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पूर्वांचल के बड़े ब्राह्मण चेहरे सपा के साथ, बाहुबली और अधिवक्ता संगठन के लोग लगा रहे अखिलेश की जय-जयकार

प्रदेश में होने वाले 2022 के चुनाव में गोरखपुर, पूर्वांचल का सबसे बड़ा राजनीतिक केंद्र बना हुआ है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का गृह जनपद होने और भारतीय जनता पार्टी के सफलता की दृष्टि से इस क्षेत्र में राजनीति उठापटक भी काफी तेज हो रही है. इस बीच जो सबसे बड़ा खेल हो रहा है वह ब्राह्मण समाज और उसके नेताओं को अपनी-अपनी पार्टी से जोड़ने को लेकर चल रहा है. जिसमें बाजी मारने की फिराक में समाजवादी पार्टी और भारतीय जनता पार्टी दोनों जुटी हुई हैं.

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Published : Dec 19, 2021, 8:45 AM IST

पूर्वांचल के बड़े ब्राह्मण चेहरे सपा के साथ
पूर्वांचल के बड़े ब्राह्मण चेहरे सपा के साथ

गोरखपुर: प्रदेश में होने वाले 2022 (UP Assembly Election 2022) के चुनाव में गोरखपुर, पूर्वांचल का सबसे बड़ा राजनीतिक केंद्र बना हुआ है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का गृह जनपद होने और भारतीय जनता पार्टी के सफलता की दृष्टि से इस क्षेत्र में राजनीति उठापटक भी काफी तेज हो रही है. इस बीच जो सबसे बड़ा खेल हो रहा है वह ब्राह्मण समाज और उसके नेताओं को अपनी-अपनी पार्टी से जोड़ने को लेकर चल रहा है. जिसमें बाजी मारने की फिराक में समाजवादी पार्टी और भारतीय जनता पार्टी दोनों जुटी हुई हैं. लेकिन जो तस्वीर उभर कर सामने आ रही है, उसमें समाजवादी पार्टी ब्राह्मणों के बड़े चेहरों को अपने साथ जोड़ने में कामयाब हुई है. जिसमें पूर्वांचल के सबसे बड़े बाहुबली नेता पंडित हरिशंकर तिवारी का पूरा कुनबा सपा में शामिल हो चुका है. इसमें उनके पूर्व सांसद पुत्र कुशल तिवारी, भांजे विधान परिषद के पूर्व सभापति गणेश शंकर पांडेय और विधायक पुत्र विनय शंकर तिवारी शामिल हैं.

इसके साथ ही टैक्स बार एसोसिएशन के महामंत्री मारुति पांडेय भी अपने सैकड़ों समर्थकों के साथ समाजवादी पार्टी का दामन थाम चुके हैं. इन ब्राह्मण नेताओं के सपा में आने के साथ निश्चित रूप से गोरखपुर क्षेत्र के साथ पूर्वांचल के 14 जिलों में ब्राह्मणों के बीच एक बड़ा संदेश गया है. हरिशंकर तिवारी खेमे से योगी आदित्यनाथ का मनमुटाव और टकराव की जानकारी भी सभी को है.

पूर्वांचल के बड़े ब्राह्मण चेहरे सपा के साथ

ऐसे में चुनावी मौसम में सपा के लिए यह ब्राह्मण परिवार बड़ा लाभ पहुंचा सकता है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से अधिवक्ता समाज भी काफी नाराज है. उनके 5 साल के कार्यकाल में गोरखपुर के अधिवक्ताओं को उम्मीद के मुताबिक कुछ हासिल नहीं हुआ. योगी के वादे धरे रह गए और उनके ऊपर ब्राह्मण विरोधी होने का आरोप भी लगता गया.

इसी बीच टैक्स बार एसोसिएशन के महामंत्री मारुति पांडेय ने भी सपा के प्रदेश कार्यालय पर हरिशंकर तिवारी के परिवार के पार्टी में शामिल होने वाले दिन ही प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम की अगुवाई में पार्टी की सदस्यता ग्रहण करके अखिलेश यादव के हाथों को मजबूत करने का एलान कर दिया.

