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आठवीं का छात्र, कर रहा लाखों का व्यापार - गोरखपुर अमर आठंवी का छात्र

आठवीं क्लास का एक छात्र जो गांव-गांव बिजली तो पहुंचा ही रहा है, साथ ही लोगों को रोजगार भी दे रहा है. गोरखपुर के अमर ने लॉकडाउन के समय एलईडी लाइट बनाने का प्रशिक्षण लिया था. आज उसी के दम पर उसने लाखों का कारोबार शुरू कर दिया है. अब अमर कई लोगों को रोजगार भी दे रहा है. पेश है अमर के हुनर पर ईटीवी भारत की खास रिपोर्ट...

छोटी से उम्र में बड़ा कमाल
छोटी से उम्र में बड़ा कमाल
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Published : Jan 20, 2021, 6:09 PM IST

गोरखपुर: कक्षा आठवीं में पढ़ने वाला छात्र कोरोना महामारी के दौरान छोटा-सा व्यवसाय शुरू करके मौजूदा समय में हर महीने लाखों रुपये का व्यापार कर रहा है. यह सुनकर शायद आपको आश्चर्य होगा लेकिन यह सच है. गोरखपुर के अमर प्रजापति नाम के इस होनहार छात्र ने यह संभव कर दिखाया है. वो भी बस 10 महीने के अंदर.

छोटी सी उम्र में लाखों का हुनर

मार्गदर्शन से रोशन की राहें

लॉकडाउन के दौरान घर में कैद होकर पढ़ाई करने वाला अमर लोगों की पीड़ा और रोजगार के संकट की जब खबरें सुनता था, तो उसका मन दुखी हो जाता था. बिजली की कारीगरी में रुचि रखने वाला अमर छोटे-मोटे जुगाड़ से नए-नए अविष्कार में जुटा रहता था. अमर ने अपने पिता के एक मित्र के मार्गदर्शन में एलईडी लाइट बनाने का मात्र पांच दिनों तक प्रशिक्षण लिया. आज अमर दूसरों के लिए प्रेरणा बन चुका है.

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अमर का कमाल
लोगों को पसंद आता है अमर का काम

अमर ने अपने जज्बे और हुनर को गति दी. बेटे का काम अच्छा देख उसके माता-पिता भी उसके जुनून के साथ जुट गए. यही वजह है कि आज अमर के हाथ से बने उसके उत्पाद शहर से लेकर गांव तक लोगों को पसंद आ रहे हैं. इस दौरान अमर चार लोगों को अपने साथ रोजगार से भी जोड़ चुका है. वह पीएम मोदी के आत्मनिर्भर भारत के नारे से प्रेरित है. उसका लक्ष्य आगे चलकर वैज्ञानिक बनना है. वह चाइना के हर प्रोडक्ट को रिप्लेस कर अपने उत्पाद को उसका मजबूत विकल्प बनाना चाहता है. अमर की बनाई झालर चीन से आयातित झालर से ज्यादा रोशनी देती है. यह बीच से ब्रेक होने के बाद भी जलती है. यही नहीं, इसे पानी में डुबोकर भी जलाया जा सकता है. इसके हर उत्पाद अचरच भरे हैं. बल्ब ऐसा कि लाइट जाने के बाद भी 3 घंटे तक प्रकाश दे. यह इनवर्टर बैटरी विहीन लोगों के लिए बड़े फायदे की चीज है.

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रोशन किए घर
कई लोगों को दी नौकरी

अमर कहता है कि वह अपनी पढ़ाई के साथ अपने इस काम को चलाता रहेगा. कंपनी बनाना उसका सपना है, जिसे वह और विस्तार देगा. बेटे की सफलता पर मां और पिता सभी को गुमान है. मां कहती हैं कि बेटा जब अच्छा काम करने लगा तो उसे सपोर्ट करने के लिए पूरा परिवार साथ खड़ा हो गया. वह कंपनी की डायरेक्टर भले हैं लेकिन पूरी देखभाल और प्लानिंग बेटा ही करता है. वह अभी नाबालिग है इसलिए केयरटेकर के तौर पर वह डायरेक्टर की भूमिका में होते हुए उसके व्यवसाय को बढ़ाने में मदद कर रही हैं. अमर की कंपनी से तैयार उत्पाद जीवन प्रकाश के नाम से बिकता है, जो उसके पिता के पारिवारिक गुरु के नाम पर स्थापित है. अमर के पिता रमेश प्रजापति गीडा कार्यालय में कैशियर के पद पर काम करते हैं. आज दर्जनभर उत्पाद इस फर्म के द्वारा तैयार करके गांव से लेकर शहर तक बेचे जा रहे हैं. अमर की सोच के अनुरूप तैयार किए जाने वाले प्रोडक्ट के सांचे दिल्ली से मंगाए जाते हैं, जिसमें सर्किट की फिटिंग गोरखपुर में की जाती है.

