गोण्डा: भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेताओं में शामिल गोण्डा के पूर्व सांसद और राष्ट्रीय पदों पर रह चुके सत्यदेव सिंह का निधन हो गया है. उन्हें तबीयत खराब होने के कारण मेदांता अस्पताल में भर्ती कराया गया था. बुधवार रात उन्होंने अंतिम सांस ली. उनके निधन की खबर मिलते ही गोण्डा जिले में शोक छा गया.
गोण्डा जिले में ही नहीं, बल्कि देवीपाटन मंडल में भाजपा के सिरमौर कहे जाने वाले सत्यदेव सिंह युवा मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष के साथ-साथ भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष समेत कई महत्वपूर्ण पदों पर रह चुके थे. अपनी सादगी और पारदर्शी राजनीति के कारण सत्यदेव सिंह पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की कोर कमेटी में शामिल थे. निर्विवाद राजनीतिज्ञ के रूप में उन्होंने 1977 में गोण्डा से सांसद का चुनाव लड़ा और जीते. राम मंदिर आन्दोलन में भी देवीपाटन मंडल से उनकी महत्वपूर्ण भूमिका रही.
लालकृष्ण आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी के करीबियों में से एक सत्यदेव सिंह भी थे. कुछ दिनों पहले स्वास्थ्य खराब होने के कारण उन्हें मेदांता अस्पातल में भर्ती कराया गया था. दुखद यह कि इसी माह उनकी पत्नी का निधन भी हुआ था. इसके बाद से वे सदमे में रहे. सत्यदेव सिंह के निधन से भाजपा को अपूर्णीय क्षति हुई है. उनके निधन पर भाजपा जिलाध्यक्ष सूर्य नारायन तिवारी ने गहरा शोक व्यक्त किया है. गुरुवार सुबह गोण्डा स्थित उनके आवास पर मंडल के भाजपा पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं का आना शुरू हो गया.
सत्यदेव सिंह 1977 में पहली बार गोण्डा लोकसभा क्षेत्र से भारतीय लोकदल के टिकट पर सांसद चुने गए थे. 1991 और 1996 में भारतीय जनता पार्टी के सदस्य के रूप में बलरामपुर संसदीय सीट से लोकसभा के लिए चुने गए. 1980 से 1985 तक भारतीय जनता युवा मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष भी रहे. वर्तमान में लाल बहादुर शास्त्री कॉलेज में प्रबन्ध समिति के उपाध्यक्ष भी थे. भाजपा केंद्रीय अनुशासन समिति के सदस्य भी थे. सत्यदेव सिंह, अटल बिहारी और आरएसएस समेत कई बड़े नेताओं के करीबी थे.