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गोंडा: सैकड़ों परिवार रहते हैं मौत की गोद में, घरों के ऊपर से गुजरी हाईटेंशन लाइन - उत्तर प्रदेश समाचार

यूपी के गोंडा जिले में कई घरों के ऊपर से 33 हजार केवी की विद्युत लाइन गुजरी है, जिसकी वजह से लोग दहशत में जीने को मजबूर हैं. लोगों का कहना है, इस बात की जानकारी अधिकारियों को दी गई, लेकिन समस्या का अभी तक कोई समाधान नहीं निकला.

घरों के ऊपर से गुजरी हाईटेंशन लाइन.
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Published : Aug 4, 2019, 11:29 AM IST

गोंडा: मुख्यालय के विनियमित क्षेत्र की ग्राम पंचायत जानकीनगर जहां करीब 24 घरों के सैकड़ों परिवार मौत के साए में रह रहे हैं. अब तक विद्युत लाइन की चपेट में आने से बीते 2 वर्षों में करीब 6 मजदूर झुलस चुके हैं.

घरों के ऊपर से गुजरी हाईटेंशन लाइन.

33000 केवी की विद्युत लाइन बनी मौत का साया
30 वर्ष पूर्व डीजल डिपो के लिए 33000 केवी की विद्युत लाइन इस विनियमित क्षेत्र में बनाई गई थी. उस समय यह क्षेत्र खाली था, लेकिन समय के साथ आबादी बढ़ी तो यहां पूरा नगर बस गया. अब करीब दो दर्जन घरों के ऊपर से एचटी तारों के कारण सैकड़ों जिंदगियां मौत के साये में रहने को मजबूर हैं. इस मामले पर अधिशासी अभियंता ने कहा कि विभाग इन परिवारों को नोटिस भेज रहा है कि बिना विद्युत विभाग के एनओसी के यह घर इन्होंने कैसे बनवाया. इसके अलावा विद्युत तारों को अंडरग्राउंड करने का प्रस्ताव भी शासन को भेजा गया है.

एचटी लाइन मकान की छत से कुछ ही ऊपर से गुजरती है
जिला मुख्यालय से महज तीन किलोमीटर की दूरी पर ही विद्युत विभाग द्वारा विगत करीब 30 वर्ष पूर्व डीजल डिपो के लिए 33000 केबी की विद्युत लाइन विनियमित क्षेत्र की ग्राम पंचायत जानकीनगर से बनाई गई थी. विभाग ने जब इन लाइनों का निर्माण किया था, उस समय यह क्षेत्र खाली पड़ा था. जब आबादी बढ़ी तो जलाली बाबा शाह मजार के दक्षिणी सिरे पर सड़क के उस पार एक पूरा नगर बस गया. यह नगर जानकी नगर ग्राम पंचायत में आने के साथ-साथ नगर पालिका के विनियमित क्षेत्र का हिस्सा भी है. हालत यह है की 33000 हाईटेंशन लाइन के नीचे लोगों ने अपने दो मंजिल, तीन मंजिल मकान बनवा लिए, अब करीब दो दर्जन घरों के ऊपर से एचटी लाइनों का तार छत से महज 2 मीटर ऊपर से गुजरता है.

1 साल पहले कई हादसे हो चुके
विगत 1 वर्ष पूर्व एक घर में काम कर रहे मजदूर का फोन आ गया तो वह मोबाइल लेकर छत पर चला गया, उसे इस अनहोनी की जानकारी नहीं थी और मोबाइल की तरंगों के कारण वह विद्युत लाइन की चपेट में आकर झुलस गया. यही नहीं भूल वश छत पर चढ़ने के कारण चार अन्य मजदूर झुलस कर अपनी जिंदगी बर्बाद कर चुके हैं. स्थानीय लोग विद्युत लाइन को हटवाने के लिए विभाग का चक्कर लगा रहे हैं. विभाग के जिम्मेदार अधिकारियों द्वारा इन्हें सिर्फ आश्वासन की घुट्टी पिलाई जाती है. कारण कुछ भी हो, लेकिन किसी दिन भीषण दुर्घटना से इंकार नहीं किया जा सकता है. अगर पहले ही विनियमित क्षेत्र के जिम्मेदारों ने मौका देख कर नक्शा पास किया होता तो शायद आज इन परिवारों को मौत के साए में न रहना पड़ता.

इन मकानों का निर्माण हुए करीब 20 साल हो गए
इन मकानों का निर्माण हुए करीब 20 साल बीत गए, मकान बनने के बाद से लोग एचटी लाइन को हटाने की पैरवी कर रहे हैं. एक बात तय है कि यदि समय रहते विभाग ने कोई समाधान न निकाला तो किसी दिन जिले में तबाही का मंजर आ सकता है.

