गोण्डा: जिले में कजरी तीज के पर्व पर सावन माह से कई गुना ज्यादा श्रद्धालु जलाभिषेक करते हैं. लाखों की संख्या में कांवड़िया सरयू नदी से जल लेते हैं और 45 किलोमीटर की दूरी पैदल तय करके दुखहरण नाथ मंदिर और पृथ्वीनाथ मंदिर में जलाभिषेक करते हैं. कजरी तीज पर्व पर प्रशासन की कड़ी सुरक्षा-व्यवस्था रहती है. मंदिरों में बैरिकेडिंग लगाकर कांवड़िया की भीड़ को नियंत्रित किया जाता है. इस काम में पुलिस का स्वयंसेवी संगठन सहयोग करते हैं, जिससे मंदिरों पर लाखों कांवड़िया पंक्तिबद्ध तरीके से जलाभिषेक करते हैं.
लाखों की संख्या में उमड़ते हैं श्रद्धालु
रात्रि 12 बजे के बाद से पृथ्वीनाथ मंदिर और दुखहरण नाथ मंदिर में भक्तों का तांता लगातार लगा रहा. लाखों की संख्या में भक्त बोल बम के नारे लगाते हुए मंदिरों में पहुंचे और अपनी मन्नत कर जलाभिषेक किया. आयोजक मंडल से संदीप मल्होत्रा ने बताया कि जिले में कजरी तीज का विशेष महत्व होता है.
इस दिन भक्त कई किलोमिटर पैदल चलकर जलाभिषेक करने आते हैं. दुखहरण नाथ मंदिर में जो भी भक्त सरयू से जल लेकर मंदिर में जलाभिषेक करता है, भोलेनाथ उसकी एक मनोकामना अवश्य पूरी करते हैं. इसी को लेकर लाखों की संख्या में भक्त मंदिर में उमड़ते हैं और लगभग सात लाख से अधिक भक्त अनेक मंदिरों में जलाभिषेक करते हैं.
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प्रशासन ने रखी खास सुविधाएं
मंदिर पर मौजूद जिलाधिकारी डॉ. नितिन बंसल ने बताया कि सावन माह से कई गुना ज्यादा गोण्डा जिले में कजरी तीज के पर्व पर श्रद्धालु आते हैं. रात्रि 12 बजे तक लगभग डेढ़ लाख श्रद्धालुओं ने जलाभिषेक कर दिया है और सुबह तक यह संख्या बढ़कर लगभग आठ लाख कांवड़ियों की हो जाती है. प्रशासन ने इसके लिए कड़ी सुरक्षा-व्यवस्था कर रखी है. सरयू घाट से लेकर मंदिर तक जगह-जगह स्टाल लगाए गए हैं, पुलिस की तैनाती की गई है और बैरिकेडिंग लगाई गई है, जिससे किसी प्रकार की कोई घटना न हो सके. सरयू घाट पर एसडीआरएफ की टीम मौजूद है, जिन्हें आपदा से निपटने के लिए तैनात किया गया है.