गोंडा: सोमवार को जिला मुख्यालय के झंझरी विकासखंड के ग्राम पंचायत हारिपुर के परिषदीय विद्यालय में जिलाधिकारी ने बैठक की. इस बैठक में जिलाधिकारी ने सातवी आर्थिक गणना का शुभारंभ किया. इस आर्थिक गणना के जरिए गांव के प्रत्येक परिवार के आर्थिक गतिविधियों तथा उद्यम की जानकारी डिजिटल डेटा के माध्यम से जुटाई जाएगी.
ऐप द्वारा की जाएगी जनगणना
जिलाधिकारी ने बताया कि इसके लिए एक विशेष ऐप विकसित किया गया है, जिसका नाम इकोनॉमी सेंसेक्स 7.0 है. इस ऐप के माध्यम से सारे डेटा को इकठ्ठा किया जाएगा. आर्थिक गणना का मुख्य उद्देश्य गांव की आर्थिक गतिविधियों की पड़ताल करने के साथ-साथ निर्बल एवं असहाय लोगों को भी इस डिजिटल डेटा के माध्यम से आसानी से चिन्हित किया जा सकेगा.
सातवीं आर्थिक जनगणना की शुरुवात
- जिले में 16 विकासखंड के 1821 राजस्व गांवों में सातवीं आर्थिक गणना की शुरुआत हो चुकी है.
- गणना की निगरानी के लिए वीएलई को सुपरवाइजर नामित किया गया है.
- विलेज लेवल इलिमनेटर आर्थिक गणना में प्रगणकों की निगरानी डिजिटल माध्यम से करेंगे.
- कॉमन सर्विस सेंटर के संचालक विलेज लेवल एलिमनेटर की तैनाती करेंगे. इसके लिए इन्हें प्रशिक्षित भी किया गया है.
- शुरुआती दौर में वीएलई द्वारा कलेक्ट डेटा को सीएससी को भेजा जाएगा.
- इसकी मॉनिटरिंग के लिए अपर सांख्यिकी अधिकारी, एनएसएसओ तथा जिला उद्योग केंद्र के उपायुक्त नामित किये गए हैं.
- खास तौर से गांवों में लगे उद्यम की विशेष गणना की जाएगी, जिसमें कृषि शामिल नहीं है.
जिलाधिकारी ने दी जानकारी
जिलाधिकारी डॉ. नितिन बंसल ने बताया कि यह सातवां आर्थिक सर्वेक्षण है. यह पूरे प्रदेश में कराया जा रहा है. गोंडा में भी सोमवार से शुरुआत हो गई है. इसमें हमारे जितने भी वीएलई हैं, इनको सुपरवाइजर बनाते हुए इनसे टैब के बेसिस पर इनसे डिजिटल डाटा इकट्ठा करवाया जाएगा. इसमें कोई भी मैनुअल डाटा इकट्ठा नहीं किया जाएगा. इसमें हाउसहोल्ड में मुखिया का नाम, उसके कितने सदस्य हैं, उसमें कितनी आर्थिक गतिविधि हो रही है, इन सबकी गणना होगी. साढ़े तीन महीने में यह गणना पूरी की जानी है.