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गोंडा: एनएएसी अब शैक्षिक गुणवत्ता का अध्ययन करेगी

उत्तर प्रदेश के गोंडा में उच्चतर शिक्षा की गुणवत्ता को बेहतर बनाने के लिए विश्वविद्यालय अनुदान आयोग की स्वशासी संस्था राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद अब महाविद्यालयों और विश्वविद्यालयों के शैक्षिक गुणवत्ता का अध्ययन करेगी.

अब उच्चतर शिक्षा संस्थानों का मूल्यांकन करेगी एनएएसी.
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Published : Nov 23, 2019, 10:53 AM IST

गोंडा: खराब गुणवत्ता वाले उच्च शिक्षा संस्थानों को सहायता और लोन नहीं दिया जाएगा. जिले के दो कॉलेज जिसमें लाल बहादुर शास्त्री महाविद्यालय और आचार्य नरेंद्र देव कृषि पीजी कॉलेज सहित अवध यूनिवर्सिटी से सम्बध 600 महाविद्यालय इसके दायरे में आएंगे.

अब उच्चतर शिक्षा संस्थानों का मूल्यांकन करेगी एनएएसी.
जानें क्या है पूरा मामला-
  • खराब गुणवत्ता वाले उच्च शिक्षा संस्थानों को अब किसी तरह का लोन नहीं मिल सकेगा.
  • अवध यूनिवर्सिटी से सम्बंध रखने वाले 600 महाविद्यालय अब इसके दायरे में आएंगे.
  • लाल बहादुर शास्त्री और आचार्य नरेंद्र देव कृषि पीजी कॉलेज का भी नाम शामिल किया गया है.
  • आने वाले 2022 तक सभी उच्च शिक्षा संस्थानों पर यह व्यवस्था लागू हो जाएगी.
  • उच्च शिक्षा में यह व्यवस्था लागू होने पर शैक्षिक गुणवत्ता में काफी सुधार होने की संभावनाएं हैं.

देश में उच्च शिक्षा का बढ़ावा जरूर मिला, लेकिन उसके गुणवत्ता को बढ़ावा नहीं मिल सका. देश में मुहिम चल रही है कि हमें उच्च शिक्षा की गुणवतता को बढ़ाना है. तमाम विदेशी शैक्षिक संस्थान जल्द ही देश में दस्तक देने वाले हैं. ऐसे में उनकी तुलना में हम पिछड़ जाएंगे. अगर 2022 तक एनएएसी के इन मानदंडों को जो कॉलेज नहीं फॉलो करेंगे उनको यूजीसी ग्रांट और लोन नहीं मिलेगा.
प्रोफेसर राजीव अग्रवाल, लाल बहादुर शास्त्री डिग्री कॉलेज

गोंडा: खराब गुणवत्ता वाले उच्च शिक्षा संस्थानों को सहायता और लोन नहीं दिया जाएगा. जिले के दो कॉलेज जिसमें लाल बहादुर शास्त्री महाविद्यालय और आचार्य नरेंद्र देव कृषि पीजी कॉलेज सहित अवध यूनिवर्सिटी से सम्बध 600 महाविद्यालय इसके दायरे में आएंगे.

अब उच्चतर शिक्षा संस्थानों का मूल्यांकन करेगी एनएएसी.
जानें क्या है पूरा मामला-
  • खराब गुणवत्ता वाले उच्च शिक्षा संस्थानों को अब किसी तरह का लोन नहीं मिल सकेगा.
  • अवध यूनिवर्सिटी से सम्बंध रखने वाले 600 महाविद्यालय अब इसके दायरे में आएंगे.
  • लाल बहादुर शास्त्री और आचार्य नरेंद्र देव कृषि पीजी कॉलेज का भी नाम शामिल किया गया है.
  • आने वाले 2022 तक सभी उच्च शिक्षा संस्थानों पर यह व्यवस्था लागू हो जाएगी.
  • उच्च शिक्षा में यह व्यवस्था लागू होने पर शैक्षिक गुणवत्ता में काफी सुधार होने की संभावनाएं हैं.

