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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के जन्मदिन पर हुआ गोरखपुर रामलीला मैदान का भूमि पूजन

यूपी के गोरखपुर जिले में सीएम योगी के जन्मदिन के मौके पर ऐतिहासिक रामलीला मैदान का भूमि पूजन किया गया. सीएम योगी ने रामलीला स्थल के विकास के लिए तकरीबन 5 करोड़ रुपये का बजट स्वीकृत किया है. भूमि पूजन के दौरान मेयर सीताराम जायसवाल, स्थानीय विधायक और रामलीला कमेटी से जुड़े सैकड़ों पदाधिकारी मौजूद रहे.

रामलीला मैदान का भूमि पूजन.
रामलीला मैदान का भूमि पूजन.
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Published : Jun 5, 2020, 1:54 PM IST

गोरखपुर: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के जन्मदिन के अवसर पर गोरखपुर के बर्डघाट पर रामलीला स्थल का भूमि पूजन किया गया. सरकार ने रामलीला स्थल के विकास के लिए 4 करोड़ 88 लाख 55 हजार का बजट स्वीकृत किया है. इस बजट से रामलीला का मंच, कॉमन हॉल के साथ परिसर का आधुनिकीकरण किया जाएगा.

रामलीला स्थल को भव्य स्वरूप प्रदान करने की मांग रामलीला कमेटी के अध्यक्ष पंकज गोयल ने की थी, जिस पर मोहर लगाते हुए सीएम योगी आदित्यनाथ ने तकरीबन 5 करोड़ राशि का बजट पास किया था. इसी के चलते रामलीला कमेटी ने सीएम योगी के जन्मदिन के मौके पर भव्य भूमि पूजन कराकर उन्हें (सीएम योगी) शुभकामनाएं भेजी.

रामलीला परिसर के सुंदरीकरण से लेकर संपूर्ण निर्माण की ड्राइंग डिजाइन भी तैयार हो चुकी है, जिसको मूर्त रूप कार्यदाई संस्था सीएनडीएस प्रदान करेगी. दरअसल, शहर के अति प्राचीन और ऐतिहासिक स्थल के लिए मशहूर स्थान की शक्ल सूरत संवारने की पहल हुई थी. पहल के दौरान मेयर सीताराम जायसवाल, भाजपा के क्षेत्रीय अध्यक्ष, स्थानीय विधायक और रामलीला कमेटी से जुड़े हुए सैकड़ों पदाधिकारी मौजूद रहे. विधिवत हवन पूजन के साथ इसके निर्माण की आधारशिला रखी गई, जो कि शारदी नवरात्र तक पूर्ण कर ली जाएगी.

जानकारी देते कमेटी के अध्यक्ष पंकज गोयल.

नवरात्र के समय करीब 10 दिनों तक रामलीला का मंचन पिछले 159 सालों से होता चला आ रहा है. इसमें अयोध्या से लेकर मिथिला तक के कलाकार प्रतिभाग करते हैं. मंचन में अलग-अलग कलाओं को प्रदर्शित किया जाता है. इस दौरान राम की बारात निकलती है. रावण का वध होता है. भगवान राम मां दुर्गा की आरती उतारते हैं, जो कि शायद देश में कहीं और नहीं होता है.

मेयर सीताराम ने कहा कि पर्यटन के नक्शे पर उत्तर प्रदेश और ऐतिहासिक स्थलों को स्थापित करने बीड़ा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उठाया था. इसी क्रम में यह पहल भी शामिल है, जिसकी तारीफ शब्दों में नहीं की जा सकती.

पिछले 16 दशकों से ऐतिहासिकता, धार्मिक महत्व को स्थापित करती चली आ रही रामलीला कमेटी को भूमि पूजन से नई जान और उर्जा मिली है. कमेटी के पास जमीन का मालिकाना हक तो था, लेकिन उस पर अनधिकृत रूप से लोगों ने कब्जा जमा रखा था. बड़ी मुश्किल से नवरात्र के समय रामलीला मंचन के लिए यह स्थान खाली करवाया गया. कमेटी ने कलाकारों के लिए बड़ा मंच के साथ परिसर का आधुनिकीकरण करने का जिम्मा उठाया है.

