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गोरखपुर में कोरोना का कहर: दो घरों में 6 लोगों की मौत

कोरोना वायरस ने कई परिवारों को ऐसे जख्म दिए हैं, जिनको वक्त भी शायद कभी ना भर पाए. इस महामारी ने कई घरों को उजाड़ दिया है. कोरोना संक्रमण के कारण एक-एक परिवार में कई लोगों की मौत हो रही है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के गृह जनपद गोरखपुर में कई परिवारों को कोरोना ने ऐसे ही जख्म दिए हैं.

दो घरों में 6 लोगों की मौत
दो घरों में 6 लोगों की मौत
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Published : May 20, 2021, 4:19 PM IST

गोरखपुर: कोरोना के कहर की मार कुछ परिवारों पर ऐसी पड़ी है कि वह इस दुख को अपने जीवन में कभी भी भुला नहीं पाएंगे. शहर के कैंट थाना क्षेत्र के रानीडीहा मोहल्ले में रहने वाले एक परिवार में कुल 3 लोगों की मौत 10 दिनों के अंदर हुई तो वहीं ग्रामसभा जंगल चवरीं में भी एक परिवार के 3 सदस्यों की मौत कोरोना की वजह से हो गई. जिसकी वजह से दोनों परिवार बुरी तरह टूट गए हैं. जिन लोगों की मौत हुई है उनमें एक प्राथमिक स्कूल की शिक्षिका और एक रिटायर्ड इंजीनियर भी शामिल हैं.


10 दिन में एक परिवार के 3 लोगों की मौत

कोरोना ने कई परिवारों को उजाड़ दिया है. ऐसा ही एक परिवार शहर के कैंट थाना क्षेत्र के रानीडीहा मोहल्ले में रहने वाले शिव शंकर प्रजापति का भी है. इस परिवार में 10 दिनों में 3 लोगों की मौत हो गई. सबसे पहले शिव शंकर प्रजापति के पिता पारसनाथ की मौत 26 अप्रैल को हुई. इसके कुछ दिन बाद उनकी मां फूलमती देवी की तबीयत खराब हुई और उन्होंने भी इलाज के अभाव में 3 मई को दम तोड़ दिया. शिव शंकर माता-पिता की मौत के सदमे से उबरे भी नहीं थे कि, उनकी पत्नी पार्वती की तबीयत अचानक खराब हो गई. जिसके बाद परिजनों ने उन्हें इलाज के लिए बीआरडी मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया, जहां 5 मई की रात को शिव शंकर की पत्नी पार्वती ने भी दम तोड़ दिया. पार्वती पेशे से शिक्षिका थीं और पंचायत चुनाव में ड्यूटी के लिए प्रशिक्षण भी लिया था. जहां से उनके कोरोना संक्रमित होने की आशंका परिवार जता रहा है.



कोरोना से 3 दिन में एक ही परिवार के 3 लोगों की मौत
इसी प्रकार खोराबार क्षेत्र के चवरीं गांव के शेख टोला में बिजली विभाग के रिटायर्ड इंजीनियर हीरालाल (65 वर्ष) का मकान है. इस परिवार में 2 मई को सबसे पहले कोरोना संक्रमण के कारण हीरालाल की मौत हई, वे होम आइसोलेशन में अपना इलाज करा रहे थे. इसके बाद उनकी बहू चंपा देवी (33 वर्ष) जो जिला अस्पताल में इलाज कराने के बाद घर लौटी थीं, उनकी भी मौत हो गई. इसके बाद हीरालाल के दूसरे पुत्र सुरेश चंद्र (40 वर्ष) ने शहर के पैनिशिया हॉस्पिटल में 4 मई को इलाज के दौरान दम तोड़ दिया. परिवार में 3 दिनों में 3 लोगों की मौत से कोहराम मच गया.

इसे भी पढ़ें : पिछले 20 दिनों में कोरोना के एक्टिव केस में 62 फीसदी की कमी: योगी आदित्यनाथ

इसके अलावा भी शहर में कई ऐसे परिवार हैं, जिनके घर में दो से तीन लोगों की मौत हुई है. बावजूद इसके कई लोग सुधरने का नाम नहीं ले रहे हैं, ना ही उन्हें जिला प्रशासन का कोई खौफ है.

गोरखपुर: कोरोना के कहर की मार कुछ परिवारों पर ऐसी पड़ी है कि वह इस दुख को अपने जीवन में कभी भी भुला नहीं पाएंगे. शहर के कैंट थाना क्षेत्र के रानीडीहा मोहल्ले में रहने वाले एक परिवार में कुल 3 लोगों की मौत 10 दिनों के अंदर हुई तो वहीं ग्रामसभा जंगल चवरीं में भी एक परिवार के 3 सदस्यों की मौत कोरोना की वजह से हो गई. जिसकी वजह से दोनों परिवार बुरी तरह टूट गए हैं. जिन लोगों की मौत हुई है उनमें एक प्राथमिक स्कूल की शिक्षिका और एक रिटायर्ड इंजीनियर भी शामिल हैं.


10 दिन में एक परिवार के 3 लोगों की मौत

कोरोना ने कई परिवारों को उजाड़ दिया है. ऐसा ही एक परिवार शहर के कैंट थाना क्षेत्र के रानीडीहा मोहल्ले में रहने वाले शिव शंकर प्रजापति का भी है. इस परिवार में 10 दिनों में 3 लोगों की मौत हो गई. सबसे पहले शिव शंकर प्रजापति के पिता पारसनाथ की मौत 26 अप्रैल को हुई. इसके कुछ दिन बाद उनकी मां फूलमती देवी की तबीयत खराब हुई और उन्होंने भी इलाज के अभाव में 3 मई को दम तोड़ दिया. शिव शंकर माता-पिता की मौत के सदमे से उबरे भी नहीं थे कि, उनकी पत्नी पार्वती की तबीयत अचानक खराब हो गई. जिसके बाद परिजनों ने उन्हें इलाज के लिए बीआरडी मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया, जहां 5 मई की रात को शिव शंकर की पत्नी पार्वती ने भी दम तोड़ दिया. पार्वती पेशे से शिक्षिका थीं और पंचायत चुनाव में ड्यूटी के लिए प्रशिक्षण भी लिया था. जहां से उनके कोरोना संक्रमित होने की आशंका परिवार जता रहा है.



कोरोना से 3 दिन में एक ही परिवार के 3 लोगों की मौत
इसी प्रकार खोराबार क्षेत्र के चवरीं गांव के शेख टोला में बिजली विभाग के रिटायर्ड इंजीनियर हीरालाल (65 वर्ष) का मकान है. इस परिवार में 2 मई को सबसे पहले कोरोना संक्रमण के कारण हीरालाल की मौत हई, वे होम आइसोलेशन में अपना इलाज करा रहे थे. इसके बाद उनकी बहू चंपा देवी (33 वर्ष) जो जिला अस्पताल में इलाज कराने के बाद घर लौटी थीं, उनकी भी मौत हो गई. इसके बाद हीरालाल के दूसरे पुत्र सुरेश चंद्र (40 वर्ष) ने शहर के पैनिशिया हॉस्पिटल में 4 मई को इलाज के दौरान दम तोड़ दिया. परिवार में 3 दिनों में 3 लोगों की मौत से कोहराम मच गया.

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इसके अलावा भी शहर में कई ऐसे परिवार हैं, जिनके घर में दो से तीन लोगों की मौत हुई है. बावजूद इसके कई लोग सुधरने का नाम नहीं ले रहे हैं, ना ही उन्हें जिला प्रशासन का कोई खौफ है.

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