देश में उच्च शिक्षा का बढ़ावा जरूर मिला, लेकिन उसके गुणवत्ता को बढ़ावा नहीं मिल सका. देश में मुहिम चल रही है कि हमें उच्च शिक्षा की गुणवतता को बढ़ाना है. तमाम विदेशी शैक्षिक संस्थान जल्द ही देश में दस्तक देने वाले हैं. ऐसे में उनकी तुलना में हम पिछड़ जाएंगे. अगर 2022 तक एनएएसी के इन मानदंडों को जो कॉलेज नहीं फॉलो करेंगे उनको यूजीसी ग्रांट और लोन नहीं मिलेगा.
प्रोफेसर राजीव अग्रवाल, लाल बहादुर शास्त्री डिग्री कॉलेज

Intro:उच्चतर शिक्षा की गुणवत्ता को बेहतर बनाने के लिए विश्वविद्यालय अनुदान आयोग की स्वशासी संस्था राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद(एन ए ए सी) महाविद्यालयों, विश्वविद्यालयों के शैक्षिक गुणवत्ता का अध्ययन करेगी। खराब गुणवत्ता वाले उच्च शिक्षा संस्थानों को सहायता व लोन नहीं दिया जाएगा। जिले के दो कालेज जिसमें लाल बहादुर शास्त्री महाविद्यालय व आचार्य नरेंद्र देव कृषि पीजी कालेज सहित अवध यूनिवर्सिटी से सम्बध 600 महाविद्यालय इसके दायरे में आएंगे।




Body:विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने विदेशों में हाई एजुकेशन शिक्षा पद्धति को अपने यहाँ अपनाने के लिए एन ए ए सी के माध्यम से उच्च महाविद्यालय का मूल्यांकन कराने जा रही है। अभी तक यूजीसी उच्च शिक्षा संस्थानों की ग्रेडिंग करती थी। ग्रेडिंग में ए श्रेणी पाने संस्थानों में प्रवेश के लिए महामारी मच जाती थी ऐसे में अब एन ए ए सी के माध्यम से सभी स्वपोषित व सहायता प्राप्त महाविद्यालयों का सिर्फ मूल्यांकन कराया जाएगा। जिसमें यह देखा जाएगा कि महाविद्यालय की शिक्षा गुणवत्ता सहित अन्य संसाधन अगर उसके दायरे में आते हैं तो उन्हें ग्रांट या लोन का लाभ मिलेगा अन्यथा की परिस्थिति में वह इस दायरे के बाहर हो जाएंगे। 2022 तक सभी उच्च शिक्षा संस्थानों पर यह व्यवस्था लागू हो जाएगी। बताया जाता है कि उच्च शिक्षा में यह व्यवस्था लागू होने पर शैक्षिक गुणवत्ता काफी सुधार होने की संभावनाएं हैं।


Conclusion:लाल बहादुर शास्त्री महाविद्यालय के वाणिज्य विभाग के प्रोफेसर राजीव अग्रवाल ने बताया कि देश में उच्च शिक्षा का बढ़ावा जरूर मिला लेकिन उसके गुणवत्ता को बढ़ावा नहीं मिल सका। देश मे मुहिम चल रही है कि हमें उच्च शिक्षा की गुणवतता को बढ़ाना है। तमाम विदेशी शैक्षिक संस्थान जल्द ही देश में दस्तक देने वाले हैं ऐसे में उनकी तुलना में हम पिछड़ जाएंगे। अंतराष्ट्रीय स्तर की तुलना में यूजीसी ने एक संस्था बनाई है जो उसी स्तर का शिक्षा का मानदंड यहाँ के विद्यालयों में स्थापित करेगा। जो भी 2022 तक एन ए ए सी के इन मानदंडों को नहीं फॉलो करेगा उनको यूजीसी ग्रांट नहीं देगी या लोन उनको नहीं मिलेगा।

बाईट- राजीव अग्रवाल(प्रोफेसर, लाल बहादुर शास्त्री डिग्री कालेज)
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