गोंडा : यूपी के गोंडा जिले में बसपा के पूर्व विधायक रमेश गौतम व पूर्व लोकसभा प्रत्याशी मसूद आलम खां के निष्कासन के बाद पार्टी में घमासान मच गया. पूर्व विधायक के निष्कासन के विरोध में पार्टी के 95 पदाधिकारियों व सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने बसपा से इस्तीफा दे दिया है. इसके बाद बसपा में हड़कंप मच गया है. वहीं निष्कासन के बाद दोनों नेताओं ने प्रेस कांफ्रेंस कर अपनी बात रखी और कहा कि साजिश के तहत उन दोनों लोगों को पार्टी से निकाला गया.
पूर्व विधायक रमेश गौतम ने बसपा को किसान विरोधी पार्टी बताते हुए कहा कि किसान आंदोलन का समर्थन करने और किसानों के साथ उपवास पर बैठने के चलते उन्हें पार्टी से निष्कासित किया गया. पूर्व विधायक ने कहा कि वह पिछले 30 वर्षों से बसपा के सक्रिय सदस्य रहे लेकिन कभी भी उन्होंने पार्टीलाइन के खिलाफ जाकर काम नहीं किया. अनुशासनहीनता व पार्टी विरोधी गतिविधियों में लिप्त होने का आरोप लगाए जाने से वह बेहद आहत हैं. पूर्व विधायक ने कहा कि पार्टी का को-आर्डिनेटर घनश्याम चंद्र खरवार दलाली कर रहा है और वह पूरी पार्टी को खत्म कर देना चाहता है.
'किसान विरोधी है बसपा'
वहीं पूर्व ब्लॉक प्रमुख व लोकसभा प्रत्याशी रहे मसूद आलम खां ने भी बसपा पर किसान विरोधी होने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि किसानों के आंदोलन का समर्थन करने पर उन्हें यह दंड मिला है. लेकिन वह आगे भी गरीबों, पीड़ितों व किसानों की लड़ाई लड़ते रहेंगे. वहीं इन दोनों नेताओं के समर्थन में पार्टी के जिलाध्यक्ष को छोड़कर बसपा की पूरी जिला यूनिट समेत सैकड़ों की संख्या में कार्यकर्ताओं ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया. इसके अलावा कटरा विधानसभा व मनकापुर विधानसभा की पूरी इकाई ने भी पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है.