गोरखपुरः 'माफिया कोई भी हो वह बख्सा नहीं जाएगा'. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की कहावत गोरखपुर में भी सत्य होती दिखाई दे रही. पीडब्ल्यूडी कांड से चर्चा में आए माफिया अजीत शाही अपनी दबंगई के बदौलत बेतियाहाता आवास विकास कॉलोनी में नगर निगम की बेशकीमती 31 डिस्मिल जमीन को अवैध तरीके से कब्जा कर मैरिज हाल चलाता था, जिसे सोमवार को एसपी सिटी कृष्ण कुमार विश्नोई के नेतृत्व में बुलडोजर से जमीदोज कर दिया गया.
माफियागिरी करने वाले जेल में अभी हाल ही में बंद हुए अजीत शाही की बोलती बंद करते हुए नगर आयुक्त गौरव सिंह सोगरवाल, महापौर डॉक्टर मंगलेश श्रीवास्तव ने आवास विकास कॉलोनी बेतियाहाता निवासी माफिया अजीत शाही द्वारा अवैध तरीके से कब्जा किए गए कब्जे को ध्वस्त किया गया है.
अपर नगर आयुक्त दुर्गेश कुमार मिश्रा, संयुक्त अपर नगर आयुक्त ज्वाइंट मजिस्ट्रेट कुमार सौरव की मौजूदगी में बने मकान को बाउंड्री वाल सहित ध्वस्त करा दिया गया है. अजीत शाही जिला जेल में बंद है, उसके करीबियों और उसके अवैध संपत्तियों का ब्यौरा अभी और तैयार किया जा रहा है, जो चिन्हित होगा उसे भी बहुत जल्द प्रशासन द्वारा ध्वस्त करा दिया जाएगा. माफियाओं के खिलाफ योगी सरकार का बुलडोजर किसी को छोड़ने वाला नहीं है.
भारी पुलिस फोर्स और प्रशासनिक अमले की मौजूदगी में अजीत शाही के द्वारा नगर निगम की नजूल की 31 डिसमिल संपत्ति को अवैध तरीके से मुक्त कराया गया. जहां चार कमरे, किचन बनाकर मैरिज हाउस चलाया जा रहा था, जो काफी दिनों से बंद चल रहा था. पुलिस अधीक्षक नगर कृष्ण विश्नोई, नगर आयुक्त गौरव सिंह सोगरवाल, अपर नगर आयुक्त दुर्गेश कुमार मिश्रा फल मंडी के सामने पहुंचकर अवैध तरीके से कब्जे किए गए जमीन पर बाउंड्री व मकान को ध्वस्त कराया. इस जमीन की कीमत 14 करोड़ के आसपास बताई जा रही है.
जानकारी के मुताबिक, अजीत शाही और उसके गुर्गों ने कैंट थाना क्षेत्र के बेतियाहाता में नगर निगम की इस जमीन पर अवैध कब्जा कर रखा था. टीम जब इस अवैध कब्जे को गिराने पहुंची तो वहां गेट पर अजीत शाही के मां और पत्नी के नाम का बोर्ड लगा हुआ था. मूल रुप से देवरिया के भाटपाररानी, पकड़ी बाबू गांव का रहने वाला माफिया अजीत शाही बेतियाहाता के आवास विकास कालोनी में परिवार के साथ रहता है.
15 वर्ष पहले उसने आवास से 500 मीटर की दूरी पर लखनऊ हाइवे से सटे नगर निगम की 31 डिसमिल बेसकीमती भूमि पर कब्जा कर लिया था. माफिया ने यहां चहारदीवारी का निर्माण कराने के बाद चार कमरा, किचन व बाथरूम बनवाने के बाद गेट पर अपनी पत्नी व मां के नाम का बोर्ड लगा दिया.
इधर योगी सरकार के बुलडोजर की कार्रवाई के बाद अजीत शाही शांत था, लेकिन बीते 12 मई 2023 को शाहपुर थाने में बैंककर्मियों को धमकाने व जबरिया वसूली करने के मामले में वह चर्चा में आ गया. पुलिस ने मुकदमा दर्ज होने के बाद माफिया अजीत शाही पर शिकंजा कसा तो उसके काले कारनामे सामने आने लगे. वहीं, इस बीच अजीत ने काली कोट पहनकर वकील के भेष में गोरखपुर कोर्ट में बीस दिन पहले आत्म समर्पण कर दिया. संपत्ति की जांच कराने पर अवैध कब्जे की जानकारी मिली तो पुलिस अधीक्षक नगर कृष्ण विश्नोई ने नगर आयुक्त गौरव सिंह सोगरवाल को बेशकीमती जमीन के बारे में अवगत कराया. नगर निगम की टीम हरकत में आई.
बता दें कि कैंट, शाहपुर, गीडा, गुलरिहा के साथ ही जिले के कई थानों में माफिया अजीत शाही के विरुद्ध हत्या, हत्या की कोशिश, रंगदारी, बलवा, गैंगस्टर, गुंडा व गैंगस्टर एक्ट के 35 से अधिक मुकदमे दर्ज हैं. अजीत शाही द्वारा अवैध तरीके से अर्जित की गई हर संपत्तियों की कुंडली खगाली जा रही है. बहुत ही जल्द इनके और इनके गुर्गों के ठिकानों पर योगी प्रशासन का बुलडोजर चलेगा.
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