गोण्डा: जिले में दीपावली के दिन चाइनीज झालर और लाइटों का प्रयोग करना इस बार भी कुम्हारों की दीपावली को फीका कर दिया. हालांकि इस बार सरकार ने कुम्हारों को कई योजनाओं की सौगात दी थी, लेकिन सही ढंग से क्रियान्वन न होने के चलते इस बार भी कुम्हारों को निराशा ही हाथ लगा.
कुम्हारों की फीकी रही दीपावली
रविवार को जहां देश भर में दीपावली के त्योहार को बड़े ही धूमधाम से मनाया गया तो वहीं गोण्डा जिले में दीपावली के बाद कि बात करें तो इस बार भी कुम्हारों के यहां अच्छे ढंग से दीपावली की खुशियां नहीं आईं. शासन ने भी इस बार मिट्टी के दीयों के लिए मुहिम चलाया था, जिसके अंतर्गत अयोध्या ने 5 लाख 51 हजार दीया जलाकर गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड बनाया गया.
इसके बावजूद गोण्डा जिले में लोगों की पसंद चाइनीज झालर और लाइटों में ही दिखी. लोग अपने घरों को सजाने के लिए इन्हीं का प्रयोग करते दिखे. मात्र पूजा पाठ इत्यादि के समय ही लोगों ने दीयों का प्रयोग किया, जिसके कारण दीयों के कारोबार पर फिर मार पड़ी.
शासन द्वारा मिट्टी के दीयों को बढ़ाने के लिये इलेक्ट्रिक चॉक सहित कई योजनाएं शुरू की थीं, लेकिन वह भी धरातल पर उतरती नहीं दिखी. हालांकि शासन ने मिट्टी के दीयों के उपयोग के लिए कोई अन्य प्रयास नहीं किए. लोगों का भारी मात्रा में चाइनीज़ झालरों का प्रयोग करना कुम्हारों के लिए दीपावली निराशाजनक रहा.
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सरकार को चाइनीज झालर वगैरह पूरी तरह से बंद कर देना चाहिए. तभी हम लोगों की कुछ आमदनी बढ़ पाएगी.
-रोजली, कुम्हार