गोरखपुर: कोरोना महामारी ने स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों के अभिभावकों के सामने फीस जमा करने को लेकर बड़ी समस्या पैदा कर दी है. खासकर ऐसे तपके के अभिभावक जो प्राइवेट नौकरी पेशा और छोटे-मोटे व्यापार करने वाले हैं. उनके लिए पब्लिक स्कूलों की फीस भर पाना मौजूदा समय में एक बड़ी समस्या बनी हुई है, जिसको लेकर वह अपनी गुहार जिला प्रशासन से लेकर सरकार तक पहुंचा रहे हैं.
दूसरी तरफ गोरखपुर विभागीय कार्य से पहुंचे प्रदेश के बेसिक शिक्षा मंत्री डॉ सतीश द्विवेदी से अभिभावकों का एक समूह सर्किट हाउस में मिलकर उन्हें अपनी समस्या से अवगत कराया और उन्हें इसके निराकरण के लिए मंत्री को एक मांग पत्र भी सौंपा. अभिभावकों ने इस मांग पत्र में पब्लिक स्कूल द्वारा फीस कम किए जाने के तरीके भी बताया है, जिस पर मंत्री ने प्रयास करने की बात कही है.
बेसिक शिक्षा मंत्री ने फीस माफी को लेकर अभिभावकों को दिया आश्वासन
मंत्री से बात करते हुए अभिभावकों के कहा कि जब मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने इस संक्रमण के दौर में ऑनलाइन क्लासेज का समय निर्धारित कर दिया है और स्कूल भी खुल नहीं रहे तो अभिभावकों को पूरी फीस भरने के लिए स्कूल प्रबंधन को दबाव नहीं बनाना चाहिए.
उन्होंने कहा कि स्कूलों से अक्सर फोन और मैसेज फीस के लिए आ रहे हैं. इस बीच उनका व्यापार भी पिछले चार महीने से चौपट हो चुका है. कोविड की वजह से प्राइवेट नौकरी करने वाले लोगों की नौकरियां चली गई हैं, या उनका वेतन समय से और पूरा नहीं मिल रहा है. ऐसे में फीस में कमी किए जाने के प्रस्ताव को सरकार को मानना चाहिए.
इस दौरान मंत्री ने भी अभिभावकों को समझाने की कोशिश की और कहा कि आप की मांग पर विचार किया जाएगा. कोई भी स्कूल प्रबंधन अभिभावकों पर फीस के लिए दबाव नहीं बना सकता. शिकायत मिलने पर कार्रवाई होगी, लेकिन अभिभावकों को भी दूसरे पक्ष पर विचार करते हुए फीस जमा करने के बारे में विचार करना चाहिए.
अभिभावकों ने बनाया समूह
स्कूलों से फीस के लिए आ रहे फोन और मैसेज के बाद शहर में अभिभावकों का कई समूह बन चुका है. जो लगातार पंपलेट, पोस्टर, सोशल मीडिया, अधिकारियों और नेताओं से मिलकर फीस को कम करने की गुहार कर रहे हैं. लेकिन अभी तक उनके पक्ष में फैसला नहीं हुआ है जिससे वह परेशान हैं.