गोरखपुर: देश की आजादी के 75वें वर्ष को अमृत महोत्सव के रूप में मनाने के चल रहे अभियान में प्रदेश की योगी सरकार जल संरक्षण को लेकर भी दूरगामी पहल की है. इस पहल से जुड़कर गांव-गांव में बनने वाले अमृत सरोवर को यादगार बनाया जाएगा. गोरखपुर में 1294 अमृत सरोवर बनाए जाने का लक्ष्य है. सरकार की मंशा के अनुसार इनमें से 20 फीसदी यानी 259 अमृत सरोवर इस साल जश्ने आजादी (15 अगस्त) तक पूर्ण हो जाएंगे. यही नहीं पूर्ण हो रहे सरोवर पर भी तिरंगा भी फहराया जाएगा, जिसको लेकर तैयारियां भी की जा रहीं हैं.
जलवायु परिवर्तन के दौर में जल संरक्षण समय की मांग है. इसी के दृष्टिगत पीएम मोदी और सीएम योगी ने जल संरक्षण को आजादी के अमृत महोत्सव में एक खास अभियान के रूप में शामिल किया है. इसके तहत गांवों में पोखरों को अमृत सरोवर के रूप में विकसित कर जल संरक्षण की परिकल्पना को साकार किया जा रहा है. गोरखपुर में ग्राम पंचायतों में 1,294 अमृत सरोवर बनाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है. इन सरोवरों के विकास कार्य ग्राम पंचायतों, क्षेत्र पंचायतों और जिला पंचायतों के केंद्रीय वित्त टाइड और अनटाइड, राज्य वित्त आयोग एवं मनरेगा में मिलने वाली धनराशि से कराया जा रहा है. 7 अगस्त तक जिले में 153 अमृत सरोवरों को विकसित किया जा चुका है. गत दिनों समीक्षा बैठक करने आए जनपद के प्रभारी मंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने उम्मीद जताई थी कि 15 अगस्त तक लक्षित 20 फीसद अर्थात 259 अमृत सरोवरों का विकास कार्य पूरा कर लिया जाएगा. इन अमृत सरोवर पर निगरानी रखने के लिए बकायदा एमआईएस पोर्टल निर्मित किया गया है.
अमृत सरोवरों पर होगा झंडारोहण
अमृत सरोवरों पर इस बार 15 अगस्त को भव्य झंडारोहण समारोह होंगे. इसके लिए यहां झंडारोहण स्थल भी तैयार किए गए हैं. जश्ने आजादी पर ग्रामीणों को अमृत सरोवरों के संरक्षण का संकल्प भी दिलाया जाएगा. अमृत सरोवरों में सालभर जल की उपलब्धता बनी रहे, इसके इंतजाम भी किए जा रहे हैं. इन्हें मुख्यत: वर्षा जल संचयन कर भरा जाएगा. अमृत सरोवर के तट पर नीम, पीपल, कटहल, जामुन, बरगद, सहजन, पाकड़ और महुआ आदि के पौधे लगाए जा रहे हैं. सरोवर में गांव की नालियों का पानी न जाए, यह सुनिश्चित किया जाएगा. इसे वर्षा जल से भरना होगा, जिसके लिए समुचित इनलेट की व्यवस्था की जाएगी.
बारिश जल सरोवर तक पहुंच सके, इसके लिए आवश्यक चैनलाइजेशन भी किया जाएगा. पानी के आगमन पर आवश्यक स्क्रीन एवं सिल्ट चैम्बर का निर्माण किया जाएगा. बारिश के जल का संरक्षण कर भूमिगत जल का रिचार्ज बढ़ाने में भी मदद मिलेगी. सरोवरों के तटबंध पर वाकिंग पथ बन रहे हैं. बैठने के लिए बेंच की भी स्थापना की जा रही है. सुबह-शाम सैर करने वाले ग्रामीण इसका प्रयोग कर सकेंगे और बच्चों को खेलकूद के लिए बढ़िया स्थान भी मिलेगा.
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