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भ्रष्टाचारी 3 प्रधान सहित कई अधिकारियों पर बड़ी कार्रवाई

यूपी के गोंडा में सरकारी धन का गबन करने वाले 3 ग्राम प्रधानों और एडीओ पंचायत, ग्राम विकास अधिकारी व अवर अभियंता के खिलाफ डीएम ने रिकवरी के आदेश दिए हैं. ग्राम प्रधानों और अधिकारियों ने पंचायत भवन के निर्माण में धांधली की थी.

जिलाधिकारी मार्कण्डेय शाही
जिलाधिकारी मार्कण्डेय शाही
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Published : Aug 14, 2021, 8:55 PM IST

गोंडा: सरकारी धन का गबन कर भ्रष्टचार करने वाले 3 ग्राम प्रधानों और एडीओ पंचायत, ग्राम विकास अधिकारी व अवर अभियंता के खिलाफ डीएम ने बड़ी कार्रवाई की है. जिलाधिकारी मार्कण्डेय शाही ने ग्रामपंचायत सीहागांव विकासखण्ड झंझरी, ग्राम पंचायत सिंगहाचन्दा विकासखण्ड तरबगंज और ग्राम पंचायत खिरई खिरवा विकासखण्ड झंझरी के निवर्तमान ग्राम प्रधानों से रिकवरी के आदेश जारी किए हैं. इसके अलावा इन तीन विकासखंडों पर पूर्व में तैनात रहे ग्राम विकास अधिकारी, एडीओ पंचायत तथा एई के विरुद्ध रिकवरी का आदेश डीएम ने जारी किया है.


जिलाधिकारी ने बताया कि ग्राम पंचायत सीहागांव में निर्वतमान प्रधान श्रीमती प्रेमपती मिश्रा, तत्कालीन ग्राम विकास अधिकारी विष्णु प्रजापति, ग्रामीण अभियंत्रण विभाग के अवर अभियन्ता अंगद सिंह कुशवाहा और सहायक विकास अधिकारी झंझरी हेमचन्द यादव ने बिना कार्य कराए ही 3 लाख 37 हजार 455 रुपये का गबन किया था. जांच रिपोर्ट में पाया गया कि सीहा गांव में निर्माणाधीन पंचायत भवन के निर्माण में लिंटर व बीम नहीं डाला गया. कुर्सी तल पर डीपीसी बीम में सरिया नहीं डाली गई. भवन के मीटिंग हाल एवं कमरों के अनुसार सरिया एवं मसाले का प्रयोग नहीं किया गया. जबकि पंचायत भवन के निर्माण के मद में 7 लाख 07 हजार 176 रुपये का भुगतान कर दिया गया. डीएम ने बताया कि जांच में कार्य की कुल लागत मात्र 3 लाख 69 हजार 702 रुपये पाई गई. इसके बाद ग्राम प्रधान श्रीमती प्रेमपती मिश्रा से 84363 रुपये, तत्कालीन ग्राम विकास अधिकारी विष्णु प्रजापति से 84363 रुपये, अवर अभियन्ता ग्रामीण अभियंत्रण विभाग अंगद सिंह कुशवाहा से 84363 रुपये और सहायक विकास अधिकारी झंझरी हेमचन्द यादव से 84363 रुपये की वसूली के आदेश दिए गए हैं.


इसी प्रकार ग्राम पंचायत सिंगहाचन्दा विकासखण्ड झंझरी के निवर्तमान ग्राम प्रधान रामधन, ग्राम विकास अधिकारी अभिषेक विश्वकर्मा, अवर अभियन्ता लघु सिंचाई गोपाल द्वारा 1 लाख 88 हजार 25 रुपये के सरकारी धन का गबन किया. इस ग्राम पंचायत में भी पंचायत भवन का निर्माण मानक अनुरूप न कराकर 10 लाख 38 हजार 25 रुपये व्यय कर दिए गए. जांच कराने पर उक्त पंचायत की निर्माण लागत साढ़े आठ लाख ही पाई गई. जिलाधिकारी ने निवर्तमान ग्राम प्रधान सहित ग्राम विकास अधिकारी व अवर अभियन्ता से समानुपातिक रूप से 62 हजार 675 रूपए वसूलने के आदेश दिए हैं.

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डीएम ने बताया कि ग्राम पंचायत खिरई खिरवा विकासखण्ड झंझरी के निवर्तमान ग्राम प्रधान धनीराम द्वारा तत्कालीन ग्राम विकास अधिकारी विष्णु प्रजापति, अवर अभियन्ता अंगद सिंह कुशवाहा तथा सहायक विकास अधिकारी झंझरी हेमचंद यादव के साथ मिलकर 2 लाख 98 हजार 450 रुपये का गबन किया गया. उन्होंने बताया कि ग्राम पंचायत में बन रहे पंचायत भवन में बिना नींव खुदाई के ही कार्य शुरू करा दिया गया. नींव की चिनाई का कार्य नहीं कराया गया तथा बीम भी नहीं डाली गई. जबकि कार्य के सापेक्ष 3 लाख 93 हजार 450 रुपये का भुगतान कर दिया गया. जांच में कार्य की कुल लागत मात्र 95 हजार रुपये ही पाई गई. इस मामले में ग्राम प्रधान धनीराम सहित तत्कालीन ग्राम विकास अधिकारी विष्णु प्रजापति, अवर अभियन्ता अंगद सिंह कुशवाहा तथा सहायक विकास अधिकारी झंझरी हेमचंद यादव से समानुपातिक रूप से 74 हजार 612 रुपये वसूली के आदेश जारी किए गए हैं.

