गोण्डा: शासन ने संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय व उससे संबद्ध महाविद्यालयों से डिग्री लेकर बने शिक्षकों के शैक्षिक अभिलेखों के सत्यापन रिपोर्ट की जांच एसआईटी को सौंपी गई है. बेसिक शिक्षा परिषद ने बीएसए को पत्र भेजकर शैक्षिक अभिलेखों की सत्यापन रिपोर्ट एसआईटी को एक सप्ताह के भीतर उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए हैं. माना जा रहा है कि सत्यापन रिपोर्ट मिलने के बाद कई शिक्षकों की गर्दन इसमें फंस सकती है.
संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय व उससे संबंध महाविद्यालयों की डिग्रियों में फर्जीवाड़ा का पहले से खुलासा होने के बाद अब वर्ष 2004 से 2014 के बीच परिषदीय विद्यालयों में नौकरी पाने वाले शिक्षक, शिक्षिकाओं के शैक्षिक प्रमाण पत्रों की सत्यापन रिपोर्ट परिषद व एसआईटी को पूर्व में उपलब्ध कराने का निर्देश दिया गया था, लेकिन विभागीय लापरवाही के चलते रिपोर्ट परिषद व एसआईटी को उपलब्ध नहीं कराई गई थी. इस पर बेसिक शिक्षा निदेशक ने नाराजगी व्यक्त करते हुए एक सप्ताह के भीतर सत्यापन रिपोर्ट एसआईटी व परिषद को उपलब्ध कराने के पुनः निर्देश जारी किए गए हैं.
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बता दें, पत्र में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि ऐसा प्रतीत होता है कि सत्यापन रिपोर्ट जान-बूझकर गोपनीय रखी जा रही है या स्थिति ठीक नहीं है. संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय व इससे जुड़े महाविद्यालयों से पूर्व मध्यमिक, उच्चतर मध्यमिक, शास्त्री, शिक्षा शास्त्री, बीएड की डिग्री लेकर अधिकांश लोग परिषदीय विद्यालयों में नौकरी कर रहे हैं .
इस संबंध में बेसिक शिक्षा अधिकारी इंद्रजीत प्रजापति ने बताया कि जिले में सम्पूर्णानंद विश्वविद्यालय से डिग्री धारक शिक्षकों के लिए सभी खंड शिक्षा अधिकारियों को पत्र जारी कर दिया गया है. फर्जी शिक्षकों के विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी और रिकवरी भी कराई जाएगी.