्वारा जारी मूल परिचय पत्र लाने पर ही मतदान का अधिकार अधिवक्ताओं को मिल सकेगा. जिनके पास यूपी कार्ड या प्रमाण पत्र है, उन्हें मतदान के लिए उसकी मूल प्रति लानी होगी.
अध्यक्ष पद के प्रत्याशी एडवोकेट भानु प्रताप पांडे ने बताया कि वह पूर्व में भी बार एसोसिएशन सिविल कोर्ट के विभिन्न पदों पर रहकर अधिवक्ताओं के हित की लड़ाई वर्षों से लड़ते आ रहे हैं. अधिवक्ताओं की विभिन्न समस्याओं से वह भली-भांति अवगत हैं. खास करके महिला अधिवक्ता, जिन्हें मूलभूत सुविधाएं भी नहीं मिल रही हैं. उन्हें उन सुविधाओं को दिलाने के साथ अधिवक्ताओं के लिए विभिन्न योजनाओं को लाने का कार्य वह बार एसोसिएशन सिविल कोर्ट के माध्यम से करेंगे.
वहीं मंत्री पद के प्रत्याशी वरिष्ठ अधिवक्ता शशि प्रकाश श्रीवास्तव ने बताया कि इस हाईटेक दौर में सिविल कोर्ट परिसर को वह वाई-फाई की सुविधा से सुसज्जित करेंगे और ई पुस्तकालय का निर्माण भी कराएंगे. जिससे अधिवक्ताओं को साइबर कैफे पर जाने की जरूरत न पड़े और वह अपना सारा कार्य अपने बार एसोसिएशन सिविल कोर्ट के सभागार में ही कर सकें. वहीं अधिकारियों की मनमानी के खिलाफ भी अधिवक्ताओं के हक में आवाज उठाने का काम करेंगे.