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परिवार नियोजन संबंधी वर्कशॉप का आयोजन, दिखाई गई फिल्म - जनसंख्या नियंत्रण पर वर्कशॉप का आयोजन

गाजीपुर जिला अस्पताल में स्वास्थ्य विभाग ने परिवार नियोजन के लिए दो दिवसीय वर्कशॉप का आयोजन किया. इसमें सीएचओ, स्टॉफ नर्स और एएनएम को गर्भनिरोधक और परिवार नियोजन पर आधारित शॉर्ट फिल्म दिखाकर प्रशिक्षित किया गया.

जनसंख्या नियंत्रण के लिए दिया गया प्रशिक्षण
जनसंख्या नियंत्रण के लिए दिया गया प्रशिक्षण
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Published : Feb 25, 2021, 4:40 PM IST

गाजीपुर: जिला अस्पताल में स्वास्थ्य विभाग ने परिवार नियोजन की जानकारी के लिए दो दिवसीय वर्कशॉप का आयोजन किया. इसमें प्रशिक्षुओं को महिलाओं को गर्भनिरोधक संसाधनों की जानकारी देने के लिए प्रशिक्षित किया गया. प्रशिक्षण के लिए आए लोगों को वीडियो के जरिए गर्भनिरोधक पर बनी शॉर्ट फिल्म दिखाकर प्रशिक्षित किया गया.

जनसंख्या नियंत्रण के लिए अपनाना होगा ये रास्ता
जनसंख्या नियंत्रण के लिए स्वास्थ्य विभाग समय-समय पर गर्भनिरोधक संसाधनों के बारे में लोगों को जागरूक करता है. ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों को समझाने की जिम्मेदारी सीएचओ, स्टॉफ नर्स और एएनएम की होती है. इन्हीं विषयों पर जानकारी देने के लिए दो दिवसीय वर्कशॉप का आयोजन किया गया. साथ ही लोगों को गर्भनिरोधक संसाधनों की जानकारी देने के लिए शॉर्ट फिल्म दिखाकर प्रशिक्षित किया गया.

इसे भी पढ़ें-15 मार्च तक बाजार में आ सकती है कोरोना वैक्सीन- सीएम योगी

गर्भनिरोधक संसाधनों की विस्तार से दी गई जानकारी
वर्कशॉप में आए सीएचओ, स्टॉफ नर्स और एएनएम को गर्भनिरोधक के सभी संसाधनों के बारे में विस्तृत रूप से जानकारी दी गई. इस दौरान उन्हें जच्चा-बच्चा के स्वास्थ्य का मंत्र, बच्चों में तीन साल का अंतर के बारे में बताया गया, जिसके लिए उन्हें आईयूसीडी, अंतरा इंजेक्शन, माला एन गोली, छाया सप्ताहिक गोली और कंडोम के बारे में जानकारी दी गई. प्रशिक्षण के दौरान बताया गया कि आईयूसीडी (380A)10 साल के लिए और आईयूसीडी (375) 5 साल के लिए प्रभावी है. आईयूसीडी लगवाने के बाद पहले दो से तीन महीने तक ज्यादा रक्त स्राव हो सकता है. पेडू में दर्द हो सकता है यह एक सामान्य प्रक्रिया है.

इसे भी पढ़ें-पशु आवास के नाम पर रिश्वत मांगने का ऑडियो वायरल, जांच के आदेश

आईयूसीडी इस्तेमाल
आईयूसीडी का इस्तेमाल महिलाएं कर सकती हैं. पेट के ऑपरेशन के माध्यम से बच्चे को जन्म दे चुकी महिलाएं भी इसका प्रयोग कर गर्भधारण की अवधि को अपने अनुरूप तय करती हैं. असुरक्षित संभोग के दिनों के भीतर लगाए जाने पर इसका इस्तेमाल एक आपातकालीन गर्भनिरोध के रूप में भी किया जा सकता है.