गोंडा: सरकारी धन का गबन कर भ्रष्टचार करने वाले 3 ग्राम प्रधानों और एडीओ पंचायत, ग्राम विकास अधिकारी व अवर अभियंता के खिलाफ डीएम ने बड़ी कार्रवाई की है. जिलाधिकारी मार्कण्डेय शाही ने ग्रामपंचायत सीहागांव विकासखण्ड झंझरी, ग्राम पंचायत सिंगहाचन्दा विकासखण्ड तरबगंज और ग्राम पंचायत खिरई खिरवा विकासखण्ड झंझरी के निवर्तमान ग्राम प्रधानों से रिकवरी के आदेश जारी किए हैं. इसके अलावा इन तीन विकासखंडों पर पूर्व में तैनात रहे ग्राम विकास अधिकारी, एडीओ पंचायत तथा एई के विरुद्ध रिकवरी का आदेश डीएम ने जारी किया है.


जिलाधिकारी ने बताया कि ग्राम पंचायत सीहागांव में निर्वतमान प्रधान श्रीमती प्रेमपती मिश्रा, तत्कालीन ग्राम विकास अधिकारी विष्णु प्रजापति, ग्रामीण अभियंत्रण विभाग के अवर अभियन्ता अंगद सिंह कुशवाहा और सहायक विकास अधिकारी झंझरी हेमचन्द यादव ने बिना कार्य कराए ही 3 लाख 37 हजार 455 रुपये का गबन किया था. जांच रिपोर्ट में पाया गया कि सीहा गांव में निर्माणाधीन पंचायत भवन के निर्माण में लिंटर व बीम नहीं डाला गया. कुर्सी तल पर डीपीसी बीम में सरिया नहीं डाली गई. भवन के मीटिंग हाल एवं कमरों के अनुसार सरिया एवं मसाले का प्रयोग नहीं किया गया. जबकि पंचायत भवन के निर्माण के मद में 7 लाख 07 हजार 176 रुपये का भुगतान कर दिया गया. डीएम ने बताया कि जांच में कार्य की कुल लागत मात्र 3 लाख 69 हजार 702 रुपये पाई गई. इसके बाद ग्राम प्रधान श्रीमती प्रेमपती मिश्रा से 84363 रुपये, तत्कालीन ग्राम विकास अधिकारी विष्णु प्रजापति से 84363 रुपये, अवर अभियन्ता ग्रामीण अभियंत्रण विभाग अंगद सिंह कुशवाहा से 84363 रुपये और सहायक विकास अधिकारी झंझरी हेमचन्द यादव से 84363 रुपये की वसूली के आदेश दिए गए हैं.


इसी प्रकार ग्राम पंचायत सिंगहाचन्दा विकासखण्ड झंझरी के निवर्तमान ग्राम प्रधान रामधन, ग्राम विकास अधिकारी अभिषेक विश्वकर्मा, अवर अभियन्ता लघु सिंचाई गोपाल द्वारा 1 लाख 88 हजार 25 रुपये के सरकारी धन का गबन किया. इस ग्राम पंचायत में भी पंचायत भवन का निर्माण मानक अनुरूप न कराकर 10 लाख 38 हजार 25 रुपये व्यय कर दिए गए. जांच कराने पर उक्त पंचायत की निर्माण लागत साढ़े आठ लाख ही पाई गई. जिलाधिकारी ने निवर्तमान ग्राम प्रधान सहित ग्राम विकास अधिकारी व अवर अभियन्ता से समानुपातिक रूप से 62 हजार 675 रूपए वसूलने के आदेश दिए हैं.

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डीएम ने बताया कि ग्राम पंचायत खिरई खिरवा विकासखण्ड झंझरी के निवर्तमान ग्राम प्रधान धनीराम द्वारा तत्कालीन ग्राम विकास अधिकारी विष्णु प्रजापति, अवर अभियन्ता अंगद सिंह कुशवाहा तथा सहायक विकास अधिकारी झंझरी हेमचंद यादव के साथ मिलकर 2 लाख 98 हजार 450 रुपये का गबन किया गया. उन्होंने बताया कि ग्राम पंचायत में बन रहे पंचायत भवन में बिना नींव खुदाई के ही कार्य शुरू करा दिया गया. नींव की चिनाई का कार्य नहीं कराया गया तथा बीम भी नहीं डाली गई. जबकि कार्य के सापेक्ष 3 लाख 93 हजार 450 रुपये का भुगतान कर दिया गया. जांच में कार्य की कुल लागत मात्र 95 हजार रुपये ही पाई गई. इस मामले में ग्राम प्रधान धनीराम सहित तत्कालीन ग्राम विकास अधिकारी विष्णु प्रजापति, अवर अभियन्ता अंगद सिंह कुशवाहा तथा सहायक विकास अधिकारी झंझरी हेमचंद यादव से समानुपातिक रूप से 74 हजार 612 रुपये वसूली के आदेश जारी किए गए हैं.

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