गोरखपुर: फर्जी दस्तावेजों के सहारे प्रदेश के कई जिलों में पैरामेडिकल कॉलेज की मान्यता देने वाले आगरा के शिक्षा माफिया को गोरखपुर पुलिस ने गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की है. यह अवैध और कूटरचित दस्तावेजों के आधार पर पैरामेडिकल संस्थान स्थापित करवाता था. आगरा के थाना शाहगंज निवासी पंकज पोरवाल नाम के इस व्यक्ति "अब्दुल कलाम ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूट" के नाम से एक बोर्ड का गठन भी किया था. इस बोर्ड का मुख्य ऑफिस शाहगंज आगरा में स्थापित है, जहां पर वह अपने सह अभियुक्तों और बोर्ड के कथित पदाधिकारियों के साथ मिलकर विभिन्न जनपदों में फ्रेंचाइजी देकर पैरा मेडिकल कॉलेज खुलवाकर अवैध तरीके से संचालित करवाता और सम्पत्ति अर्जित करता था. लेकिन, उसके इस कारनामे से हजारों छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ हो गया है. जो इन कॉलेजों में दाखिला लेकर पढ़ाई कर रहे थे.
जिले के एसएसपी डॉ. गौरव ग्रोवर ने बताया कि वर्ष 2013 से अब्दुल कलाम ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूट का संचालन आगरा में स्थित कार्यालय से किया जा रहा है. जिसके तहत अब तक कुल 14 इंस्टिट्यूट और फ्रेंचाइजी अवैध और कूटरचित दस्तावेज के आधार पर खोले जाने की बात प्रकाश में आई है. वर्तमान में 12 जनपदों में स्थापित और संचालित है. वर्ष 2013 से अब तक कुल 800 बच्चों का इनमें एनरोलमेंट किया गया है. जबकि मौजूदा समय में लगभग 200 की संख्या में बच्चे शिक्षा भी प्राप्त कर रहे हैं. जानकारी के अनुसार फ्रेंचाइजी देने के बाबत 2-3 लाख रुपये संबंधित पैरामेडिकल कॉलेज से लिया जाता था. प्रत्येक छात्र-छात्रा की प्रवेश फीस और परीक्षा फीस अलग से ली जाती है. अब्दुल कलाम ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूट का NCT दिल्ली से रजिस्ट्रेशन कराया गया था. जोकि पूरी तरह फर्जी है. इसमें कुल 13 पदाधिकारी है, जोकि एक बोर्ड का गठन किए है. जिसमें सभी पंकज पोरवाल के संबंधी हैं.
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एसएसपी ने बताया कि इस फर्जीवाडे़ के संबंध में पहला मामला देवरिया में दर्ज हुआ. उसके बाद एक मामला गोरखपुर के चौरी चौरा थाने में दर्ज किया गया. फिर वहां से यह मामला जिले के गुलरिहा थाना को ट्रांसफर किया गया और जब जांच आगे बढ़ाई गई तो इस फर्जीवड़ा का न सिर्फ खुलासा हुआ बल्कि इस करनामें को अंजाम देने वाले को आगरा से भी गिरफ्तार किया गया.
आरोपी पंकज पोरवाल इन पैरामेडिकल कॉलेजों से एएनएम, मेडिकल ड्रेसर, सीएमएस, लैब टेक्नीशियन, डिप्लोमा इन सेनेटरी जैसे फर्जी कोर्स भी करवाकर बच्चों से लाखों की मोटी रकम, फीस के नाम पर वसूल करता था. रोजगार की गारंटी भी देता था. इसके पास से पुलिस ने ऐसे दस्तावेज बरामद किए हैं जिसे देखकर किसी को भी शक नहीं होगा कि यह सारा काम फर्जी है. लेकिन, उन 800 बच्चों का क्या होगा, जिन्होंने सपने देखे थे पैरामेडिकल कोर्स करके रोजगार पाने की. उनके सपने कहीं न कहीं इसकी वजह से गुमनाम हो गए. बच्चे जब सर्टिफिकेट लेकर नौकरियां लेने पहुंचे तब उन्हे इस फर्जीवाडे का पता चला कि यह तो पूरा का पूरा इंस्टिट्यूट ही फर्जी है. इन फर्जी केंद्रों में छवि पैरामेडिकल कॉलेज प्रयागराज, शंभू तिवारी कॉलेज आफ नर्सिंग अयोध्या छत्रपति शिवाजी कॉलेज देवरिया, वंश पैरामेडिकल कॉलेज फिरोजाबाद, प्रतिभा पैरामेडिकल कॉलेज देवरिया, सौम्या शाक्य पैरामेडिकल देवरिया, मां विंध्यवासिनी पैरामेडिकल कॉलेज रानीडीहा गोरखपुर, अन्नपूर्णा पैरामेडिकल बलिया, रूद्र पैरामेडिकल कॉलेज वाराणसी, ऑल इंडिया पैरामेडिकल कॉलेज सीतापुर, सतीश चंद इंस्टीट्यूट शाहजहांपुर, सन हॉस्पिटल बरेली और वासु पैरामेडिकल पावर स्टेशन बुलंदशहर हैं. इसमें जो बच्चे पढ़ रहे हैं यह सब साजिश के शिकार हो गए हैं.
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