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गोण्डा: डीएम के निर्देश पर स्कूलों में बनेगी पोषण वाटिका

उत्तर प्रदेश को गोण्डा जिले में जिलाधिकारी ने सभी प्राइमरी स्कूलों में अभियान चलाकर पोषण वाटिका बनाने का निर्देश दिया. इसके साथ ही उन्होंने अधिकारियों से अन्य मामलों पर भी जानकारी ली.

स्कूलों में बनेगी पोषण वाटिका
स्कूलों में बनेगी पोषण वाटिका
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Published : Nov 28, 2020, 8:50 AM IST

गोण्डा: जिलाधिकारी डॉ. नितिन बंसल ने कलेक्ट्रेन सभागार में एक बैठक का आयोजन किया. जिला पोषण समिति की बैठक में उन्होंने बेसिक शिक्षा अधिकारी, जिला कार्यक्रम अधिकारी और उद्यान विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि ऐसे सभी प्राइमरी स्कूल जहां पर आंगनबाड़ी केन्द्र, बाउन्ड्रीवाल तथा आवश्यकतानुरूप जगह उपलब्ध है, उन सभी स्कूलों में पोषण वाटिका बनवाई जाए. साथ ही इस कार्य में उद्यान विभाग का सहयोग लिया जाय. इसके अलावा पोषण मिशन के तहत गोद लिए गांवों में गोद लेने वाले अधिकारियों के जाने और पोषण की स्थिति की विस्तृत रिपोर्ट उन्हें उपलब्ध कराई जाए.

पोषण समिति की बैठक में जिला कार्यक्रम अधिकारी मनोज कुमार ने बताया कि जनपद के 753 अतिकुपोषित बच्चों को कुपोषण से मुक्त कराया गया है. साथ ही 9243 बच्चों के स्वास्थ्य में क्रमिक सुधार हुआ है. इसी प्रकार ग्राम्य विकास विभाग द्वारा 40548 कुपोषित एवं अतिकुपोषित/कुपोषित बच्चों के 9815 परिवारों को जॉब कार्ड भी प्रदान करने का काम किया गया है. खाद्य एवं रसद विभाग द्वारा कुपोषित 33 हजार 891 बच्चों के परिवारों को निशुल्क राशन मुहैया कराया गया. साथ ही अभी 6657 बच्चों को राशन दिया जाना शेष है.

बैठक में गर्भवती महिलाओं के स्वास्थ्य सुधार की समीक्षा की गई. इसके तहत जिले में 22686 गर्भवती महिलाओं के सापेक्ष 891 एनीमिक महिलाओं मे से 495 गर्भवती महिलाओं के स्वास्थ्य में सुधार कराया गया है. इसी प्रकार पंचायतीराज विभाग की ओर से 20 हजार 914 कुपोषित परिवारों के लिए शौचालय बनवाने के साथ ही 2381 आंगनबाड़ी केन्द्रों पर शुद्ध पेयजल की व्यवस्था सुनिश्चित कराई गई है. वजन माप के लिए 3095 आंगनबाड़ी केन्द्रों पर 3095 स्टेडियोमीटर, 3095 इंफेन्टोमीटर, 3095 इंफेन्ट वेईंग स्केल तथा 1935 के सापेक्ष 1160 मदर एण्ड चाईल्ड वेईंग स्केल की उपलब्धता सुनिश्चित कराई गई है.

प्राथमिक स्कूलों में बनेगी पोषण वाटिका

बैठक में जिलाधिकारी ने पोषण वाटिका बनाए जाने के लिए बाउन्ड्रीवाल वाले स्कूलों की भी समीक्षा की. डीपीओ द्वारा बताया गया कि जिले में 1106 ऐसे स्कूल हैं, जहां पर बाउन्ड्रीवाल बनी हुई है. इनमें से 804 स्कूलों में आंगनबाड़ी केन्द्र संचालित हैं. उन्होंने बताया कि 63 स्कूलों में पोषण वाटिका संचालित है, जबकि 580 स्कूलों में किचेन गार्डेन के लिए जमीन उपलब्ध है. इस पर जिलाधिकारी ने निर्देश दिए कि शीघ्र ही जमीन उपलब्धता वाले स्कूलों में किचने गार्डेन बनवाने का काम किया जाए.

आरईएस अभियंता को शीघ्र केंद्र निमार्ण करने के निर्देश

आंगनबाड़ी केन्द्रों के निर्माण की समीक्षा के दौरान जिलाधिकारी ने आंगनबाड़ी केन्द्रों के निर्माण की प्रगति से रोजाना उन्हें अवगत कराने के निर्देश दिए. साथ ही कार्यदाई संस्था आरईएस के अधिशासी अभियन्ता को सख्त निर्देश दिए कि शीघ्रातिशीघ्र जनपद में निर्माणाधीन आंगनबाड़ी केन्द्रों का निर्माण कार्य पूरा कराएं.