इसे भी पढ़ें- जन्मदिन विशेष: योगी आदित्यनाथ के संन्यास से सत्ता के शिखर तक का सफर

गोरखपुर: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के जन्मदिन के अवसर पर गोरखपुर के बर्डघाट पर रामलीला स्थल का भूमि पूजन किया गया. सरकार ने रामलीला स्थल के विकास के लिए 4 करोड़ 88 लाख 55 हजार का बजट स्वीकृत किया है. इस बजट से रामलीला का मंच, कॉमन हॉल के साथ परिसर का आधुनिकीकरण किया जाएगा.

रामलीला स्थल को भव्य स्वरूप प्रदान करने की मांग रामलीला कमेटी के अध्यक्ष पंकज गोयल ने की थी, जिस पर मोहर लगाते हुए सीएम योगी आदित्यनाथ ने तकरीबन 5 करोड़ राशि का बजट पास किया था. इसी के चलते रामलीला कमेटी ने सीएम योगी के जन्मदिन के मौके पर भव्य भूमि पूजन कराकर उन्हें (सीएम योगी) शुभकामनाएं भेजी.

रामलीला परिसर के सुंदरीकरण से लेकर संपूर्ण निर्माण की ड्राइंग डिजाइन भी तैयार हो चुकी है, जिसको मूर्त रूप कार्यदाई संस्था सीएनडीएस प्रदान करेगी. दरअसल, शहर के अति प्राचीन और ऐतिहासिक स्थल के लिए मशहूर स्थान की शक्ल सूरत संवारने की पहल हुई थी. पहल के दौरान मेयर सीताराम जायसवाल, भाजपा के क्षेत्रीय अध्यक्ष, स्थानीय विधायक और रामलीला कमेटी से जुड़े हुए सैकड़ों पदाधिकारी मौजूद रहे. विधिवत हवन पूजन के साथ इसके निर्माण की आधारशिला रखी गई, जो कि शारदी नवरात्र तक पूर्ण कर ली जाएगी.

जानकारी देते कमेटी के अध्यक्ष पंकज गोयल.

नवरात्र के समय करीब 10 दिनों तक रामलीला का मंचन पिछले 159 सालों से होता चला आ रहा है. इसमें अयोध्या से लेकर मिथिला तक के कलाकार प्रतिभाग करते हैं. मंचन में अलग-अलग कलाओं को प्रदर्शित किया जाता है. इस दौरान राम की बारात निकलती है. रावण का वध होता है. भगवान राम मां दुर्गा की आरती उतारते हैं, जो कि शायद देश में कहीं और नहीं होता है.

मेयर सीताराम ने कहा कि पर्यटन के नक्शे पर उत्तर प्रदेश और ऐतिहासिक स्थलों को स्थापित करने बीड़ा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उठाया था. इसी क्रम में यह पहल भी शामिल है, जिसकी तारीफ शब्दों में नहीं की जा सकती.

पिछले 16 दशकों से ऐतिहासिकता, धार्मिक महत्व को स्थापित करती चली आ रही रामलीला कमेटी को भूमि पूजन से नई जान और उर्जा मिली है. कमेटी के पास जमीन का मालिकाना हक तो था, लेकिन उस पर अनधिकृत रूप से लोगों ने कब्जा जमा रखा था. बड़ी मुश्किल से नवरात्र के समय रामलीला मंचन के लिए यह स्थान खाली करवाया गया. कमेटी ने कलाकारों के लिए बड़ा मंच के साथ परिसर का आधुनिकीकरण करने का जिम्मा उठाया है.

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