पूर्वांचल के बड़े ब्राह्मण चेहरे सपा के साथ
पूर्वांचल के बड़े ब्राह्मण चेहरे सपा के साथ

इसे भी पढ़ें - ईटीवी भारत से बोले जेपी नड्डा- उत्तराखंड में फिर बनेगी भाजपा की सरकार

गोरखपुर पहुंचने पर समाजवादी पार्टी के जिला अध्यक्ष समेत पार्टी के पदाधिकारियों ने अधिवक्ता संगठन के इस बड़े नेता का जोरदार स्वागत भी किया. वहीं, समाजवादी प्रबुद्ध सभा के अध्यक्ष रहे पार्षद विश्वजीत त्रिपाठी ने भी भाजपा पर ब्राह्मणों को दरकिनार करने का आरोप लगाया.

उन्होंने कहा कि इतिहास उठाकर देखा जाए तो समाजवादी सरकार में पूर्वांचल के हर जिले से उन सभी ब्राह्मण विधायकों को सम्मान और कैबिनेट मंत्री का पद मिला, जो समाजवादी पार्टी का झंडा बुलंद करते रहे हैं. इसमें विधानसभा अध्यक्ष के रूप में माता प्रसाद पांडेय, ब्रह्मा शंकर त्रिपाठी, कामेश्वर उपाध्याय, डॉ. केसी पांडेय,शारदा शुक्ला, विभा शुक्ला, मनोज पांडेय, पवन पांडेय, अभिषेक मिश्रा जैसे कई बड़े चेहरे शामिल है.

पूर्वांचल के बड़े ब्राह्मण चेहरे सपा के साथ
पूर्वांचल के बड़े ब्राह्मण चेहरे सपा के साथ

सपा महिला सभा की जिलाध्यक्ष बिंदा सैनी ने भी भाजपा पर ब्राह्मणों के साथ अन्याय और अपमान करने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि पिछले दिनों गोरखपुर दौरे पर आए पीएम मोदी ने मंच से हर वर्ग के लोगों का नाम लिया था. लेकिन ब्राह्मण उनको याद नहीं आए. उन्होंने कहा कि ब्राह्मण समाज का अगुवाई करता है. वह सभी को जोड़कर चलता है.

इतिहास गवाह है जिस भी राजनीतिक दल का यह समाज साथ दिया है, वह सत्तासीन हुआ है. सपा में ब्राह्मणों का आना इस बात को दर्शाता है कि साल 2022 में प्रदेश में अखिलेश यादव के नेतृत्व में सरकार बनने जा रही है. उन्होंने कहा कि एक बार फिर ब्राह्मणों का सम्मान समाज और राष्ट्र के सामने समाजवादी पार्टी देकर मिसाल कायम करेगी.

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गोरखपुर: प्रदेश में होने वाले 2022 (UP Assembly Election 2022) के चुनाव में गोरखपुर, पूर्वांचल का सबसे बड़ा राजनीतिक केंद्र बना हुआ है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का गृह जनपद होने और भारतीय जनता पार्टी के सफलता की दृष्टि से इस क्षेत्र में राजनीति उठापटक भी काफी तेज हो रही है. इस बीच जो सबसे बड़ा खेल हो रहा है वह ब्राह्मण समाज और उसके नेताओं को अपनी-अपनी पार्टी से जोड़ने को लेकर चल रहा है. जिसमें बाजी मारने की फिराक में समाजवादी पार्टी और भारतीय जनता पार्टी दोनों जुटी हुई हैं. लेकिन जो तस्वीर उभर कर सामने आ रही है, उसमें समाजवादी पार्टी ब्राह्मणों के बड़े चेहरों को अपने साथ जोड़ने में कामयाब हुई है. जिसमें पूर्वांचल के सबसे बड़े बाहुबली नेता पंडित हरिशंकर तिवारी का पूरा कुनबा सपा में शामिल हो चुका है. इसमें उनके पूर्व सांसद पुत्र कुशल तिवारी, भांजे विधान परिषद के पूर्व सभापति गणेश शंकर पांडेय और विधायक पुत्र विनय शंकर तिवारी शामिल हैं.