गोण्डा: जिलाधिकारी डॉ. नितिन बंसल ने कलेक्ट्रेन सभागार में एक बैठक का आयोजन किया. जिला पोषण समिति की बैठक में उन्होंने बेसिक शिक्षा अधिकारी, जिला कार्यक्रम अधिकारी और उद्यान विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि ऐसे सभी प्राइमरी स्कूल जहां पर आंगनबाड़ी केन्द्र, बाउन्ड्रीवाल तथा आवश्यकतानुरूप जगह उपलब्ध है, उन सभी स्कूलों में पोषण वाटिका बनवाई जाए. साथ ही इस कार्य में उद्यान विभाग का सहयोग लिया जाय. इसके अलावा पोषण मिशन के तहत गोद लिए गांवों में गोद लेने वाले अधिकारियों के जाने और पोषण की स्थिति की विस्तृत रिपोर्ट उन्हें उपलब्ध कराई जाए.

पोषण समिति की बैठक में जिला कार्यक्रम अधिकारी मनोज कुमार ने बताया कि जनपद के 753 अतिकुपोषित बच्चों को कुपोषण से मुक्त कराया गया है. साथ ही 9243 बच्चों के स्वास्थ्य में क्रमिक सुधार हुआ है. इसी प्रकार ग्राम्य विकास विभाग द्वारा 40548 कुपोषित एवं अतिकुपोषित/कुपोषित बच्चों के 9815 परिवारों को जॉब कार्ड भी प्रदान करने का काम किया गया है. खाद्य एवं रसद विभाग द्वारा कुपोषित 33 हजार 891 बच्चों के परिवारों को निशुल्क राशन मुहैया कराया गया. साथ ही अभी 6657 बच्चों को राशन दिया जाना शेष है.

बैठक में गर्भवती महिलाओं के स्वास्थ्य सुधार की समीक्षा की गई. इसके तहत जिले में 22686 गर्भवती महिलाओं के सापेक्ष 891 एनीमिक महिलाओं मे से 495 गर्भवती महिलाओं के स्वास्थ्य में सुधार कराया गया है. इसी प्रकार पंचायतीराज विभाग की ओर से 20 हजार 914 कुपोषित परिवारों के लिए शौचालय बनवाने के साथ ही 2381 आंगनबाड़ी केन्द्रों पर शुद्ध पेयजल की व्यवस्था सुनिश्चित कराई गई है. वजन माप के लिए 3095 आंगनबाड़ी केन्द्रों पर 3095 स्टेडियोमीटर, 3095 इंफेन्टोमीटर, 3095 इंफेन्ट वेईंग स्केल तथा 1935 के सापेक्ष 1160 मदर एण्ड चाईल्ड वेईंग स्केल की उपलब्धता सुनिश्चित कराई गई है.

प्राथमिक स्कूलों में बनेगी पोषण वाटिका

बैठक में जिलाधिकारी ने पोषण वाटिका बनाए जाने के लिए बाउन्ड्रीवाल वाले स्कूलों की भी समीक्षा की. डीपीओ द्वारा बताया गया कि जिले में 1106 ऐसे स्कूल हैं, जहां पर बाउन्ड्रीवाल बनी हुई है. इनमें से 804 स्कूलों में आंगनबाड़ी केन्द्र संचालित हैं. उन्होंने बताया कि 63 स्कूलों में पोषण वाटिका संचालित है, जबकि 580 स्कूलों में किचेन गार्डेन के लिए जमीन उपलब्ध है. इस पर जिलाधिकारी ने निर्देश दिए कि शीघ्र ही जमीन उपलब्धता वाले स्कूलों में किचने गार्डेन बनवाने का काम किया जाए.

आरईएस अभियंता को शीघ्र केंद्र निमार्ण करने के निर्देश

आंगनबाड़ी केन्द्रों के निर्माण की समीक्षा के दौरान जिलाधिकारी ने आंगनबाड़ी केन्द्रों के निर्माण की प्रगति से रोजाना उन्हें अवगत कराने के निर्देश दिए. साथ ही कार्यदाई संस्था आरईएस के अधिशासी अभियन्ता को सख्त निर्देश दिए कि शीघ्रातिशीघ्र जनपद में निर्माणाधीन आंगनबाड़ी केन्द्रों का निर्माण कार्य पूरा कराएं.

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