गोरखपुर: कक्षा आठवीं में पढ़ने वाला छात्र कोरोना महामारी के दौरान छोटा-सा व्यवसाय शुरू करके मौजूदा समय में हर महीने लाखों रुपये का व्यापार कर रहा है. यह सुनकर शायद आपको आश्चर्य होगा लेकिन यह सच है. गोरखपुर के अमर प्रजापति नाम के इस होनहार छात्र ने यह संभव कर दिखाया है. वो भी बस 10 महीने के अंदर.

छोटी सी उम्र में लाखों का हुनर

मार्गदर्शन से रोशन की राहें

लॉकडाउन के दौरान घर में कैद होकर पढ़ाई करने वाला अमर लोगों की पीड़ा और रोजगार के संकट की जब खबरें सुनता था, तो उसका मन दुखी हो जाता था. बिजली की कारीगरी में रुचि रखने वाला अमर छोटे-मोटे जुगाड़ से नए-नए अविष्कार में जुटा रहता था. अमर ने अपने पिता के एक मित्र के मार्गदर्शन में एलईडी लाइट बनाने का मात्र पांच दिनों तक प्रशिक्षण लिया. आज अमर दूसरों के लिए प्रेरणा बन चुका है.

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अमर का कमाल
लोगों को पसंद आता है अमर का काम

अमर ने अपने जज्बे और हुनर को गति दी. बेटे का काम अच्छा देख उसके माता-पिता भी उसके जुनून के साथ जुट गए. यही वजह है कि आज अमर के हाथ से बने उसके उत्पाद शहर से लेकर गांव तक लोगों को पसंद आ रहे हैं. इस दौरान अमर चार लोगों को अपने साथ रोजगार से भी जोड़ चुका है. वह पीएम मोदी के आत्मनिर्भर भारत के नारे से प्रेरित है. उसका लक्ष्य आगे चलकर वैज्ञानिक बनना है. वह चाइना के हर प्रोडक्ट को रिप्लेस कर अपने उत्पाद को उसका मजबूत विकल्प बनाना चाहता है. अमर की बनाई झालर चीन से आयातित झालर से ज्यादा रोशनी देती है. यह बीच से ब्रेक होने के बाद भी जलती है. यही नहीं, इसे पानी में डुबोकर भी जलाया जा सकता है. इसके हर उत्पाद अचरच भरे हैं. बल्ब ऐसा कि लाइट जाने के बाद भी 3 घंटे तक प्रकाश दे. यह इनवर्टर बैटरी विहीन लोगों के लिए बड़े फायदे की चीज है.

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रोशन किए घर
कई लोगों को दी नौकरी

अमर कहता है कि वह अपनी पढ़ाई के साथ अपने इस काम को चलाता रहेगा. कंपनी बनाना उसका सपना है, जिसे वह और विस्तार देगा. बेटे की सफलता पर मां और पिता सभी को गुमान है. मां कहती हैं कि बेटा जब अच्छा काम करने लगा तो उसे सपोर्ट करने के लिए पूरा परिवार साथ खड़ा हो गया. वह कंपनी की डायरेक्टर भले हैं लेकिन पूरी देखभाल और प्लानिंग बेटा ही करता है. वह अभी नाबालिग है इसलिए केयरटेकर के तौर पर वह डायरेक्टर की भूमिका में होते हुए उसके व्यवसाय को बढ़ाने में मदद कर रही हैं. अमर की कंपनी से तैयार उत्पाद जीवन प्रकाश के नाम से बिकता है, जो उसके पिता के पारिवारिक गुरु के नाम पर स्थापित है. अमर के पिता रमेश प्रजापति गीडा कार्यालय में कैशियर के पद पर काम करते हैं. आज दर्जनभर उत्पाद इस फर्म के द्वारा तैयार करके गांव से लेकर शहर तक बेचे जा रहे हैं. अमर की सोच के अनुरूप तैयार किए जाने वाले प्रोडक्ट के सांचे दिल्ली से मंगाए जाते हैं, जिसमें सर्किट की फिटिंग गोरखपुर में की जाती है.

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