गोरखपुर: जिले में बच्चों के पेट में पड़ने वाले कीड़ों से निपटने के लिए स्वास्थ्य विभाग अभियान चलाएगा. इस मुहिम की शुरुआत राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस पर की जाएगी. इसको लेकर गुरुवार को प्रेस वार्ता जिला चिकित्सा अधिकारी की अध्यक्षता में संपन्न हुई. इस मौके पर जिला चिकित्सा अधिकारी श्रीकांत तिवारी, अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ नंदकुमार, स्वास्थ्य शिक्षा अधिकारी मनोज कुमार, वेद पाठक सहित स्वास्थ्य विभाग और अन्य विभागों से जुड़े लोग मौजूद रहे.
- 1 से 19 साल तक के बच्चों को एल्बेंडाजोल टेबलेट खिलाई जाएगी.
- यह दवा हर बच्चे के लिए सुरक्षित है और परिजन बेहिचक इस दवा को खिला सकते हैं.
- दवाएं प्रशिक्षित टीचर्स, डॉक्टर, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता के सामने ही खिलाई जाएगी.
- किसी को भी घर ले जाकर दवा खाने की इजाजत नहीं होगी.
- जिन बच्चों के पेट में ज्यादा कीड़े होते हैं उन्हें दवा खाने पर मिचली, चक्कर आना या घबराहट जैसे लक्षण सामने आ सकते हैं.
- ऐसी स्थिति से निपटने के लिए भी नजदीकी हेल्थ सेंटर पूरी तरह से अलर्ट रहेगा.
- 1 से 5 साल तक के बच्चे आंगनबाड़ी सेंटर में और 6 से 18 साल तक के बच्चे अपने-अपने स्कूलों में यह दवा खाएंगे.
- स्कूल न जाने वाले बच्चों और उनके अभिभावकों को आशा कार्यकर्ता मोटिवेट करें.
- आशा कार्यकर्ता बच्चों को आंगनबाड़ी सेंटर पर ले जाएं, जिससे बच्चों को दवा खिलाई जा सके.
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30 अगस्त से 4 सितंबर तक माप अप राउंड भी चलेगा और एक-एक बच्चे को मीजल्स रूबेला (एमआर) कैंपेन की तर्ज पर कृमि नाशक दवा खिलाई जाएगी. गोरखपुर में इस बार 15.49 लाख बच्चों को दवा खिलाने का लक्ष्य तय किया गया है. विभाग ने 16.50 लाख एल्बेंडाजोल गोलियों का प्रबंध किया है, बीमार बच्चों को दवा खिलाने से मना किया गया है.
-श्रीकांत तिवारी, मुख्य चिकित्सा अधिकारी