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शिवरात्रि विशेष: 600 वर्ष पुराना है मुंजेश्वर नाथ धाम, यहां नहीं होती अकाल मृत्यु - 600 वर्ष पुराना है मुंजेश्वर नाथ धाम

गोरखपुर से 15 किमी दूर दक्षिणांचल में गांव भौवापुर है, जहां बाबा मुजेश्वर नाथ का 600 साल पुराना मंदिर है. इस गांव की विशेषता ये ही कि यहां आज तक किसी की अकाल मृत्यु नहीं हुई, और ना ही कोई भूखे पेट यहां सोता है. देखिए महा शिवरात्रि पर मुंजेश्वर नाथ मंदिर की ये महिमा...

मुंजेश्वर नाथ धाम
मुंजेश्वर नाथ धाम
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Published : Mar 10, 2021, 4:48 PM IST

Updated : Mar 10, 2021, 10:49 PM IST

गोरखपुर : त्रिकालदर्शी, नीलकंठ, महादेव सहित विभिन्न नामों से जाने जाने वाले भगवान शंकर की महिमा अपरंपार है. ऐसी ही महिमा बाबा भोलेनाथ की भौवापार गांव में देखने को मिलती है. जहां पिछले 600 वर्षों से खुले आसमान के नीचे बाबा मुजेश्वर नाथ के नाम से महादेव विराजमान हैं. इस गांव में आज तक अकाल मृत्यु और भूखे पेट कोई नहीं सोया. लोगों का ऐसा मानना है कि यह सब बाबा मुंजेश्वर नाथ की कृपा से है. वहीं शिवरात्रि पर्व पर हजारों लाखों की संख्या में दूरदराज से भोलेनाथ के भक्त बाबा मुंजेश्वर नाथ के दर्शन कर अपनी मनोकामनाओं की पूर्ति करते हैं.

शिवरात्रि विशेष

बाबा मुंजेश्वर नाथ की महिमा है अपरंपार

जनपद मुख्यालय से लगभग 15 किलोमीटर दूर दक्षिणांचल में स्थित ऐतिहासिक गांव भौवापार में बाबा मुंजेश्वर नाथ की महिमा अपरंपार है. यह लाखों करोड़ों भक्तों की आस्था का केंद्र है. यहां बाबा मुंजेश्वर नाथ खुले आसमान के नीचे विराजमान हैं. नाग कौशोलोत्तर नामक प्राचीन ग्रंथ में लिखा गया है कि खेत जोतते समय मजदूरों के फावड़े से ज्यो ही पत्थर पर चोट लगी वहां से दूध की धारा बहने लगी. सतासी नरेश महाराज मूंज ने मूर्ति को अन्यत्र ले जाने का प्रयास किया, लेकिन सफलता हाथ नहीं लगी. दूसरे दिन सपने में भगवान अनादिदेव महादेव शिव शंकर ने कहा कि मेरे लिए मंदिर, जलासय एवं पुजारियों के जीविकोपार्जन हेतु अगल-बगल जमीन दे दो. मैं अब यहीं निवास करूंगा. स्वप्न के अनुसार राजा ने अगल-बगल की सारी जमीन मंदिर परिषद को दे दी और मंदिर जलाशय आदि का निर्माण कराया. तभी से राजा मुंज के नाम पर कालांतर में यह मंदिर मुंजेश्वर नाथ के नाम से विख्यात हो गया.

शिवरात्रि विशेष
मुंजेश्वर नाथ धाम

सीएम योगी को भी है मुंजेश्वर नाथ धाम से लगाव

राजनीतिक, सामाजिक दृष्टि से जागरूक होने के साथ इस गांव की मिट्टी में यहां के बाशिंदों में धर्म और संस्कृति रची बसी है. भौवापार स्थित मुंजेश्वर नाथ मंदिर इसी सांस्कृतिक, धार्मिक धरोहर का एक अंश है, जो अपनी ऐतिहासिकता एवं मान्यता के चलते लोगों में श्रद्धा और विश्वास का प्रतीक बन चुका है. मान्यता के अनुसार मंदिर परिषद के अगल-बगल की जमीन गिरी परिवार को दे दी गई है. गोस्वामी परिवार के लोग ही मंदिर का देखभाल करते हैं. गोरक्ष पीठाधीश्वर व प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का भी इस मंदिर से काफी गहरा जुड़ाव है. वह अक्सर यहां पर आकर पूजा-पाठ जलाभिषेक, रुद्राभिषेक आदि का कार्य करते रहते हैं. मौजूदा सरकार लगभग 6 करोड़ 30 लाख रुपए की लागत से मंदिर का जीर्णोद्धार का कार्य करा रही है, जिसमें व्यामशाला, पोखरा, शौचालय, आश्रम, सड़कें, द्वार आदि शामिल हैं.