बिजली विभाग इन परिवारों को नोटिस भेज रहा है कि बिना विद्युत विभाग के एनओसी के यह घर इन्होंने कैसे बनवाया. इसके अलावा विद्युत तारों को अंडरग्राउंड करने का प्रस्ताव भी शासन को भेजा गया है. अगर वह स्वीकृत हो जाता है तो तारों को अंडर ग्राउंड कर दिया जाएगा.
-अशोक यादव, अधिशासी अभियंता

गोंडा: मुख्यालय के विनियमित क्षेत्र की ग्राम पंचायत जानकीनगर जहां करीब 24 घरों के सैकड़ों परिवार मौत के साए में रह रहे हैं. अब तक विद्युत लाइन की चपेट में आने से बीते 2 वर्षों में करीब 6 मजदूर झुलस चुके हैं.

घरों के ऊपर से गुजरी हाईटेंशन लाइन.

33000 केवी की विद्युत लाइन बनी मौत का साया
30 वर्ष पूर्व डीजल डिपो के लिए 33000 केवी की विद्युत लाइन इस विनियमित क्षेत्र में बनाई गई थी. उस समय यह क्षेत्र खाली था, लेकिन समय के साथ आबादी बढ़ी तो यहां पूरा नगर बस गया. अब करीब दो दर्जन घरों के ऊपर से एचटी तारों के कारण सैकड़ों जिंदगियां मौत के साये में रहने को मजबूर हैं. इस मामले पर अधिशासी अभियंता ने कहा कि विभाग इन परिवारों को नोटिस भेज रहा है कि बिना विद्युत विभाग के एनओसी के यह घर इन्होंने कैसे बनवाया. इसके अलावा विद्युत तारों को अंडरग्राउंड करने का प्रस्ताव भी शासन को भेजा गया है.

एचटी लाइन मकान की छत से कुछ ही ऊपर से गुजरती है
जिला मुख्यालय से महज तीन किलोमीटर की दूरी पर ही विद्युत विभाग द्वारा विगत करीब 30 वर्ष पूर्व डीजल डिपो के लिए 33000 केबी की विद्युत लाइन विनियमित क्षेत्र की ग्राम पंचायत जानकीनगर से बनाई गई थी. विभाग ने जब इन लाइनों का निर्माण किया था, उस समय यह क्षेत्र खाली पड़ा था. जब आबादी बढ़ी तो जलाली बाबा शाह मजार के दक्षिणी सिरे पर सड़क के उस पार एक पूरा नगर बस गया. यह नगर जानकी नगर ग्राम पंचायत में आने के साथ-साथ नगर पालिका के विनियमित क्षेत्र का हिस्सा भी है. हालत यह है की 33000 हाईटेंशन लाइन के नीचे लोगों ने अपने दो मंजिल, तीन मंजिल मकान बनवा लिए, अब करीब दो दर्जन घरों के ऊपर से एचटी लाइनों का तार छत से महज 2 मीटर ऊपर से गुजरता है.

1 साल पहले कई हादसे हो चुके
विगत 1 वर्ष पूर्व एक घर में काम कर रहे मजदूर का फोन आ गया तो वह मोबाइल लेकर छत पर चला गया, उसे इस अनहोनी की जानकारी नहीं थी और मोबाइल की तरंगों के कारण वह विद्युत लाइन की चपेट में आकर झुलस गया. यही नहीं भूल वश छत पर चढ़ने के कारण चार अन्य मजदूर झुलस कर अपनी जिंदगी बर्बाद कर चुके हैं. स्थानीय लोग विद्युत लाइन को हटवाने के लिए विभाग का चक्कर लगा रहे हैं. विभाग के जिम्मेदार अधिकारियों द्वारा इन्हें सिर्फ आश्वासन की घुट्टी पिलाई जाती है. कारण कुछ भी हो, लेकिन किसी दिन भीषण दुर्घटना से इंकार नहीं किया जा सकता है. अगर पहले ही विनियमित क्षेत्र के जिम्मेदारों ने मौका देख कर नक्शा पास किया होता तो शायद आज इन परिवारों को मौत के साए में न रहना पड़ता.

इन मकानों का निर्माण हुए करीब 20 साल हो गए
इन मकानों का निर्माण हुए करीब 20 साल बीत गए, मकान बनने के बाद से लोग एचटी लाइन को हटाने की पैरवी कर रहे हैं. एक बात तय है कि यदि समय रहते विभाग ने कोई समाधान न निकाला तो किसी दिन जिले में तबाही का मंजर आ सकता है.

