गोरखपुर: गोरखपुर नगर निगम की सीमा का विस्तार 30 जून के बाद किया जाएगा. जिले की 46 ग्राम पंचायतों को शासन ने नगर निगम में शामिल करते हुए इनके विकास की नई कार्य योजना बनाने और पंचायत निधि के खाते में बचे हुए धन को 30 जून तक खर्च कर लेने का आदेश दिया है, जिसके बाद इन 46 गांव की ग्राम पंचायत शेष धनराशि को खर्च करने में जुटी हुई हैं. करीब 4 करोड़ 20 लाख रुपये इन पंचायतों के खाते में है, जिसके खर्च की मॉनिटरिंग करने में जिला पंचायत राज अधिकारी कार्यालय जुटा हुआ है. खास बात यह है कि इस निधि से पंचायत भवन, शौचालय और कच्ची सड़क को पूर्ण करने का लक्ष्य तय किया गया है.
गोरखपुर नगर निगम की सीमा में सबसे ज्यादा फायदा शहर से सटे खोराबार ब्लॉक की 16 ग्राम पंचायतों का हो रहा है, जो नगर निगम में शामिल हो रही हैं. वहीं जिले की कुछ नगर पंचायतों का भी सीमा विस्तार हो रहा है, जिसमें कई गांव शामिल हो रहे हैं. गोरखपुर नगर निगम की सीमा का विस्तार पिछले 20 वर्षों से नहीं हुआ था.
योगी आदित्यनाथ के मुख्यमंत्री बनने के साथ नगर निगम के सीमा विस्तार की उम्मीद प्रबल हो गई थी. शासन ने कैबिनेट में लॉकडाउन से पहले ही इन गांवों को नगर निगम में शामिल करने का प्रस्ताव पास कर दिया था, लेकिन लॉकडाउन की वजह से ये गांव भौतिक और कागजी रूप से नगर निगम का हिस्सा नहीं बन सके थे, लेकिन जैसे ही लॉकडाउन में शासन ने जनहित के कार्यों में तेजी लाने का निर्देश दिया, यह काम भी बढ़ चला. यही नहीं, पंचायतों में शेष पड़ी धनराशि को 30 जून को हर हाल में खर्च कर लेने को कहा गया है, जिसकी मॉनिटरिंग भी तेज है, क्योंकि मामला सीएम सिटी का है.
जिन ग्राम पंचायतों को नगर निगम में शामिल होने का अवसर प्राप्त हुआ है, वहां के प्रधान और जनप्रतिनिधियों ने शासन की नीति की जमकर सराहना की है. उन्होंने कहा है कि उनके गांव को अब शहरी पहचान ही नहीं मिलेगी, बल्कि बचे हुए विकास कार्यों में भी तेजी आएगी. वहीं ग्रामीणों ने भी खुशी जाहिर की है.
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जिन ग्राम पंचायतों में सबसे अधिक धन खर्च करना है, उनमें खोराबार ब्लॉक के बड़गो में 69.80 लाख, भरवालिया बुजुर्ग में 18.63 लाख और सिकटौर में 12.13 लाख खर्च होने हैं. समय कम है, ऐसे में कार्ययोजना के आधार पर काम में तेजी अपनाई जा रही है.