गोण्डा: नवाबगंज थाना क्षेत्र में पुलिस कस्टडी में देव नारायण यादव की मौत के मामले में आठ पुलिसकर्मियों पर गाज गिरी है. पुलिस अधीक्षक आकाश तोमर ने आठ पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया है. इस मामले में अब तक 10 निलंबित पुलिसकर्मियों की भूमिका की जांच हो रही है. इन सभी पर ड्यूटी में लापरवाही बरतने का आरोप लगा है. ये सभी पुलिसकर्मी युवक की मौत के समय थाने में मौजूद थे. निलंबित पुलिसकर्मियों में हेड कांस्टेबल मिथलेश सिंह, आरक्षी धर्मेंद्र, आरक्षी मनोज, हेड कांस्टेबल, एसओजी राकेश सिंह, अरुण यादव, आरक्षी आदित्य पल, अमित पाठक शामिल हैं.(Youth dies in police custody)
गौरतलब है कि जिले की नवाबगंज पुलिस की कस्टडी में पूछताछ के लिए लाए गए युवक देव नारायण यादव की मौत हो गई थी. परिजनों ने पुलिस पर पिटाई का आरोप लगाया है. झोलाझाप की हत्या के मामले में पुलिस ने पूछताछ के लिए देव नारायण यादव को बुलाया था. पूछताछ के दौरान युवक की तबीयत बिगड़ी और अस्पताल पहुंचने से पहले ही उसकी मौत हो गई.
मृतक युवक देवनारायण उर्फ देवा बिजली विभाग में संविदाकर्मी लाइनमैन की नौकरी करता था. 14 सितंबर को दोपहर 3 बजे प्रधान व पिता के सामने नवाबगंज पुलिस को पूछताछ के लिए सौंपा गया था. परिजन शव लेकर मॉर्चरी जा रहे पुलिस कर्मियों से भिड़ गए हैं और मौके पर एसपी आकाश तोमर को बुलाने की जिद करने लगे.
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मृतक के ताऊ राज बहादुर यादव का आरोप था कि कत्ल के एक मामले में पूछताछ के लिए बेटे को थाने बुलाया गया था. तीन बजे नवाबगंज के थाने के कोतवाल ने एसओजी वालों को लड़के को सौंप दिया. बाद में बताया गया कि लड़का बेहोश हो गया है जिला अस्पताल में देख लो आकर. जब अस्पताल पहुंचे तो बेटे की मौत हो चुकी थी. उनका आरोप है कि पुलिस वालों ने उसको मार डाला. इस मामले में इंसाफ मिलना चाहिए.
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वहीं, इस मामले को लेकर एसपी आकाश तोमर का कहना है कि मामले की जांच की जा रही है. सूचना मिली थी कि एक व्यक्ति को पूछताछ के लिए थाने में लाया गया था, उससे पूछताछ की जा रही थी. पता चला है कि उसकी तबीयत खराब हुई थी, उसे अस्पताल ले जाया गया था. जहां उसकी मौत हो गई है. परिवार वाले जो भी तहरीर देंगे उसके अनुसार ही कार्रवाई की जाएगी. पैनल से पोस्टमार्टम कराया जाएगा. किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा.
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