शिवरात्रि विशेष
मुंजेश्वर नाथ धाम में सीएम योगी

इस गांव में आज तक नहीं हुई किसी की अकाल मृत्यु

मंदिर पुजारी परिवार के सदस्य विकास गिरी बताते हैं कि वर्तमान में लगभग 30 परिवार दिन वार मंदिर की व्यवस्था की देखरेख में लगे रहते हैं. लगभग 600 वर्षों से खुले आसमान के नीचे मंजेश्वर नाथ जी भक्तों की आस्था और विश्वास का केंद्र बने हुए हैं. ऐसा माना जाता है कि जब-जब लोगों ने छत लगाने का प्रयास किया तो वह टूट कर गिर गया. ऐसा करने वालों को नुकसान भी उठाना पड़ा. लोगों को यह विश्वास है कि यहां सच्चे मन से पूजा करने पर मन की सभी मुरादें पूरी हो जाती हैं. पूर्वज बताते हैं कि आज तक इस पूरे ग्राम सभा में कोई भी अकाल मृत्यु से नहीं मरा और ना ही ऐसा कोई घर होगा जिसमें चूल्हा न जलता हो. यह सब बाबा मुंजेश्वरनाथ की कृपा से है.

शिवरात्रि विशेष
मुंजेश्वर नाथ धाम

भक्तों की लगी रहती भीड़

पिछले कई पीढ़ियों से लगातार बाबा मुंजेश्वर नाथ का दर्शन कर पूजा पाठ करने वाले राजेश्वर पांडे बताते हैं कि इनकी महिमा अपरंपार है. बुजुर्गों से उन्होंने बाबा मुंजेश्वर नाथ की महिमा के बारे में सुना है और यहां पर कभी भी उनका परिवार खाली हाथ नहीं लौटा. यही कारण है कि हर सोमवार को पूरे परिवार के साथ आकर यहां पर दर्शन पूजन आदि का कार्य करते हैं.

शिवरात्रि विशेष
मुंजेश्वर नाथ धाम

इसे भी पढ़ें- मथुरा में बेमौसम बारिश-तूफान, वैष्णव कुंभ क्षेत्र में कई पंडाल धराशाई

प्रधान संघ के अध्यक्ष चंद्रपाल सिंह राशि ने बताया कि ग्रामीण विधायक विपिन सिंह की पहल पर व मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की विशेष कृपा से मंदिर के जीर्णोद्धार के लिए लगभग 6 करोड़ 30 लाख रुपए शासन ने दिया है. जिससे यहां दूर-दराज से आने वाले पर्यटकों को ध्यान में रखते हुए भव्य पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जा रहा है. धर्मशाला, व्यामशाला, शौचालय, सड़क, जलाशय, मंदिर का सुंदरीकरण, चार दिवारी सहित अन्य कार्यों को युद्ध स्तर पर कराया जा रहा है. बाबा मुंजेश्वर के भक्त प्रदेश ही नहीं देश के विभिन्न स्थानों से आते हैं. शिवरात्रि पर यहां हजारों लाखों की संख्या में भीड़ इकट्ठा होती है.

गोरखपुर : त्रिकालदर्शी, नीलकंठ, महादेव सहित विभिन्न नामों से जाने जाने वाले भगवान शंकर की महिमा अपरंपार है. ऐसी ही महिमा बाबा भोलेनाथ की भौवापार गांव में देखने को मिलती है. जहां पिछले 600 वर्षों से खुले आसमान के नीचे बाबा मुजेश्वर नाथ के नाम से महादेव विराजमान हैं. इस गांव में आज तक अकाल मृत्यु और भूखे पेट कोई नहीं सोया. लोगों का ऐसा मानना है कि यह सब बाबा मुंजेश्वर नाथ की कृपा से है. वहीं शिवरात्रि पर्व पर हजारों लाखों की संख्या में दूरदराज से भोलेनाथ के भक्त बाबा मुंजेश्वर नाथ के दर्शन कर अपनी मनोकामनाओं की पूर्ति करते हैं.

शिवरात्रि विशेष

बाबा मुंजेश्वर नाथ की महिमा है अपरंपार

जनपद मुख्यालय से लगभग 15 किलोमीटर दूर दक्षिणांचल में स्थित ऐतिहासिक गांव भौवापार में बाबा मुंजेश्वर नाथ की महिमा अपरंपार है. यह लाखों करोड़ों भक्तों की आस्था का केंद्र है. यहां बाबा मुंजेश्वर नाथ खुले आसमान के नीचे विराजमान हैं. नाग कौशोलोत्तर नामक प्राचीन ग्रंथ में लिखा गया है कि खेत जोतते समय मजदूरों के फावड़े से ज्यो ही पत्थर पर चोट लगी वहां से दूध की धारा बहने लगी. सतासी नरेश महाराज मूंज ने मूर्ति को अन्यत्र ले जाने का प्रयास किया, लेकिन सफलता हाथ नहीं लगी. दूसरे दिन सपने में भगवान अनादिदेव महादेव शिव शंकर ने कहा कि मेरे लिए मंदिर, जलासय एवं पुजारियों के जीविकोपार्जन हेतु अगल-बगल जमीन दे दो. मैं अब यहीं निवास करूंगा. स्वप्न के अनुसार राजा ने अगल-बगल की सारी जमीन मंदिर परिषद को दे दी और मंदिर जलाशय आदि का निर्माण कराया. तभी से राजा मुंज के नाम पर कालांतर में यह मंदिर मुंजेश्वर नाथ के नाम से विख्यात हो गया.

