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UP Assembly Election 2022: गोण्डा सदर विधानसभा सीट से किसका पलड़ा भारी, समझिए यहां की पूरी गणित

2022 के विधानसभा चुनाव को लेकर उत्तर प्रदेश में राजनीतिक हलचल तेज हो गई है. 2017 में यहां की सातों सीटों पर भाजपा का कमल खिला था, लेकिन मिशन 2022 के लिए बीजेपी के लिए दोबारा वही इतिहास दोहराना आसान नहीं होगा. सातों सीटों में गोण्डा सदर विधानसभा सीट-296 से बहुत ही महत्वपूर्ण मानी जाती है. यहां की जनता 2022 में किसके सिर ताज रखेगी. जानिए...

गोण्डा सदर विधानसभा सीट-296
गोण्डा सदर विधानसभा सीट-296
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Published : Sep 28, 2021, 11:27 AM IST

गोण्डा: जैसे-जैसे उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 (UP Assembly Election 2022) पास आता जा रहा है, वैसे-वैसे राजनीतिक पार्टी अपने दावे व वादे के साथ चुनाव मैदान में ताल ठोक रही है. बताते चलें कि गोण्डा सदर सीट से भाजपा से सांसद बृजभूषण शरण सिंह के पुत्र प्रतीक भूषण शरण सिंह पहली बार चुनाव जीतकर सबसे कम उम्र के विधायक चुने गए. उनका दावा है कि उन्होंने अपने किए गए सभी वादों को पूरा किया है. जिले को सबसे गंदे शहरों की लिस्ट से बाहर लाकर टॉप 3 शहरों तक पहुंचाने का काम किया है.

उत्तर प्रदेश में गोण्डा.
उत्तर प्रदेश में गोण्डा.

गोण्डा सदर विधानसभा क्षेत्र में 130 ग्रामसभा और गोण्डा नगर पालिका क्षेत्र के 27 वार्ड सम्मिलित हैं जहां कि कुल आबादी करीब छह लाख है. साल 2017 के पहले स्वच्छता सर्वेक्षण में गोण्डा नगर पालिका को देश के सबसे गंदे शहर का खिताब मिला था.

गोण्डा.
गोण्डा.

गोण्डा सदर विधानसभा पर किसका बोलबाला ?

गोण्डा के मतदाताओं ने लगभग हर पार्टी को सेवा करने का मौका दिया है. इसके चलते विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के रघुराज उपाध्याय (1980,1985 और 1989) ने जीत की हैट्रिक लगाई थी. यहां से कांग्रेस के टिकट पर स्वतंत्रता संग्राम सेनानी ईश्वर शरण सिंह (1962 और 1967), जनसंघ के टिकट पर बाबू त्रिवेणी सहाय (1968, 1974), जनता पार्टी के टिकट पर फजलुल बारी उर्फ बन्ने भाई (1977), भाजपा के टिकट पर तुलसीदास राय चंदानी (1991 और 1993), सपा के टिकट पर विनोद कुमार उर्फ पंडित सिंह (1996, 2002 और 2012), बसपा के टिकट पर जलील अहमद खां (2007) निर्वाचित होकर विधानसभा पहुंचे और साल 2017 में भाजपा का कमल खिला और प्रतीक भूषण सिंह विजयी हुए, लेकिन अब यह देखने वाली बात होगी कि 2022 के रण में किसकी फतह होगी.


2017 में प्रतीक बने यहां से सबसे कम उम्र के विधायक
2017 भाजपा मोदी लहर में गोण्डा की सातों विधानसभा सीटों पर भाजपा की प्रचण्ड जीत हुई थी. गोण्डा की सदर विधानसभा सीट-296 से वर्तमान विधायक प्रतीक भूषण शरण सिंह ने अपने निकटतम प्रतिद्वंदी बसपा के जलील अहमद खां को 9889 मतों से पराजित किया था. इस तरह भाजपा के प्रतीक भूषण सिंह को 55273 मत व जलील को महज 45384 मतों से सन्तोष करना पड़ा था. वहीं पूर्व कृषि मंत्री स्व. विनोद कुमार उर्फ पंडित सिंह के भतीजे सूरज सिंह तीसरे स्थान पर थे, इन्हें महज 39084 मत ही मिले थे. 2017 में प्रतीक यहां से सबसे कम उम्र के विधायक भी बन गए थे.

