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कोरोना के खात्मे के लिए विहिम ने किया चंडी महायज्ञ

गोरखपुर के गोलघर स्थित काली मां के दरबार में कोरोना महामारी के खात्मे को लेकर विश्व हिंदू महासंघ ने चंडी महायज्ञ किया. इस दौरान लोगों ने कोरोना महामारी के पूरी तरह समाप्त होने की कामना की.

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Published : May 5, 2021, 6:27 PM IST

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गोरखपुर: वैश्विक महामारी कोरोना पूरे देश में कहर बरपा रही है. ऐसे में हर कोई डॉक्टर, अस्पताल और भगवान की शरण में है. हर कोई यही कामना कर रहा है कि इस महामारी का पूरी तरह से नाश हो जाए. विहिम ने भी लॉकडाउन में काली मां के दरबार में चंडी महायज्ञ करके इस महामारी के समूल नाश की कामना की.

कोरोना के खात्मे के लिए हुआ चंडी महायज्ञ
विश्व हिंदू महासंघ के जिला प्रभारी राधाकांत वर्मा के नेतृत्व में गोलघर स्थित काली मंदिर पर जगत कल्याण हेतु चंडी महायज्ञ किया गया. जब भी कोरोना जैसे अदृश्य राक्षस जन्म लेते हैं. अदृश्य रूप से मां काली भी उनका नाश करती हैं.

यज्ञ से वातावरण होता है शुद्ध
जिला प्रभारी राधाकांत वर्मा ने कहा कि इस हवन यज्ञ का उद्देश्य है कि वातावरण शुद्ध हो और कोरोना वायरस जैसी महामारी का समापन हो सके. उन्होंने कहा कि प्राचीन भारतीय संस्कृति में दिनचर्या का शुभारंभ हवन, यज्ञ, अग्निहोत्र से होता रहा है. तपस्वी और ऋषि-मुनियों से लेकर ब्रह्मचर्य तक नित्य प्रति यज्ञ किया करते रहे हैं. प्रातः और सायं यज्ञ करके संसार के विविध रोगों का निवारण करते रहे हैं.

इसे भी पढ़ें-यूपी ने वैक्सीन की चार करोड़ डोज का ग्लोबल टेंडर जारी किया

उन्होंने कहा कि यज्ञ के माध्यम से शारीरिक मानसिक और आध्यात्मिक लाभ उठाया जा सकता है. विभिन्न रोगों से छुटकारा पाया जा सकता है. हमारे उत्तर प्रदेश की सरकार इस बीमारी को खत्म करने के लिए गंभीरता से प्रयास कर रही है. हमें अफवाहों से सचेत रहने की आवश्यकता है.

गोरखपुर: वैश्विक महामारी कोरोना पूरे देश में कहर बरपा रही है. ऐसे में हर कोई डॉक्टर, अस्पताल और भगवान की शरण में है. हर कोई यही कामना कर रहा है कि इस महामारी का पूरी तरह से नाश हो जाए. विहिम ने भी लॉकडाउन में काली मां के दरबार में चंडी महायज्ञ करके इस महामारी के समूल नाश की कामना की.

कोरोना के खात्मे के लिए हुआ चंडी महायज्ञ
विश्व हिंदू महासंघ के जिला प्रभारी राधाकांत वर्मा के नेतृत्व में गोलघर स्थित काली मंदिर पर जगत कल्याण हेतु चंडी महायज्ञ किया गया. जब भी कोरोना जैसे अदृश्य राक्षस जन्म लेते हैं. अदृश्य रूप से मां काली भी उनका नाश करती हैं.

यज्ञ से वातावरण होता है शुद्ध
जिला प्रभारी राधाकांत वर्मा ने कहा कि इस हवन यज्ञ का उद्देश्य है कि वातावरण शुद्ध हो और कोरोना वायरस जैसी महामारी का समापन हो सके. उन्होंने कहा कि प्राचीन भारतीय संस्कृति में दिनचर्या का शुभारंभ हवन, यज्ञ, अग्निहोत्र से होता रहा है. तपस्वी और ऋषि-मुनियों से लेकर ब्रह्मचर्य तक नित्य प्रति यज्ञ किया करते रहे हैं. प्रातः और सायं यज्ञ करके संसार के विविध रोगों का निवारण करते रहे हैं.

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उन्होंने कहा कि यज्ञ के माध्यम से शारीरिक मानसिक और आध्यात्मिक लाभ उठाया जा सकता है. विभिन्न रोगों से छुटकारा पाया जा सकता है. हमारे उत्तर प्रदेश की सरकार इस बीमारी को खत्म करने के लिए गंभीरता से प्रयास कर रही है. हमें अफवाहों से सचेत रहने की आवश्यकता है.

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