शिवरात्रि विशेष
मुंजेश्वर नाथ धाम

सीएम योगी को भी है मुंजेश्वर नाथ धाम से लगाव

राजनीतिक, सामाजिक दृष्टि से जागरूक होने के साथ इस गांव की मिट्टी में यहां के बाशिंदों में धर्म और संस्कृति रची बसी है. भौवापार स्थित मुंजेश्वर नाथ मंदिर इसी सांस्कृतिक, धार्मिक धरोहर का एक अंश है, जो अपनी ऐतिहासिकता एवं मान्यता के चलते लोगों में श्रद्धा और विश्वास का प्रतीक बन चुका है. मान्यता के अनुसार मंदिर परिषद के अगल-बगल की जमीन गिरी परिवार को दे दी गई है. गोस्वामी परिवार के लोग ही मंदिर का देखभाल करते हैं. गोरक्ष पीठाधीश्वर व प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का भी इस मंदिर से काफी गहरा जुड़ाव है. वह अक्सर यहां पर आकर पूजा-पाठ जलाभिषेक, रुद्राभिषेक आदि का कार्य करते रहते हैं. मौजूदा सरकार लगभग 6 करोड़ 30 लाख रुपए की लागत से मंदिर का जीर्णोद्धार का कार्य करा रही है, जिसमें व्यामशाला, पोखरा, शौचालय, आश्रम, सड़कें, द्वार आदि शामिल हैं.

शिवरात्रि विशेष
मुंजेश्वर नाथ धाम में सीएम योगी

इस गांव में आज तक नहीं हुई किसी की अकाल मृत्यु

मंदिर पुजारी परिवार के सदस्य विकास गिरी बताते हैं कि वर्तमान में लगभग 30 परिवार दिन वार मंदिर की व्यवस्था की देखरेख में लगे रहते हैं. लगभग 600 वर्षों से खुले आसमान के नीचे मंजेश्वर नाथ जी भक्तों की आस्था और विश्वास का केंद्र बने हुए हैं. ऐसा माना जाता है कि जब-जब लोगों ने छत लगाने का प्रयास किया तो वह टूट कर गिर गया. ऐसा करने वालों को नुकसान भी उठाना पड़ा. लोगों को यह विश्वास है कि यहां सच्चे मन से पूजा करने पर मन की सभी मुरादें पूरी हो जाती हैं. पूर्वज बताते हैं कि आज तक इस पूरे ग्राम सभा में कोई भी अकाल मृत्यु से नहीं मरा और ना ही ऐसा कोई घर होगा जिसमें चूल्हा न जलता हो. यह सब बाबा मुंजेश्वरनाथ की कृपा से है.

शिवरात्रि विशेष
मुंजेश्वर नाथ धाम

भक्तों की लगी रहती भीड़

पिछले कई पीढ़ियों से लगातार बाबा मुंजेश्वर नाथ का दर्शन कर पूजा पाठ करने वाले राजेश्वर पांडे बताते हैं कि इनकी महिमा अपरंपार है. बुजुर्गों से उन्होंने बाबा मुंजेश्वर नाथ की महिमा के बारे में सुना है और यहां पर कभी भी उनका परिवार खाली हाथ नहीं लौटा. यही कारण है कि हर सोमवार को पूरे परिवार के साथ आकर यहां पर दर्शन पूजन आदि का कार्य करते हैं.

शिवरात्रि विशेष
मुंजेश्वर नाथ धाम

इसे भी पढ़ें- मथुरा में बेमौसम बारिश-तूफान, वैष्णव कुंभ क्षेत्र में कई पंडाल धराशाई

प्रधान संघ के अध्यक्ष चंद्रपाल सिंह राशि ने बताया कि ग्रामीण विधायक विपिन सिंह की पहल पर व मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की विशेष कृपा से मंदिर के जीर्णोद्धार के लिए लगभग 6 करोड़ 30 लाख रुपए शासन ने दिया है. जिससे यहां दूर-दराज से आने वाले पर्यटकों को ध्यान में रखते हुए भव्य पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जा रहा है. धर्मशाला, व्यामशाला, शौचालय, सड़क, जलाशय, मंदिर का सुंदरीकरण, चार दिवारी सहित अन्य कार्यों को युद्ध स्तर पर कराया जा रहा है. बाबा मुंजेश्वर के भक्त प्रदेश ही नहीं देश के विभिन्न स्थानों से आते हैं. शिवरात्रि पर यहां हजारों लाखों की संख्या में भीड़ इकट्ठा होती है.

Last Updated : Mar 10, 2021, 10:49 PM IST
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