2022 के मैदान में कितने दावेदारी
विधानसभा चुनाव 2022 की बात करें तो भाजपा से प्रतीक भूषण शरण सिंह फिर से चुनाव मैदान में हैं. सपा से जहां एक ओर पूर्व मंत्री के भतीजे सूरज सिंह अपनी दावेदारी कर रहे हैं, तो वहीं सपा से राजा चतुर्वेदी भी टिकट की दावेदारी कर रहे हैं. बसपा से पूर्व विधायक स्व. जलील अहमद के पुत्र अजमल जलील खान चुनाव मैदान में उतरेंगे. लेकिन कांग्रेस ने अभी तक इस सीट के लिए अपना पत्ता नहीं खोला है. वहीं आम आदमी पार्टी ने यहां से ब्राह्मण कार्ड खेला है. पार्टी ने सुधांशु मिश्रा को अपना प्रत्याशी बनाए जाने की लिस्ट जारी की है.

गोण्डा सदर विधानसभा सीट-296 के कुल मतदाता

गोण्डा सदर विधानसभा सीट-296
गोण्डा सदर विधानसभा सीट-296
कुल मतदाता340985
पुरुष182973
महिला157989
ट्रांसजेंडर23


अनुमानित जातीय समीकरण

गोण्डा सदर विधानसभा सीट-296
गोण्डा सदर विधानसभा सीट-296
जातीय समीकरण प्रतिशत मतदाता
मुस्लिम 21
यादव 8
ब्राह्मण 22
कुर्मी 15
क्षत्रिय 6
दलित 14
अन्य13

गोण्डा सदर विधानसभा क्षेत्र में जातिगत आंकड़ों की बात करें, तो यहां ब्राह्मण, मुस्लिम और कुर्मी जाति के लोगों का पलड़ा ज्यादा भारी है. इसके बाद नंबर आता है दलित वर्ग का. यादव यहां 8 प्रतिशत हैं और क्षत्रिय 6 फीसदी व अन्य में 13 परशेंट वोट हैं. अब देखने वाली बात यह होगी कि यहां 2022 में किसका सिक्का जमेगा. यहां की जनता किसके सिर ताज रखेगी.


क्या होंगे 2022 के चुनावी मुद्दे
2022 विधानसभा चुनाव (2022 assembly election) में गोण्डा की जनता की सबसे जरूरी मांग कर रही है. जनता की मांग जिले में सीवर लाइन व नगर पालिका का क्षेत्र बढ़ाने की है, जिससे जिले समुचित विकास हो सके. सड़क, बिजली, पानी व रोजगार अहम मुद्दे होंगे.

इसे भी पढ़ें- आंकड़े बताते हैं कि किसी एक का वोट बैंक नहीं है गोंडा की जनता, हर बार बदल देती है सत्ता

गोण्डा: जैसे-जैसे उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 (UP Assembly Election 2022) पास आता जा रहा है, वैसे-वैसे राजनीतिक पार्टी अपने दावे व वादे के साथ चुनाव मैदान में ताल ठोक रही है. बताते चलें कि गोण्डा सदर सीट से भाजपा से सांसद बृजभूषण शरण सिंह के पुत्र प्रतीक भूषण शरण सिंह पहली बार चुनाव जीतकर सबसे कम उम्र के विधायक चुने गए. उनका दावा है कि उन्होंने अपने किए गए सभी वादों को पूरा किया है. जिले को सबसे गंदे शहरों की लिस्ट से बाहर लाकर टॉप 3 शहरों तक पहुंचाने का काम किया है.

उत्तर प्रदेश में गोण्डा.
उत्तर प्रदेश में गोण्डा.

गोण्डा सदर विधानसभा क्षेत्र में 130 ग्रामसभा और गोण्डा नगर पालिका क्षेत्र के 27 वार्ड सम्मिलित हैं जहां कि कुल आबादी करीब छह लाख है. साल 2017 के पहले स्वच्छता सर्वेक्षण में गोण्डा नगर पालिका को देश के सबसे गंदे शहर का खिताब मिला था.

गोण्डा.
गोण्डा.

गोण्डा सदर विधानसभा पर किसका बोलबाला ?

