गोण्डा: जिले में आरा मशीन का लाइसेंस रद्द किए जाने और संचालन ठप होने से नाराज मशीन संचालकों ने शनिवार को प्रभागीय वन विभाग दफ्तर के कार्यालय के बाहर पहुंचकर प्रदर्शन किया. इस दौरान लोगों ने नारेबाजी भी की. प्रदर्शन कर रहे लोगों की मांग है कि उन्हें परमानेंट लाइसेंस जारी किया जाए, जिससे उनका संचालन शुरू हो सके. अगर मांगें नहीं पूरी होंगी तो वह आत्महत्या करने को मजबूर होगा.
गोण्डा जिले में 36 आरा मशीनों का लाइसेंस विभाग ने जारी कर सभी संचालकों से 5 वर्ष की फीस डेढ़ लाख रुपये जमा कराए थे और सभी को प्रोविजनल लाइसेंस जारी किया था. लाइसेंस मिलने के बाद सभी मशीन मालिकों ने मशीन स्थापित कर ली. 25 से 30 लाख रुपये मशीन को लगाने में खर्च हो गए. अब विभाग ने एनजीटी के आदेश का हवाला देते हुए उनकी मशीनों का संचालन ठप करा दिया है और उन्हें परमानेंट लाइसेंस भी नहीं जारी किया.
विभाग की मनमानी से आरा मशीन संचालकों के करोड़ों रुपये फंस गए हैं और लाइसेंस लेने वाले व्यापारी सड़क पर आ गए हैं. प्रदर्शन कर रहे उमेश कुमार सिंह ने बताया कि विभाग ने हम लोगों को लाइसेन्स जारी किया. अब एनजीटी के आदेश का हवाला देकर आरा मशीन बंद करा दिया है. विभाग ने डेढ़ लाख रुपये प्रत्येक आरा मशीन मालिक से जमा कर दिया है और उसके बाद 25 से 30 लाख रुपये का मशीन बैंक कर्ज लेकर स्थापित कर दिया.
उन्होंने कहा कि अब वन विभाग ने आरा मशीन का संचालन बंद करा दिया, जिससे हम लोगों के सामने रोजी-रोटी का संकट पैदा हो गया. वहीं हमारा पैसा भी डूब रहा है. हम लोगों के सामने आत्महत्या के सिवा कोई और रास्ता नहीं बचा है.
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