बिजली विभाग इन परिवारों को नोटिस भेज रहा है कि बिना विद्युत विभाग के एनओसी के यह घर इन्होंने कैसे बनवाया. इसके अलावा विद्युत तारों को अंडरग्राउंड करने का प्रस्ताव भी शासन को भेजा गया है. अगर वह स्वीकृत हो जाता है तो तारों को अंडर ग्राउंड कर दिया जाएगा.
-अशोक यादव, अधिशासी अभियंता

Intro:मुख्यालय के विनियमित क्षेत्र की ग्राम पंचायत जानकीनगर जहां करीब दो दर्जन घरों के सैकड़ो परिवार मौत के साए में रह रहे हैं। अब तक विद्युत की चपेट में आने से बीते 2 वर्षों में करीब आधा दर्जन मजदूर विद्युत की चपेट में आने से झुलस कर अपनी जिंदगी बर्बाद कर चुके हैं। बता दें 30 वर्ष पूर्व डीजल डिपो के लिए 33000 केवी की विद्युत लाइन इस विनियमित क्षेत्र में बनाई गई थी उस समय यह क्षेत्र खाली था लेकिन समय के साथ आबादी बढ़ी तो यहाँ पूरा नगर बस गया। अब करीब दो दर्जन घरों के ऊपर से एचटी तारो के कारण सैकड़ो जिंदगिया मौत के साये में रहने को मजबूर हैं। इस मामले पर अधिशासी अभियंता ने कहा कि विभाग इन परिवारों को नोटिस भेज रहा है कि बिना विद्युत विभाग के एनओसी के यह घर इन्होंने कैसे बनवाया। इसके अलावा विद्युत तारो को अंडरग्राउंड करने का प्रस्ताव भी शासन को भेजा गया है।

Body:जिला मुख्यालय से महज तीन किलोमीटर की दूरी पर ही विद्युत विभाग द्वारा विगत करीब 30 वर्ष पूर्व डीजल डिपो के लिए 33000 केबी की विद्युत लाइन विनियमित क्षेत्र की ग्राम पंचायत जानकीनगर से बनाई गई थी। बता दें कि विभाग ने जब इन लाइनों का निर्माण किया था उस समय यह क्षेत्र खाली पड़ा था। जब आबादी बढ़ी तो जलाली बाबा शाह मजार के दक्षिणी सिरे पर सड़क के उस पार एक पूरा नगर बस गया। यह नगर जानकी नगर ग्राम पंचायत में आने के साथ साथ नगर पालिका के विनियमित क्षेत्र का हिस्सा भी है। हालत यह है की 33000 हाईटेंशन लाइन के नीचे लोगों ने अपने दो मंजिला तीन मंजिला मकान बनवा लिए अब करीब दो दर्जन घरों के ऊपर से एचटी लाइनों का तार छत से महज 2 मीटर ऊपर से गुजरता है। विगत 1 वर्ष पूर्व एक घर में काम कर रहे मजदूर का फोन आ गया तो वह मोबाइल लेकर छत पर चला गया उसे इस अनहोनी की जानकारी नहीं थी और मोबाइल की तरंगे के कारण वह विद्युत की चपेट में आकर झुलस गया। यही नहीं भूल वश छत पर चढ़ने के कारण चार अन्य मजदूर झुलस कर अपनी जिंदगी बर्बाद कर चुके हैं, अब स्थानीय लोग विद्युत लाइन को हटवाने के लिए विभाग का चक्कर लगा रहे। विभाग के जिम्मेदार अधिकारियों द्वारा इन्हें सिर्फ आश्वासन की घुट्टी पिलाई जाती है। कारण कुछ भी हो लेकिन किसी दिन भीषण दुर्घटना से इंकार नहीं किया जा सकता है। अगर पहले ही विनियमित क्षेत्र के जिम्मेदारों ने मौका देख कर नक्शा पास किया होता तो शायद आज इन परिवारों को मौत के साए में ना रहना पड़ता। इन मकानों का निर्माण हुए करीब 20 बरस बीत गए, मकान बनने के बाद से लोग एचटी लाइन को हटाने की पैरवी कर रहे हैं। हालाकी जिन लोगों ने एच टी लाइन के नीचे मकान का निर्माण करा लिया है। बता दें कि समय के रहते यदि विभाग ने कोई समाधान ना निकाला तो किसी दिन जिले में तबाही का मंजर आ सकता है। Conclusion:इस संबंध में अधिशासी अभियंता अशोक यादव ने बताया कि विभाग इन परिवारों को नोटिस भेज रहा है कि बिना विद्युत विभाग के एनओसी के यह घर इन्होंने कैसे बनवाया। इसके अलावा विद्युत तारो को अंडरग्राउंड करने का प्रस्ताव भी शासन को भेजा गया है अगर वह स्वीकृत हो जाता है तो तारो को अंडर ग्राउंड कर दिया जाएगा।

बाईट- संतोषी शुक्ला(पीड़ित)
बाईट- अंकित श्रीवास्तव(पीड़ित)
बाईट- अशोक यादव(अधिशासी अभियंता)
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