इसके साथ ही टैक्स बार एसोसिएशन के महामंत्री मारुति पांडेय भी अपने सैकड़ों समर्थकों के साथ समाजवादी पार्टी का दामन थाम चुके हैं. इन ब्राह्मण नेताओं के सपा में आने के साथ निश्चित रूप से गोरखपुर क्षेत्र के साथ पूर्वांचल के 14 जिलों में ब्राह्मणों के बीच एक बड़ा संदेश गया है. हरिशंकर तिवारी खेमे से योगी आदित्यनाथ का मनमुटाव और टकराव की जानकारी भी सभी को है.

पूर्वांचल के बड़े ब्राह्मण चेहरे सपा के साथ

ऐसे में चुनावी मौसम में सपा के लिए यह ब्राह्मण परिवार बड़ा लाभ पहुंचा सकता है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से अधिवक्ता समाज भी काफी नाराज है. उनके 5 साल के कार्यकाल में गोरखपुर के अधिवक्ताओं को उम्मीद के मुताबिक कुछ हासिल नहीं हुआ. योगी के वादे धरे रह गए और उनके ऊपर ब्राह्मण विरोधी होने का आरोप भी लगता गया.

इसी बीच टैक्स बार एसोसिएशन के महामंत्री मारुति पांडेय ने भी सपा के प्रदेश कार्यालय पर हरिशंकर तिवारी के परिवार के पार्टी में शामिल होने वाले दिन ही प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम की अगुवाई में पार्टी की सदस्यता ग्रहण करके अखिलेश यादव के हाथों को मजबूत करने का एलान कर दिया.

पूर्वांचल के बड़े ब्राह्मण चेहरे सपा के साथ
पूर्वांचल के बड़े ब्राह्मण चेहरे सपा के साथ

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गोरखपुर पहुंचने पर समाजवादी पार्टी के जिला अध्यक्ष समेत पार्टी के पदाधिकारियों ने अधिवक्ता संगठन के इस बड़े नेता का जोरदार स्वागत भी किया. वहीं, समाजवादी प्रबुद्ध सभा के अध्यक्ष रहे पार्षद विश्वजीत त्रिपाठी ने भी भाजपा पर ब्राह्मणों को दरकिनार करने का आरोप लगाया.

उन्होंने कहा कि इतिहास उठाकर देखा जाए तो समाजवादी सरकार में पूर्वांचल के हर जिले से उन सभी ब्राह्मण विधायकों को सम्मान और कैबिनेट मंत्री का पद मिला, जो समाजवादी पार्टी का झंडा बुलंद करते रहे हैं. इसमें विधानसभा अध्यक्ष के रूप में माता प्रसाद पांडेय, ब्रह्मा शंकर त्रिपाठी, कामेश्वर उपाध्याय, डॉ. केसी पांडेय,शारदा शुक्ला, विभा शुक्ला, मनोज पांडेय, पवन पांडेय, अभिषेक मिश्रा जैसे कई बड़े चेहरे शामिल है.

पूर्वांचल के बड़े ब्राह्मण चेहरे सपा के साथ
पूर्वांचल के बड़े ब्राह्मण चेहरे सपा के साथ

सपा महिला सभा की जिलाध्यक्ष बिंदा सैनी ने भी भाजपा पर ब्राह्मणों के साथ अन्याय और अपमान करने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि पिछले दिनों गोरखपुर दौरे पर आए पीएम मोदी ने मंच से हर वर्ग के लोगों का नाम लिया था. लेकिन ब्राह्मण उनको याद नहीं आए. उन्होंने कहा कि ब्राह्मण समाज का अगुवाई करता है. वह सभी को जोड़कर चलता है.

इतिहास गवाह है जिस भी राजनीतिक दल का यह समाज साथ दिया है, वह सत्तासीन हुआ है. सपा में ब्राह्मणों का आना इस बात को दर्शाता है कि साल 2022 में प्रदेश में अखिलेश यादव के नेतृत्व में सरकार बनने जा रही है. उन्होंने कहा कि एक बार फिर ब्राह्मणों का सम्मान समाज और राष्ट्र के सामने समाजवादी पार्टी देकर मिसाल कायम करेगी.

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