गोण्डा के मतदाताओं ने लगभग हर पार्टी को सेवा करने का मौका दिया है. इसके चलते विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के रघुराज उपाध्याय (1980,1985 और 1989) ने जीत की हैट्रिक लगाई थी. यहां से कांग्रेस के टिकट पर स्वतंत्रता संग्राम सेनानी ईश्वर शरण सिंह (1962 और 1967), जनसंघ के टिकट पर बाबू त्रिवेणी सहाय (1968, 1974), जनता पार्टी के टिकट पर फजलुल बारी उर्फ बन्ने भाई (1977), भाजपा के टिकट पर तुलसीदास राय चंदानी (1991 और 1993), सपा के टिकट पर विनोद कुमार उर्फ पंडित सिंह (1996, 2002 और 2012), बसपा के टिकट पर जलील अहमद खां (2007) निर्वाचित होकर विधानसभा पहुंचे और साल 2017 में भाजपा का कमल खिला और प्रतीक भूषण सिंह विजयी हुए, लेकिन अब यह देखने वाली बात होगी कि 2022 के रण में किसकी फतह होगी.


2017 में प्रतीक बने यहां से सबसे कम उम्र के विधायक
2017 भाजपा मोदी लहर में गोण्डा की सातों विधानसभा सीटों पर भाजपा की प्रचण्ड जीत हुई थी. गोण्डा की सदर विधानसभा सीट-296 से वर्तमान विधायक प्रतीक भूषण शरण सिंह ने अपने निकटतम प्रतिद्वंदी बसपा के जलील अहमद खां को 9889 मतों से पराजित किया था. इस तरह भाजपा के प्रतीक भूषण सिंह को 55273 मत व जलील को महज 45384 मतों से सन्तोष करना पड़ा था. वहीं पूर्व कृषि मंत्री स्व. विनोद कुमार उर्फ पंडित सिंह के भतीजे सूरज सिंह तीसरे स्थान पर थे, इन्हें महज 39084 मत ही मिले थे. 2017 में प्रतीक यहां से सबसे कम उम्र के विधायक भी बन गए थे.

2022 के मैदान में कितने दावेदारी
विधानसभा चुनाव 2022 की बात करें तो भाजपा से प्रतीक भूषण शरण सिंह फिर से चुनाव मैदान में हैं. सपा से जहां एक ओर पूर्व मंत्री के भतीजे सूरज सिंह अपनी दावेदारी कर रहे हैं, तो वहीं सपा से राजा चतुर्वेदी भी टिकट की दावेदारी कर रहे हैं. बसपा से पूर्व विधायक स्व. जलील अहमद के पुत्र अजमल जलील खान चुनाव मैदान में उतरेंगे. लेकिन कांग्रेस ने अभी तक इस सीट के लिए अपना पत्ता नहीं खोला है. वहीं आम आदमी पार्टी ने यहां से ब्राह्मण कार्ड खेला है. पार्टी ने सुधांशु मिश्रा को अपना प्रत्याशी बनाए जाने की लिस्ट जारी की है.

गोण्डा सदर विधानसभा सीट-296 के कुल मतदाता

गोण्डा सदर विधानसभा सीट-296
गोण्डा सदर विधानसभा सीट-296
कुल मतदाता340985
पुरुष182973
महिला157989
ट्रांसजेंडर23


अनुमानित जातीय समीकरण

गोण्डा सदर विधानसभा सीट-296
गोण्डा सदर विधानसभा सीट-296
जातीय समीकरण प्रतिशत मतदाता
मुस्लिम 21
यादव 8
ब्राह्मण 22
कुर्मी 15
क्षत्रिय 6
दलित 14
अन्य13

गोण्डा सदर विधानसभा क्षेत्र में जातिगत आंकड़ों की बात करें, तो यहां ब्राह्मण, मुस्लिम और कुर्मी जाति के लोगों का पलड़ा ज्यादा भारी है. इसके बाद नंबर आता है दलित वर्ग का. यादव यहां 8 प्रतिशत हैं और क्षत्रिय 6 फीसदी व अन्य में 13 परशेंट वोट हैं. अब देखने वाली बात यह होगी कि यहां 2022 में किसका सिक्का जमेगा. यहां की जनता किसके सिर ताज रखेगी.


क्या होंगे 2022 के चुनावी मुद्दे
2022 विधानसभा चुनाव (2022 assembly election) में गोण्डा की जनता की सबसे जरूरी मांग कर रही है. जनता की मांग जिले में सीवर लाइन व नगर पालिका का क्षेत्र बढ़ाने की है, जिससे जिले समुचित विकास हो सके. सड़क, बिजली, पानी व रोजगार अहम मुद्दे होंगे.

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