गोरखपुर: शहरों और ग्रामीण इलाकों से आने वाले मरीजों के परिजनों को अपने जाल में फांसकर निजी नर्सिंग होम तक पहुंचाने का गोरखधंधा खूब फल-फूल रहा है. बीआरडी मेडिकल कॉलेज से रेफर मरीज को दलालों ने इलाज का झांसा देकर पैडलेगंज स्थित न्यू लोटस हॉस्पिटल में भर्ती करा दिया. जिसके बाद मरीज के इलाज के नाम पर हॉस्पिटल संचालक ने तीमारदारों से मोटी रकम ऐंठ ली.
ये है मामला
गोरखपुर से दो ऐसे मामले सामने आए हैं. पहला मामला बाबू कुशवाहा का है. पीड़ित बाबूलाल कुशवाहा ने बताया कि उनकी मां राजमती देवी को सांस लेने में दिक्कत आ रही थी. मेडिकल कॉलेज में उनकी मां का इलाज चल रहा था. डॉक्टरों ने उन्हें वहां से केजीएमयू के लिए रेफर कर दिया. इसके बाद उन्हें अस्पताल के बाहर चार जालसाज मिले. जालसाजों ने सस्ते इलाज के नाम पर उन्हें न्यू लोटस हॉस्पिटल में लाकर फंसा दिया. हॉस्पिटल संचालक अब तक बाबूलाल से लगभग 30,000 रुपये वसूल चुका है और अस्पताल की तरफ से उनसे 70,000 रुपये की डिमांड की जा रही है. पीड़ित ने इसकी शिकायत एडीएम एफआर राजेश कुमार सिंह से की. जिसके बाद एडीएम फाइनेंस पीड़ित को न्याय दिलाने के लिए दल-बल के साथ हॉस्पिटल पर पहुंचे.
मौके पर अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व (एडीएम एफआर) राजेश कुमार सिंह से तीमारदार संदीप कुमार गौड़ मिले. संदीप ने बताया कि उनके जीजा जी सड़क दुर्घटना में घायल हो गए थे. जिन्हें मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया था. डॉक्टरों ने उन्हें केजीएमयू लखनऊ के लिए रेफर कर दिया. बीआरडी मेडिकल कॉलेज के बाहर से जालसाज मिले. जालसाजों ने पैडलेगंज स्थित न्यू लोटस हॉस्पिटल में भर्ती कराया. जहां उनसे पहले 10,000 रुपये जमा कराया गया. इसके बाद 40 हजार रुपये और ऑपरेशन के नाम पर 61,000 जमा कराए गए. अब डॉक्टर उनसे 56,000 रुपये आईसीयू का चार्ज मांग रहे हैं. पीड़ित के मुताबिक अस्पताल संचालक को वह अब तक 1,11,000 रुपये भुगतान कर चुका है और अब उसके पास देने के लिए कुछ नहीं है.
एडीएम एफआर राजेश कुमार सिंह ने बताया कि बाबूलाल ने फोन कर बताया कि उन्हें इलाज के नाम पर झांसा दिया गया है. मरीज के परिजनों का बयान दर्ज किया गया है. हॉस्पिटल के संचालक मौके से फरार हैं. जांच की जा रही है. जल्द ही आरोपियों को गिरफ्तार किया जाएगा. सीएमओ से भी कार्रवाई करने की बात कही गई है.