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गोंडा: गंदगी का घर बना जिला अस्पताल, संक्रमण का खतरा बढ़ा

उत्तर प्रदेश के गोण्डा जिला अस्पताल में मेडिकल वेस्ट को अस्पताल परिसर ही में फेंका जा रहा है, जिससे अस्पताल में आने-जाने वाले मरीजों और तीमारदारों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.

जिला अस्पताल के बाहर लगा गंदगी की अंबार.
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Published : Jul 30, 2019, 7:37 PM IST

गोण्डा: एक तरफ जहां सरकार स्वच्छता के प्रति लोगों को जागरूक कर रही है. वहीं जिला चिकित्सालय में अस्पताल से निकलने वाला कचरा अस्पताल परिसर में ही फेंका जा रहा है. बारिश में कूड़ा सड़ने से और भी भयावह स्थिति हो गई है, जिससे पनपने वाले मच्छरों से आने-जाने वाले मरीजों और लोगों पर संक्रामक बीमारियों का खतरा बढ़ रहा है. इन सबके बावजूद अस्पताल प्रशासन मौन है.

जिला अस्पताल के बाहर लगा गंदगी की अंबार.

जिला अस्पताल में संक्रमण का बढ़ा खतरा-

  • मामला जिले के बाबू ईश्वर शरण जिला चिकित्सालय का है.
  • अस्पताल में एनजीटी के आदेशों की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं.
  • अस्पताल के ड्रग वेयर हाउस के बगल में ही कचरा फेंका जा रहा है.
  • कई महीनों से कचरें का निस्तारण नहीं किया गया है.
  • बारिश के चलते स्तिथि और भी भयावह हो गई है.
  • परिसर के आसपास टहलना मुश्किल हो गया है.
  • मच्छरों से संक्रमण बीमारियों का खतरा बढ़ रहा है.
  • आने-जाने वाले मरीजों और लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.

स्पेक्ट्रम बायो मेडिकल कंपनी को मेडिकल वेस्ट के निस्तारण का जिम्मा सौंपा गया है. इसके अंतर्गत 48 घंटे के अंदर वेस्ट का निस्तारण किया जाना है. अगर नहीं किया गया तो इस पर कार्रवाई की जाएगी.
रतन कुमार, अपर स्वास्थ्य निदेशक

गोण्डा: एक तरफ जहां सरकार स्वच्छता के प्रति लोगों को जागरूक कर रही है. वहीं जिला चिकित्सालय में अस्पताल से निकलने वाला कचरा अस्पताल परिसर में ही फेंका जा रहा है. बारिश में कूड़ा सड़ने से और भी भयावह स्थिति हो गई है, जिससे पनपने वाले मच्छरों से आने-जाने वाले मरीजों और लोगों पर संक्रामक बीमारियों का खतरा बढ़ रहा है. इन सबके बावजूद अस्पताल प्रशासन मौन है.

जिला अस्पताल के बाहर लगा गंदगी की अंबार.

जिला अस्पताल में संक्रमण का बढ़ा खतरा-

  • मामला जिले के बाबू ईश्वर शरण जिला चिकित्सालय का है.
  • अस्पताल में एनजीटी के आदेशों की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं.
  • अस्पताल के ड्रग वेयर हाउस के बगल में ही कचरा फेंका जा रहा है.
  • कई महीनों से कचरें का निस्तारण नहीं किया गया है.
  • बारिश के चलते स्तिथि और भी भयावह हो गई है.
  • परिसर के आसपास टहलना मुश्किल हो गया है.
  • मच्छरों से संक्रमण बीमारियों का खतरा बढ़ रहा है.
  • आने-जाने वाले मरीजों और लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.

स्पेक्ट्रम बायो मेडिकल कंपनी को मेडिकल वेस्ट के निस्तारण का जिम्मा सौंपा गया है. इसके अंतर्गत 48 घंटे के अंदर वेस्ट का निस्तारण किया जाना है. अगर नहीं किया गया तो इस पर कार्रवाई की जाएगी.
रतन कुमार, अपर स्वास्थ्य निदेशक

Intro:गोण्डा जिले के बाबू ईश्वर शरण जिला चिकित्सालय में एनजीटी के आदेशों को ताक पर रख कर अस्पताल से निकलने वाले मेडिकल वेस्ट को परिसर में ही खुले रूप में फेंका जा रहा है। जिससे अस्पताल आने वाले मरीजों व अन्य लोगों पर भी खतरनाक रोगों का खतरा बना हुआ है। बारिश में कूडो के सड़ने से यह और भी भयावह हो गया है। इससे पनपने वाले मच्छर मख्खियां तमाम प्रकार की बीमारियां भी पैदा कर रहे हैं। इस बाबत अस्पताल प्रशासन पूरी तरह से मौन है।


Body:एक तरफ सरकार जापानी इंसेफेलाइटिस व एक्यूट इंसेफेलाइटिस जैसे बीमारियों से बचने के लिए गांवों में तमाम कार्यक्रम व योजनाएं चलाकर लोगों को स्वच्छता के प्रति जागरूक कर रही है। वहीं जिला अस्पताल जो अब कुछ ही दिनों में मेडिकल कालेज बनने वाला है उसका वेस्ट मैनेजमेंट ही उसकी पोल खोल दे रहा है। बता दें अस्पताल परिसर के ड्रग वेयर हाउस के बगल में मेडिकल वेस्ट फेंका जा रहा है। उन कचरों का निस्तारण महीनों से नहीं हुआ है ऐसे में वहाँ इतनी ज्यादा गंदगी हो गयी है कि बदबू के कारण वहां आस पास फटकना भी मुश्किल हो जाता है। साथ ही साथ गंदगी में मच्छर, मख्खियों के ज्यादा होने से अस्पताल ही बीमारियों का घर बना हुआ है। ऐसे में अगर ऐसा ही चलता रहा तो अन्य रोगों के मरीज अस्पताल आ कर मलेरिया, चिकनगुनिया, जेई इत्यादि के शिकार हो जाएंगे। साथ ही एनजीटी व सुप्रीम कोर्ट ने भी मेडिकल वेस्ट को खुले में फेंकने पर रोक लगाई है ऐसे में खुले में कूडे फेककर अस्पताल प्रशासन एनजीटी के आदेश की भी अवहेलना कर रही है। जहाँ शासन द्वारा भी जेई, ए ई एस, मलेरिया, चिकनगुनिया इत्यादि से बचाव के लिए जिले में एक मंडल कार्यशाला का भी आयोजन किया गया था जिसमें सरकार की इन रोगों के रोकथाम के लिए योजनाओं का काफी जिक्र व सरहाना की गई। लेकिन गांवों में इन रोगों के रोकथाम की बात क्या की जाए। यहां जिला अस्पताल ही बीमारियों के अड्डे में तब्दील होता नजर आ रहा है।


Conclusion:इस बाबत जब हमने अपर स्वास्थ्य निदेशक रतन कुमार से पूछा तो उन्होंने बताया कि स्पेक्ट्रम बायो मेडिकल कंपनी को मेडिकल वेस्ट के निस्तारण का जिम्मा सौंपा गया है। इसमें 48 घंटे के अंदर वेस्ट का निस्तारण किया जाना है अगर यह नहीं हो रहा है तो इस पर कार्रवाई की जाएगी। बाईट- रतन कुमार(अपर निदेशक स्वास्थ्य, देवीपाटन मंडल)
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