गोरखपुरः दीनदयाल उपाध्याय विश्वविद्यालय के दीक्षा भवन में ‘पूर्वांचल का सतत विकास’ विषय पर तीन दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया. कार्यक्रम की अध्यक्षता कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने की. कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि 6000 रुपए सालाना देश के 12.5 करोड़ किसानों के खाते में सीधे जा रहे हैं. हर चार माह में दी जाने वाली 2000 रुपये की धनराशि से किसानों की कठिनाइयों का निवारण हो रहा है.
किसानों की बढ़ी एमएसपी
कार्यक्रम में कृषि मंत्री ने कहा कि खाद्यान खरीफ और रवि की फसलों पर डेढ़ से दोगुना और कहीं पर उससे भी ज्यादा एमएसपी तय कर दी गई है. पहले किसानों को फसल के 1300 से 1400 रुपए दाम मिलते थे. आज उन्हें 1900 से 2000 रुपए तक मिल रहे हैं. यही नहीं किसानों को प्रोत्साहित करने के लिए बीजों और कृषि यंत्रों पर सब्सिडी दी जा रही है. इस दौरान दीनदयाल उपाध्याय विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. राजेश सिंह ने कृषि मंत्री को अंग वस्त्र और स्मृति चिह्न देकर स्वागत किया. कार्यक्रम में बड़ी संख्या में विभिन्न विभागों के विशेषज्ञ व पूर्वांचल विकास बोर्ड के सदस्य मौजूद रहे.
किसानों को प्रोत्साहित कर रही सरकार
मीडियाकर्मियों से बात करते हुए कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने कहा कि हमारे किसानों को आत्मनिर्भर भारत और अन्य पैकेज के माध्यम से प्रात्साहित किया जा रहा है. कृषि विभाग की ओर से पैदा की जाने वाली सामग्रियां हैं. उनकी मार्केर्टिंग, रख-रखाव और अन्य तरह की सुविधा किसानों को दी जा रही है. किसान इस बात को जानते हैं.
देश की खाद्य सुरक्षा को मजबूत कर रहा उत्तर प्रदेश
कृषि मंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश देश का सर्वाधिक खाद्यान उत्पादन कर देश की खाद्य सुरक्षा को मजबूत कर रहा है. इसमें पूर्वांचल का भी बड़ा योगदान है. पूर्वी उत्तर प्रदेश में किसानों के लिए प्रचुर संभावनाएं हैं. केवल उन्हें पहचानने की जरूरत है. ऐसे में प्रदेश सरकार लगातार केंद्र सरकार के सहयोग से किसानों की प्रतिभाओं को निखारने का कार्य कर रहा है.
आत्मनिर्भर बन रहे किसान
मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने कहा कि विभिन्न योजनाओं के माध्यम से किसानों को आत्मनिर्भर और स्वावलंबी बनाने का कार्य किया जा रहा है. यहां के किसान लगातार देश की उन्नति में सहयोग देने का कार्य कर रहे हैं. ऐसे में इस सेमिनार और वेबिनार के माध्यम से हम उन्हें एक उचित मार्गदर्शन देकर उनकी आय को दोगुना करने के साथ ही प्रदेश को नई ऊंचाइयों पर ले जा सकते हैं.