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गाजीपुर: कार्यशाला में बताए पुलिसकर्मियों को तनाव कम करने के गुर - workshop organized in ghazipur police line auditorium

उत्तर प्रदेश के गाजीपुर के पुलिस लाइन सभागार में 'जिंदगी फाउंडेशन' की तरफ से कार्यशाला का आयोजन किया गया. पुलिस महकमे में छुट्टी न मिलने से बढ़ रहा मानसिक दबाव कार्यशाला का अहम मुद्दा रहा.

पुलिस लाइन सभागार में कार्यशाला का किया गया आयोजन
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Published : Sep 14, 2019, 11:08 PM IST

गाजीपुर: पुलिस महकमे में बढ़ रही आत्महत्या के मामलों को लेकर पुलिस लाइन सभागार में कार्यशाला का आयोजन किया गया. कार्यक्रम में 'जिंदगी फाउंडेशन' ने पुलिस को चिंता, मानसिक तनाव और काम के लिए प्रेशर कम करने के गुर बताये.

पुलिस लाइन सभागार में कार्यशाला का किया गया आयोजन.

इसे भी पढ़ें :- गाजीपुर: वाहन चेंकिग के दौरान बदमाशों और पुलिस टीम के बीच मुठभेड़, कॉन्स्टेबल घायल

पुलिस लाइन सभागार में कार्यशाला का किया गया आयोजन
सर्वोच्च न्यायालय की अधिवक्ता ईशा यादव ने कार्यशाला में पुलिस को बताया कि पुलिस फोर्स में तैनात जवानों के तनाव का सबसे बड़ा वजह छुट्टियां न मिलना है इसलिये डीजीपी उत्तर प्रदेश को एक प्रपोजल भेजा गया है. जिसके अंतर्गत सभी पुलिस से जुड़े लोगों को सप्ताह में कम से कम एक छुट्टी देने का प्रावधान है.

नजदीक के पुलिस बल को रविवार को छुट्टी दी जाये. वहीं दूर रहने वालों को महीने के सभी रविवार को जोड़कर एक बार छुट्टी दी जाए.

योग प्राणायाम करने के दिये निर्देश
कार्यशाला में मौजूद आरक्षी और अधिकारी तालियां बजाकर रविवार को दी जाने वाली छुट्टी का समर्थन करते नजर आये. वहीं ईशा यादव ने योग प्राणायाम कर तनाव मुक्त रहने की बात भी कही क्योंकि अवसाद से पुलिस के जवान भी खुद को नहीं बचा पा रहे हैं. शायद यही वजह है कि आये दिन पुलिस महकमे में आत्महत्या के मामले सामने आ रहे हैं.


पुलिस महानिदेशक उत्तर प्रदेश ने सभी पुलिस अधिकारियों को यह निर्देश दिए हैं कि वह अधिनस्थ कर्मचारियों के स्ट्रेस की पुष्टि करें. कार्यशाला में भाग लिए आरटीसी और सिविल पुलिस के जवानों ने खुलकर अपने स्ट्रेस के कारण बताए.
-डॉ. अरविंद चतुर्वेदी, पुलिस अधीक्षक

गाजीपुर: पुलिस महकमे में बढ़ रही आत्महत्या के मामलों को लेकर पुलिस लाइन सभागार में कार्यशाला का आयोजन किया गया. कार्यक्रम में 'जिंदगी फाउंडेशन' ने पुलिस को चिंता, मानसिक तनाव और काम के लिए प्रेशर कम करने के गुर बताये.

पुलिस लाइन सभागार में कार्यशाला का किया गया आयोजन.

इसे भी पढ़ें :- गाजीपुर: वाहन चेंकिग के दौरान बदमाशों और पुलिस टीम के बीच मुठभेड़, कॉन्स्टेबल घायल

पुलिस लाइन सभागार में कार्यशाला का किया गया आयोजन
सर्वोच्च न्यायालय की अधिवक्ता ईशा यादव ने कार्यशाला में पुलिस को बताया कि पुलिस फोर्स में तैनात जवानों के तनाव का सबसे बड़ा वजह छुट्टियां न मिलना है इसलिये डीजीपी उत्तर प्रदेश को एक प्रपोजल भेजा गया है. जिसके अंतर्गत सभी पुलिस से जुड़े लोगों को सप्ताह में कम से कम एक छुट्टी देने का प्रावधान है.