अंतरा तिमाही इंजेक्शन का इस्तेमाल हो सकता है कारगर
डॉक्टरों ने बताया कि अंतरा इंजेक्शन तिमाही इंजेक्शन है, जिसे लगवाने के लिए प्रतिष्ठित डॉक्टर से जांच करवाना आवश्यक है. इसे लगवाने के बाद माहवारी में कुछ बदलाव, जैसे कम या ज्यादा आना या महावारी बंद हो सकती है. बताया गया कि छाया गोली को स्तनपान कराने वाली माताएं भी उपयोग कर सकती हैं. एनीमिया से ग्रसित महिलाओं के लिए लाभकारी है क्योंकि छाया खाने के बाद महावारी थोड़ी कम होती है व ज्यादा अंतराल पर होती है.

गाजीपुर: जिला अस्पताल में स्वास्थ्य विभाग ने परिवार नियोजन की जानकारी के लिए दो दिवसीय वर्कशॉप का आयोजन किया. इसमें प्रशिक्षुओं को महिलाओं को गर्भनिरोधक संसाधनों की जानकारी देने के लिए प्रशिक्षित किया गया. प्रशिक्षण के लिए आए लोगों को वीडियो के जरिए गर्भनिरोधक पर बनी शॉर्ट फिल्म दिखाकर प्रशिक्षित किया गया.

जनसंख्या नियंत्रण के लिए अपनाना होगा ये रास्ता
जनसंख्या नियंत्रण के लिए स्वास्थ्य विभाग समय-समय पर गर्भनिरोधक संसाधनों के बारे में लोगों को जागरूक करता है. ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों को समझाने की जिम्मेदारी सीएचओ, स्टॉफ नर्स और एएनएम की होती है. इन्हीं विषयों पर जानकारी देने के लिए दो दिवसीय वर्कशॉप का आयोजन किया गया. साथ ही लोगों को गर्भनिरोधक संसाधनों की जानकारी देने के लिए शॉर्ट फिल्म दिखाकर प्रशिक्षित किया गया.

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गर्भनिरोधक संसाधनों की विस्तार से दी गई जानकारी
वर्कशॉप में आए सीएचओ, स्टॉफ नर्स और एएनएम को गर्भनिरोधक के सभी संसाधनों के बारे में विस्तृत रूप से जानकारी दी गई. इस दौरान उन्हें जच्चा-बच्चा के स्वास्थ्य का मंत्र, बच्चों में तीन साल का अंतर के बारे में बताया गया, जिसके लिए उन्हें आईयूसीडी, अंतरा इंजेक्शन, माला एन गोली, छाया सप्ताहिक गोली और कंडोम के बारे में जानकारी दी गई. प्रशिक्षण के दौरान बताया गया कि आईयूसीडी (380A)10 साल के लिए और आईयूसीडी (375) 5 साल के लिए प्रभावी है. आईयूसीडी लगवाने के बाद पहले दो से तीन महीने तक ज्यादा रक्त स्राव हो सकता है. पेडू में दर्द हो सकता है यह एक सामान्य प्रक्रिया है.

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आईयूसीडी इस्तेमाल
आईयूसीडी का इस्तेमाल महिलाएं कर सकती हैं. पेट के ऑपरेशन के माध्यम से बच्चे को जन्म दे चुकी महिलाएं भी इसका प्रयोग कर गर्भधारण की अवधि को अपने अनुरूप तय करती हैं. असुरक्षित संभोग के दिनों के भीतर लगाए जाने पर इसका इस्तेमाल एक आपातकालीन गर्भनिरोध के रूप में भी किया जा सकता है.

अंतरा तिमाही इंजेक्शन का इस्तेमाल हो सकता है कारगर
डॉक्टरों ने बताया कि अंतरा इंजेक्शन तिमाही इंजेक्शन है, जिसे लगवाने के लिए प्रतिष्ठित डॉक्टर से जांच करवाना आवश्यक है. इसे लगवाने के बाद माहवारी में कुछ बदलाव, जैसे कम या ज्यादा आना या महावारी बंद हो सकती है. बताया गया कि छाया गोली को स्तनपान कराने वाली माताएं भी उपयोग कर सकती हैं. एनीमिया से ग्रसित महिलाओं के लिए लाभकारी है क्योंकि छाया खाने के बाद महावारी थोड़ी कम होती है व ज्यादा अंतराल पर होती है.

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