नजदीक के पुलिस बल को रविवार को छुट्टी दी जाये. वहीं दूर रहने वालों को महीने के सभी रविवार को जोड़कर एक बार छुट्टी दी जाए.

योग प्राणायाम करने के दिये निर्देश
कार्यशाला में मौजूद आरक्षी और अधिकारी तालियां बजाकर रविवार को दी जाने वाली छुट्टी का समर्थन करते नजर आये. वहीं ईशा यादव ने योग प्राणायाम कर तनाव मुक्त रहने की बात भी कही क्योंकि अवसाद से पुलिस के जवान भी खुद को नहीं बचा पा रहे हैं. शायद यही वजह है कि आये दिन पुलिस महकमे में आत्महत्या के मामले सामने आ रहे हैं.


पुलिस महानिदेशक उत्तर प्रदेश ने सभी पुलिस अधिकारियों को यह निर्देश दिए हैं कि वह अधिनस्थ कर्मचारियों के स्ट्रेस की पुष्टि करें. कार्यशाला में भाग लिए आरटीसी और सिविल पुलिस के जवानों ने खुलकर अपने स्ट्रेस के कारण बताए.
-डॉ. अरविंद चतुर्वेदी, पुलिस अधीक्षक

Intro:यूपी पुलिस में छुट्टियों की किल्लत, अवसाद से बढ़ रहे आत्महत्या के मामले


गाजीपुर। खबर गाजीपुर से है। जहां पुलिस महकमे में बढ़ रही आत्महत्या के मामलों को लेकर पुलिस लाइन सभागार में कार्यशाला का आयोजन किया गया। जिसमें जिंदगी प्राथमिकता फाउंडेशन द्वारा पुलिस को चिंता, मानसिक तनाव और काम के प्रेशर को कम करने के गुर बताये गए। कार्यशाला के पुलिस महकमे में छुट्टी न मिलने से बढ़ रहा मानसिक दबाव अहम मुद्दा रहा।




Body:सर्वोच्च नयायालय की अधिवक्ता ईशा यादव ने पुलिस को बताया कि तनाव को क्या कैसे कम किया जा सकता है । उन्होंने बताया कि खासकर पुलिस फोर्स में तैनात जवानों के तनाव की सबसे बड़ी वजह छुट्टियां न मिलना है। इसलिए डीजीपी उत्तर प्रदेश को प्रपोजल भेजा गया है। जिसमें सभी पुलिस से जुड़े लोगों को सप्ताह में कम से कम एक छुट्टी देने का प्रावधान है। नजदीक के पुलिस बल को रविवार को छुट्टी दी जाए। वहीं दूर रहने वालों को महीने के सभी रविवार को जोड़कर एक बार छुट्टी दी जाए।

मौजूद आरक्षी और अधिकारी तालियां बजाकर इस बात का समर्थन करते नज़र आए। वही उनके द्वारा योग प्राणायाम कर तनाव मुक्त रहने की बात भी कही गई। क्योंकि अवसाद से पुलिस के जवान भी खुद को नहीं बचा पा रहे हैं। शायद यही बड़ी वजह है कि आए दिन हो पुलिस महकमे में आत्महत्या के मामले सामने आ रहे हैं। खासकर यह मामले पुलिस फोर्स सेना और पैरामिलिट्री फोर्स में ज्यादातर देखने को मिल रहे हैं।




Conclusion:इस मामले में पुलिस अधीक्षक डॉ अरविंद चतुर्वेदी ने बताया कि पुलिस महानिदेशक उत्तर प्रदेश द्वारा सभी पुलिस अधिकारियों को यह निर्देश दिए हैं की वह अधिनस्थ कर्मचारियों के स्ट्रेस की पुष्टि करें। साथ ही उनकी राय के मुताबिक उन्हें डिस्कस करने का प्रयास करें। कार्यशाला में आरटीसी और सिविल पुलिस के जवानों ने भाग लिया। उन्होंने खुलकर अपनी स्ट्रेस के कारण बताएं। एसपी ने कहा कि डी स्ट्रेस के लिए बराबर संवाद बनाए रखने की आवश्यकता है।

बाइट - डॉ अरविंद चतुर्वेदी ( पुलिस अधीक्षक गाजीपुर )
बाइट - ईशा यादव ( सर्वोच्च नयायालय की अधिवक्ता ), विजुअल

उज्ज्वल कुमार राय, 7905590960
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